राहुल गांधी EC: लोकसभा में नेता विपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने गुरुवार, 18 सितंबर को प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए।
उन्होंने कहा कि मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार वोट चोरों को बचा रहे हैं और लोकतंत्र को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं।
राहुल गांधी ने दावा किया कि कर्नाटक के आलंद विधानसभा क्षेत्र में वोट चोरी हुई है और चुनाव आयोग इस मामले में निष्पक्ष कार्रवाई नहीं कर रहा।
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राहुल गांधी EC: गलत और निराधार आरोप
राहुल गांधी की प्रेस कॉन्फ्रेंस खत्म होने के तुरंत बाद ही चुनाव आयोग ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपना जवाब साझा किया। आयोग ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि राहुल गांधी के आरोप पूरी तरह से गलत और निराधार हैं।
आयोग ने कहा कि किसी भी आम नागरिक के पास ऑनलाइन वोट डिलीट करने का अधिकार नहीं होता।
यदि किसी वोटर का नाम सूची से हटाया जाता है, तो उससे पहले प्रभावित व्यक्ति को नोटिस भेजकर सुनवाई का अवसर दिया जाता है।
किसी भी तरह की गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं
आयोग ने यह भी बताया कि 2023 में आलंद विधानसभा क्षेत्र में वोट डिलीट करने की असफल कोशिश जरूर हुई थी, लेकिन उस पर खुद चुनाव आयोग ने एफआईआर दर्ज करवाई थी।
इस आधार पर आयोग ने राहुल गांधी के आरोपों को तथ्यों से परे बताया और कहा कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया में किसी भी तरह की गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
वोट चोरी की कोई संगठित साजिश
आलंद विधानसभा क्षेत्र का राजनीतिक इतिहास भी इस विवाद के केंद्र में आ गया। आयोग ने यह याद दिलाया कि 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के सुबध गुट्टेदार विजयी हुए थे,
जबकि 2023 में कांग्रेस के बी.आर. पाटिल ने जीत दर्ज की। आयोग का कहना है कि अगर वोट चोरी की कोई संगठित साजिश होती, तो परिणाम पूरी तरह अलग हो सकते थे।
पड़ोसी ने मानने से किया इंकार
प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल गांधी ने कहा कि आलंद में बूथ लेवल ऑफिसर को पता चला कि उनके रिश्तेदार का वोट डिलीट कर दिया गया था। जब उन्होंने जांच की तो सामने आया कि पड़ोसी के नाम पर यह डिलीशन किया गया है।
हालांकि पड़ोसी ने इसे मानने से इंकार कर दिया। राहुल ने इस घटना को लोकतंत्र के खिलाफ साजिश करार दिया और कहा कि यह सब योजनाबद्ध तरीके से किया जा रहा है।
राहुल गांधी ने की चुनाव आयोग से मांग
कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी की मांग है कि मुख्य चुनाव आयुक्त उन लोगों को बचाना बंद करें जो लोकतंत्र को कमजोर कर रहे हैं।
राहुल गांधी ने चुनाव आयोग से यह भी मांग की कि वह एक हफ्ते के भीतर कर्नाटक सीआईडी को इस मामले में स्पष्ट जवाब दे और जिम्मेदार लोगों पर कड़ी कार्रवाई करे।
उनका कहना था कि संविधान ने विपक्ष को अधिकार दिया है और वे लोकतंत्र बचाने की लड़ाई लड़ेंगे।
किसी भी तरह की हेरफेर का प्रयास गंभीर
चुनाव आयोग ने हालांकि अपने रुख में किसी तरह की ढील नहीं दिखाई और साफ किया कि वोट डिलीशन की हर प्रक्रिया नियमों और कानूनी प्रावधानों के तहत ही की जाती है।
किसी भी नागरिक का नाम मतदाता सूची से बिना सूचना और सुनवाई के नहीं हटाया जा सकता।
आयोग का यह कहना था कि उसकी सर्वोच्च प्राथमिकता लोकतंत्र को मजबूत करना है और किसी भी तरह की हेरफेर का प्रयास गंभीर अपराध माना जाएगा।
चुनाव आयोग निष्पक्ष भूमिका नहीं निभा रहा
यह विवाद इसलिए बड़ा बन गया है क्योंकि 2024 लोकसभा चुनाव के बाद राहुल गांधी विपक्ष के नेता बने हैं और लगातार संवैधानिक संस्थाओं की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रहे हैं।
कांग्रेस का आरोप है कि चुनाव आयोग निष्पक्ष भूमिका नहीं निभा रहा, जबकि आयोग लगातार खुद को स्वतंत्र और पारदर्शी संस्था के रूप में प्रस्तुत करता आ रहा है।
आलंद विधानसभा का मामला इसी खींचतान का नया अध्याय बन गया है।