भारी बारिश में राष्ट्रपति का अदम्य राष्ट्रप्रेम
दिल्ली 15 अगस्त, स्वतंत्रता दिवस की सुबह घने बादलों और लगातार बरसती बारिश के बीच भी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के कदम रुक नहीं सके।
भारी बारिश के बीच, राष्ट्रीय युद्ध स्मारक की ओर बढ़ती राष्ट्रपति की दृढ़ चाल जैसे देश के हर नागरिक के हृदय में गर्व की लहर दौड़ा रही थी।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर शहीदों को नमन करने के अपने पूर्वनिर्धारित कार्यक्रम को भारी बारिश में भी यथावत रखा और भीगते हुए नमन करने पहुंचीं।
उनकी आंखों में शहीदों के प्रति असीम श्रद्धा और चेहरें पर मातृभूमि के लिए समर्पण की दृढ़ चमक साफ झलक रही थी।
शहीदों के प्रति अनंत नमन
बारिश की बूंदें जैसे उनकी साड़ी और बालों पर मोती बनकर ठहर रही थीं, वैसे ही उनके हर कदम पर देश का सम्मान झलक रहा था।
राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर पहुंचकर उन्होंने सिर झुकाया तो वह क्षण केवल एक औपचारिक श्रद्धांजलि भर नहीं, बल्कि भारत माता के वीर सपूतों के प्रति एक मातृहृदय का मर्मस्पर्शी प्रेम था।

उनके हाथों का सैल्यूट मानो अमर जवान ज्योति की लौ के साथ एकाकार हो गया।
मातृभूमि के लिए अटूट आस्था का प्रतीक
इस दौरान चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ, तीनों सेनाओं के प्रमुख और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सहित सभी उपस्थित लोग भीगते हुए उनके साथ खड़े रहे।
राष्ट्रपति के चेहरे पर गर्व और आस्था की जो आभा थी, उसने हर किसी के मन में भावनाओं का सैलाब ला दिया।
वह क्षण जैसे कह रहा था, चाहे मौसम कितना ही प्रतिकूल हो, भारत का हृदय अपने वीरों के लिए कभी नहीं थमता, और उसकी धड़कनें सदा तिरंगे के साथ धड़कती हैं।