Thursday, September 19, 2024

Rahul Gandhi: राहुल गांधी के बधाई संदेशों में भगवान की तस्वीरों से परहेज… जन्माष्टमी पर भी छलका ‘सेकुलरिज्म’

Must read

Rahul Gandhi’s ‘secularism’ in Hindu greetings: सनातन मानने वाले हिंदुओं के लिए देवी-देवताओं और भगवान की मूर्तियां आस्था का विषय है। जब भी हिंदू त्यौहार आते हैं सनातनी लोग भगवान की तस्वीरें लगे बधाई संदेश सोशल मीडिया पर एक दूसरे को पोस्ट कर बधाई देते हैं, लेकिन कांग्रेस नेता राहुल गांधी हर बार अपने बधाई संदेशों में भगवान के चित्र लगाने से परहेज करते हैं। चाहे ये संदेश राम नवमी का हो, गणेश चतुर्थी का या श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का, राहुल गांधी ने अपने किसी बधाई संदेश में भगवान की तस्वीर लगाना उचित नहीं समझा। इसके लिए शायद उनका ‘सेकुलरिज्म’ इसकी इजाजत नहीं देता।

WhatsApp Channel Join Now
Telegram Channel Join Now

जन्माष्टमी संदेश से श्रीकृष्ण गायब

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के ‘सेकुलरिज्म’ का ताजा उदाहरण देखें तो ने जन्माष्टमी पर राहुल ने एक पोस्ट साझा किया है। इस पोस्ट में उन्होंने एक बाँसुरी और मोरपंख के साथ जन्माष्टमी की बधाई दी और लिखा, “सभी को श्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाए एवं बधाई। आशा करता हूँ कि हर्ष और उल्लास का यह पर्व आप सभी के जीवन को नई उमंग एवं उत्साह से भर दे।” राहुल गाँधी के पोस्ट में जन्माष्टमी की बधाई तो दे दी गई, ये तो कह दिया गया कि ये पर्व हर्ष और उल्लास का है लेकिन इसे हिंदू मनाते क्यों हैं और किनके जन्म के कारण इसकी महत्वता है इस पर एक शब्द नहीं लिखा और न ही श्रीकृष्ण का चित्र लगाना उचित समझा।

महाशिवरात्रि की बधाई में शिव नहीं

ये पहली बार नहीं है जब राहुल गाँधी के सोशल मीडिया पोस्टों से भगवानों की मूर्तियां ही गायब मिली हों। ये सिलसिला पुराना है। राहुल गाँधी ने महाशिवरात्रि के मौके पर कैलाश पर्वत की तस्वीर लगा सकते हैं, लेकिन प्रतीक के तौर पर उनसे शिवलिंग की तस्वीर नहीं लग पाती। जगन्नाथ यात्रा के वक्त वो मंदिर के शिखर की तस्वीर लगाकर शुभकामनाएँ दे सकते हैं मगर न रथ की फोटो और न भगवान जगन्नाथ की फोटो लगा सकते हैं।

गणेश चतुर्थी, रामनवमी संदेश में भी तस्वीर गायब

इसी तरह गणेश चतुर्थी पर राहुल गाँधी मोद, भोग, अगरबत्ती सबकी तस्वीरें लगा सकते हैं लेकिन उन्हें अपने पोस्ट में गणेश जी की फोटो लगाने में ससमस्या हो जाती है। इसी प्रकार श्री रामनवमी पर टेक्स्ट के तौर पर राम नवमी लिखकर बधाई देना उन्हें आसान पड़ता है मगर श्रीराम का चित्र लगाना उनके लिए मुश्किल काम है। इसके अलावा दीवाली पर तो राहुल गाँधी बिन किसी तस्वीर के ही शुभकामना दे देते हैं।

“हिंदू हिंसक…तस्वीर भगवान की?”

यही राहुल गाँधी को जब हिंदू धर्म पर सवाल खड़ा करना होता है, हिंदुओं को हिंसक दिखाकर देवताओं का अपमान करना होता है तो वो फौरन संसद में भगवान की तस्वीरें दिखाने से परहेज नहीं करते क्योंकि वहाँ पर मंशा हिंदुओं को बदनाम करने की होती है लेकिन बात जैसे ही हिंदुओं की आस्था को सम्मान देने की आती है वो चालाकी से उन्हीं तस्वीरों को छिपा लेते हैं। राहुल गाँधी के ऐसे दोहरे रवैया के बारे में अब नेटिजन्स भी अच्छे से जान गए हैं।

- Advertisement -spot_img

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -spot_img

Latest article