थाने सगने राम राम। राजस्थान के राज्यपाल हरिभाव बागड़े जी, यहाँ के लोकप्रिय मुख्यमंत्री श्रीमान भजन लाल जी, पूर्व मुख्यमंत्री बहन वसुंधरा राजे जी, केंद्रीय कैबिनेट के मेरे साथी अश्विनी वैष्णव जी, अर्जुन राम मेघवाल जी, राजस्थान की उप-मुख्यमंत्री दीया कुमारी जी, प्रेमचंद जी, राजस्थान सरकार के अन्य मंत्रीगण, संसद में मेरे साथी मदन राठौड़ जी, अन्य सांसद और विधायकगण, और मेरे प्यारे भाइयों और बहनों, आप सभी यहाँ इतनी विशाल संख्या में आए हैं, और इतनी भयंकर गर्मी के बीच।
आज इस कार्यक्रम से देश के 18 राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों से भी लाखों लोग ऑनलाइन आज यहाँ हमारे साथ जुड़े हैं। अनेक राज्यों के राज्यपाल, मुख्यमंत्री, लेफ्टिनेंट गवर्नर, अन्य जनप्रतिनिधि आज हमारे साथ हैं। मैं देश भर से जुड़े सभी महानुभावों का, जनता जनार्दन का अभिनंदन करता हूँ।
भाइयों और बहनों, मैं यहाँ पर करणी माता का आशीर्वाद लेकर आपके बीच आया हूँ। करणी माता के आशीर्वाद से विकसित भारत बनाने का हमारा संकल्प और मजबूत हो रहा है। थोड़ी देर पहले विकास से जुड़ी 26,000 करोड़ की परियोजनाओं का यहाँ शिलान्यास और लोकार्पण हुआ है। मैं इन परियोजनाओं के लिए देशवासियों को, राजस्थान के मेरे भाई-बहनों को बहुत-बहुत बधाई देता हूँ।
साथियों, विकसित भारत बनाने के लिए आज देश में आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने का बहुत बड़ा महायज्ञ चल रहा है। हमारे देश की सड़कें आधुनिक हों, हमारे देश के एयरपोर्ट आधुनिक हों, हमारे यहाँ रेल और रेलवे स्टेशन आधुनिक हों, इसके लिए पिछले 11 साल में अभूतपूर्व गति से काम किया गया है। आप कल्पना कर सकते हैं। इंफ्रास्ट्रक्चर के इन कामों पर देश पहले जितना पैसा खर्च करता था, आज उससे छह गुना ज्यादा पैसा खर्च कर रहा है। छह गुना ज्यादा। आज भारत में हो रहे इन विकास कार्यों को देखकर दुनिया भी हैरान है।
आप उत्तर में जाएँगे तो चेनाब ब्रिज जैसा निर्माण देखकर लोग हैरान हैं। पूर्व की तरफ जाएँगे तो अरुणाचल की सेला टनल, असम का बोगी बिल ब्रिज आपका स्वागत करते हैं। पश्चिम भारत में आएँगे, तो मुंबई में समंदर पर बना अटल सेतु नजर आएगा। सुदूर दक्षिण में देखेंगे तो पंबन ब्रिज मिलेगा, जो अपनी तरह का देश का पहला ब्रिज है। साथियों, आज भारत अपनी ट्रेनों के नेटवर्क को भी आधुनिक कर रहा है। ये वंदे भारत [संगीत] ट्रेनें, अमृत भारत [संगीत] ट्रेनें, नमो भारत ट्रेनें, यह देश की नई गति और नई प्रगति को दर्शाती हैं। अभी देश में करीब 70 रूट पर वंदे भारत ट्रेनें चल रही हैं। इससे दूर-सुदूर के इलाकों में भी आधुनिक रेल पहुँची है।
बीते 11 साल में सैकड़ों रोड ओवरब्रिज और रोड अंडर ब्रिज का निर्माण किया गया है। 34,000 कि.मी. से ज्यादा के नए रेल ट्रैक बिछाए गए हैं। अब ब्रॉड गेज लाइनों पर मानव रहित क्रॉसिंग, वो बात इतिहास बन चुकी है। खत्म हो चुकी है। हम मालगाड़ियों के लिए अलग से स्पेशल पटरियाँ, डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का काम भी तेजी से पूरा कर रहे हैं। देश के पहले बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है, और इन सबके साथ ही हम एक साथ देश के करीब 1300 से अधिक रेलवे स्टेशनों को भी आधुनिक बना रहे हैं।
