Overheating: आजकल काम से लेकर एंटरटेनमेंट और गेमिंग तक, हर चीज़ में लैपटॉप हमारी ज़िंदगी का अहम हिस्सा बन चुका है।
लेकिन अक्सर यूजर्स को एक बड़ी समस्या का सामना करना पड़ता है—लैपटॉप का ज़्यादा गर्म होना।
सामान्य इस्तेमाल के दौरान हीट निकलना स्वाभाविक है, क्योंकि प्रोसेसर और बैटरी लगातार एक्टिव रहते हैं।
मगर जब यह हीट सामान्य से कहीं अधिक हो जाए, तो यह खतरे का संकेत है।
ओवरहीटिंग न केवल परफॉर्मेंस को धीमा कर देती है बल्कि इंटरनल हार्डवेयर को भी नुकसान पहुंचा सकती है।
आइए जानते हैं लैपटॉप के ओवरहीट होने के प्रमुख कारण और उनके समाधान।
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Overheating: एयर वेंट्स का ब्लॉक होना
लैपटॉप के एयर वेंट्स सिस्टम को ठंडा रखने में अहम भूमिका निभाते हैं।
कई बार डस्ट, गंदगी या किसी अन्य कारण से ये वेंट्स ब्लॉक हो जाते हैं।
Overheating: जब एयरफ्लो रुक जाता है, तो कूलिंग सिस्टम भी पूरी क्षमता से काम नहीं कर पाता और लैपटॉप तेजी से गर्म होने लगता है।
इससे बचने का सबसे आसान तरीका है—रेगुलर क्लीनिंग करना और लैपटॉप को हमेशा ऐसी जगह इस्तेमाल करना जहां वेंटिलेशन की कोई दिक्कत न हो।
ज़्यादा लोड डालना
Overheating: लैपटॉप पर लगातार हैवी सॉफ्टवेयर चलाना, एक साथ कई एप्लिकेशन खोलना, वीडियो एडिटिंग या गेमिंग जैसी हाई-परफॉर्मेंस टास्क करना प्रोसेसर और ग्राफिक्स कार्ड पर काफी दबाव डालता है।
ऐसे समय पर आपने महसूस किया होगा कि लैपटॉप तुरंत गर्म होने लगता है।
इस समस्या का हल है—बैकग्राउंड में चल रही गैर-जरूरी ऐप्स को बंद कर देना और जिन एप्लिकेशन की ज़रूरत न हो उन्हें अनइंस्टॉल कर देना।
Overheating: थर्मल पेस्ट का खराब होना
CPU और GPU की गर्मी को कूलिंग सिस्टम तक पहुंचाने का काम थर्मल पेस्ट करता है।
लेकिन समय के साथ यह पेस्ट सूख जाता है या अपनी क्षमता खो देता है।
नतीजतन, हीट सही तरीके से डिस्ट्रीब्यूट नहीं हो पाती और लैपटॉप ओवरहीट होने लगता है।
Overheating: ऐसे में प्रोफेशनल टेक्नीशियन से थर्मल पेस्ट बदलवाना सबसे बेहतर उपाय है।
कूलिंग फैन में खराबी
Overheating: कूलिंग फैन लैपटॉप की जान है। अगर यह ठीक से काम न करे या उसकी स्पीड कम हो जाए, तो हीट बाहर नहीं निकल पाती।
इसका सीधा असर लैपटॉप की परफॉर्मेंस पर पड़ता है। यदि कूलिंग फैन खराब हो जाए, तो रिपेयर या रिप्लेसमेंट ही एकमात्र समाधान है।