साथियों, आधुनिक हो रहे इन रेलवे स्टेशनों को देश ने अमृत भारत स्टेशन का नाम दिया। आज इनमें से 100 से अधिक अमृत भारत स्टेशन बनकर तैयार हो गए। सोशल मीडिया पर भी लोग देख रहे हैं कि इन रेलवे स्टेशनों का पहले क्या हाल था, और अब कैसे इनकी तस्वीर बदल गई है। साथियों, विकास भी, विरासत भी, इस मंत्र का इन अमृत भारत रेलवे स्टेशनों पर उसका नजारा साफ-साफ दिखाई देता है। ये स्थानीय कला और संस्कृति के भी नए प्रतीक हैं।
जैसे राजस्थान के मांडलगढ़ रेलवे स्टेशन पर महान राजस्थानी कला-संस्कृति के दर्शन होंगे। बिहार के थावे स्टेशन पर माँ थावे वाली के पावन मंदिर और मधुबनी चित्रकला को दर्शाया गया है। मध्य प्रदेश के ओरछा रेलवे स्टेशन पर आपको भगवान राम के आभा का एहसास होगा। श्रीरंगम स्टेशन का डिज़ाइन भगवान श्री रंगनाथ स्वामी जी के मंदिर से प्रेरित है। गुजरात का डाकोर स्टेशन रणथोड़ राय जी से प्रेरित है।
तिरुवनमल स्टेशन ग्रामीण वास्तुकला के अनुसार डिज़ाइन किया गया है। बेगमपेट स्टेशन पर आपको काकतीय साम्राज्य के समय का आर्किटेक्चर देखने को मिलेगा। यानी हर अमृत स्टेशन पर आपको भारत की हजारों साल पुरानी विरासत के दर्शन भी होंगे। यह स्टेशन हर राज्य में टूरिज़्म को भी बढ़ावा देने के माध्यम बनेंगे। नौजवानों को रोज़गार के नए मौके देंगे।
और मैं उन-उन शहर के नागरिकों को, रेलवे में यात्रा करने वाले पैसेंजर से प्रार्थना करूँगा, यह सारी संपत्ति के मालिक आप हैं। कभी भी वहाँ गंदगी ना हो। इस संपत्ति का नुकसान ना हो, क्योंकि आप उसके मालिक हैं।
साथियों, इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने के लिए जो पैसा सरकार खर्च करती है, वो रोज़गार भी बनाता है। व्यापार-कारोबार भी बढ़ाता है। जो हजारों करोड़ रुपये सरकार लगा रही है, यह पैसा मजदूर की जेब में जा रहा है। यह दुकानदार को मिल रहा है। दुकान और फैक्ट्री में काम करने वाले लोगों को मिल रहा है। रेत, बजरी, सीमेंट, यह सारी चीजें ढूंढने वाले, ट्रक, टेम्पो चलाने वालों को भी इससे फायदा होता है।
और जब यह इंफ्रास्ट्रक्चर बनकर तैयार हो जाता है, तो फिर अनेक गुना और फायदे होते हैं। किसान की उपज कम कीमत में बाज़ार तक पहुँचती है। वेस्टेज कम होती है। जहाँ सड़कें अच्छी होती हैं, नई ट्रेनें पहुँचती हैं, वहाँ नए उद्योग लगते हैं। पर्यटन को बहुत बढ़ावा मिलता है। यानी इंफ्रास्ट्रक्चर पर लगने वाले पैसे से हर परिवार का, खासतौर पर हमारे नौजवानों का सबसे अधिक फायदा होता है।
साथियों, इंफ्रास्ट्रक्चर पर जो काम हो रहा है, उसका हमारे राजस्थान को भी बड़ा लाभ मिल रहा है। आज राजस्थान के गाँव-गाँव में अच्छी सड़कें बन रही हैं। बॉर्डर के इलाकों में भी शानदार सड़कें बन रही हैं। इसके लिए बीते 11 साल में अकेले राजस्थान में करीब-करीब 70 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। राजस्थान में रेलवे के विकास के लिए भी केंद्र सरकार इस साल करीब 10,000 करोड़ खर्च करने जा रही है।
ये 2014 से पहले की तुलना में 15 गुना अधिक है। अभी थोड़ी देर पहले ही यहाँ से मुंबई के लिए एक नई ट्रेन को हरी झंडी दिखाई गई है। आज ही कई इलाकों में स्वास्थ्य, जल और बिजली से जुड़ी योजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण हुआ है। इन सारे प्रयासों का लक्ष्य है कि हमारे राजस्थान के शहर हों या गाँव, तेज़ी से उन्नति की ओर बढ़ सकें। राजस्थान के युवाओं को उनके शहर में ही अच्छे अवसर मिल सकें।
साथियों, राजस्थान के औद्योगिक विकास के लिए भी डबल इंजन सरकार तेज़ी से काम कर रही है। अलग-अलग सेक्टर्स के लिए यहाँ भजन लाल जी की सरकार ने नई औद्योगिक नीतियाँ जारी की हैं। बीकानेर को भी इन नई नीतियों का लाभ मिलेगा। और आप तो जानते हैं, जब बीकानेर की बात आती है, तो बीकानेर भुजिया का स्वाद और बीकानेर रसगुल्लों की [संगीत] मिठास विश्व भर अपनी पहचान बनाएगी भी और बढ़ाएगी भी।
राजस्थान की रिफाइनरी का काम भी अंतिम चरण में है। इससे राजस्थान पेट्रोलियम आधारित उद्योगों का प्रमुख हब बनेगा। अमृतसर से जामनगर तक जो सिक्स लेन का इकोनॉमिक कॉरिडोर बन रहा है, वो राजस्थान में श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, बीकानेर, जोधपुर, बाड़मेर और जालौर से गुजर रहा है। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे का काम भी राजस्थान में लगभग पूरा हो गया है। कनेक्टिविटी का यह अभियान राजस्थान में औद्योगिक विकास को नई ऊँचाई पर ले जाएगा।
साथियों, राजस्थान में पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना भी तेज़ी से आगे बढ़ रही है। इस योजना से राजस्थान के 40 हजार से ज्यादा लोग जुड़ चुके हैं। इससे लोगों का बिजली बिल जीरो हुआ है, और लोगों को सोलर बिजली पैदा करके कमाई का नया रास्ता भी मिला है। आज यहाँ बिजली से जुड़े कई प्रोजेक्ट का शिलान्यास और लोकार्पण हुआ है। इनसे भी राजस्थान को और ज्यादा बिजली मिलेगी। बिजली का बढ़ता उत्पादन भी राजस्थान में औद्योगिक विकास को नई गति दे रहा है।
साथियों, राजस्थान की यह भूमि रेत के मैदान में हरियाली लाने वाले महाराजा गंगा सिंह जी की भूमि है। हमारे लिए पानी का क्या महत्व है? यह इस क्षेत्र से बेहतर भला कौन जानता है? हमारे बीकानेर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, पश्चिम राजस्थान के ऐसे अनेक क्षेत्रों के विकास में पानी का बहुत बड़ा महत्व है। इसलिए एक तरफ हम सिंचाई परियोजनाओं को पूरा कर रहे हैं, और साथ ही नदियों को जोड़ रहे हैं। पार्वती-काली-सिंध, चंबल, लिंक परियोजना से राजस्थान के अनेक जिलों को लाभ होगा। यहाँ की धरती, यहाँ के किसानों को फायदा होगा।
साथियों, राजस्थान की वीर धरा हमें सिखाती है कि देश और देशवासियों से बड़ा और कुछ नहीं। 22 अप्रैल को आतंकवादियों ने धर्म पूछकर हमारी बहनों की माँग का सिंदूर उजाड़ दिया था। वो गोलियाँ पहलगाम में चली थीं। लेकिन उन गोलियों से 140 करोड़ देशवासियों का सीना छलनी हुआ था। इसके बाद हर देशवासी ने एकजुट होकर संकल्प लिया था कि आतंकवादियों को मिट्टी में मिला देंगे। उन्हें कल्पना से भी बड़ी सजा देंगे।
आज आपके आशीर्वाद से, देश की सेना के शौर्य से, हम सब उस प्रण पर खरे उतरे हैं। हमारी सरकार ने तीनों सेनाओं को खुली छूट दे दी थी। और तीनों सेनाओं ने मिलकर ऐसा चक्रव्यूह रचा कि पाकिस्तान को घुटने टेकने के लिए मजबूर कर दिया।
साथियों, 22 तारीख के हमले के जवाब में हमने 22 मिनट में आतंकियों के नौ सबसे बड़े ठिकाने तबाह कर दिए। दुनिया ने और देश के दुश्मनों ने भी देख लिया कि जब सिंदूर, जब सिंदूर बारूद बन जाता है, तो नतीजा क्या होता है? वैसे साथियों, यह संयोग ही है। 5 साल पहले जब बालाकोट में देश ने एयर स्ट्राइक की थी, उसके बाद मेरी पहली जनसभा राजस्थान में ही, सीमा पर हुई थी।
वीर भूमिका, वीर भूमिका ही यह तप है कि ऐसा संयोग बन जाता है। अब इस बार जब ऑपरेशन सिंदूर हुआ, तो उसके बाद मेरी पहली जनसभा फिर यहाँ वीरभूमि राजस्थान की सीमा पर, बीकानेर में, आप सभी के बीच हो रही है।
पीएम मोदी ने सुनाई देशभक्ति की कविता
साथियों, चूरू में मैंने कहा था, एयर स्ट्राइक के बाद मैं आया था, तब मैंने कहा था, सौगंध मुझे इस मिट्टी की, मैं देश नहीं मिटने दूँगा। मैं देश नहीं झुकने दूँगा। आज मैं राजस्थान की धरती से देशवासियों से बड़ी नम्रता के साथ कहना चाहता हूँ, मैं देश के कोने-कोने में जो तिरंगा यात्राओं का हुजूम चल रहा है, मैं देशवासियों से कहता हूँ,
जो सिंदूर मिटाने निकले थे,
जो सिंदूर मिटाने निकले थे,
उन्हें मिट्टी में मिलाया है।
जो हिंदुस्तान का लहू बहाते थे,
जो हिंदुस्तान का लहू बहाते थे,
आज कतरे-कतरे का हिसाब चुकाया है।
जो सोचते थे, जो सोचते थे भारत चुप रहेगा,
आज वो घरों में डूब-डूब के पड़े हैं।
जो अपने हथियारों पर घमंड करते थे,
जो अपने हथियारों पर घमंड करते थे,
आज वो मलबे के ढेर में दबे हुए हैं।
मेरे प्यारे देशवासियों,
यह शोध-प्रतिशोध का खेल नहीं।
यह शोध-प्रतिशोध का खेल नहीं।
यह न्याय का नया स्वरूप है।
यह न्याय का नया स्वरूप है।
ये ऑपरेशन सिंदूर है।
ये सिर्फ आक्रोश नहीं है।
यह सिर्फ आक्रोश नहीं है।
यह समर्थ भारत का रौद्र रूप है।
ये भारत का नया स्वरूप है।
पहले घर में घुसकर किया था वार।
पहले घर में घुसकर किया था वार।
अब सीधा सीने पर किया प्रहार है।
आतंक का फन कुचलने की,
आतंक का फन कुचलने की
यही नीति है। यही रीति है।
यही भारत है। नया भारत है।
बोलिए भारत माता की। जय भारत माता की, जय भारत माता की। जय
ऑपरेशन सिंदूर ने आतंकवाद से निपटने के तीन सूत्र तय कर दिए हैं।
पहला, भारत पर आतंकी हमला हुआ, तो करारा जवाब मिलेगा। समय हमारी सेनाएँ तय करेंगी। तरीका भी हमारी सेनाएँ तय करेंगी। और शर्तें भी हमारी होंगी।
दूसरा, एटम बम की गीदड़ भभकियों से भारत डरने वाला नहीं है। और
तीसरा, हम आतंक के आकाओं और आतंकी सरपरस्त सरकार को अलग-अलग नहीं देंगे। उन्हें अलग-अलग नहीं देखेंगे। उन्हें एक ही मानेंगे। पाकिस्तान का यह स्टेट और नॉन-स्टेट एक्टर वाला खेल अब नहीं चलेगा।
आपने देखा होगा, पूरी दुनिया में पाकिस्तान की पोल खोलने के लिए हमारे देश के सात अलग-अलग प्रतिनिधि मंडल पूरे विश्व भर में पहुँच रहे हैं, और इसमें देश के सभी राजनीतिक दलों के लोग हैं। विदेश नीति के जानकार हैं। गणमान्य नागरिक हैं। अब पाकिस्तान का असली चेहरा पूरी दुनिया को दिखाया जाएगा।
साथियों, पाकिस्तान, भारत से कभी सीधी लड़ाई जीत ही नहीं सकता। जब भी सीधी लड़ाई होती है, तो बार-बार पाकिस्तान को मुँह की खानी पड़ती है। इसलिए पाकिस्तान ने आतंकवाद को भारत के खिलाफ लड़ाई का हथियार बनाया है। आजादी के बाद पिछले कई दशकों से यही चला आ रहा था। पाकिस्तान आतंक फैलाता था। निर्दोष लोगों की हत्याएँ करता था। भारत में डर का माहौल बनाता था।
लेकिन पाकिस्तान एक बात भूल गया। अब माँ भारती का सेवक मोदी यहाँ सीना तान कर खड़ा है। मोदी का दिमाग ठंडा है, ठंडा रहता है। लेकिन मोदी का लहू गर्म होता है। और अब तो मोदी की नसों में लहू नहीं, गरम सिंदूर बह रहा है।
अब भारत ने डोर टूक साफ कर दिया है। हर आतंकी हमले की पाकिस्तान को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी, और यह कीमत पाकिस्तान की सेना चुकाएगी। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था चुकाएगी। साथियों, जब मैं दिल्ली से यहाँ आया, तो बीकानेर के नाल एयरपोर्ट पर उतरा। पाकिस्तान ने इस एयरबेस को भी निशाना बनाने की कोशिश की थी।
लेकिन वह इस एयरबेस को रत्ती भर भी नुकसान नहीं पहुँचा पाया। और वहीं यहाँ से कुछ ही दूर, सीमा पार, पाकिस्तान का रहीम यार खान एयरबेस है। पता नहीं आगे कब खुलेगा। आईसीयू में पड़ा है। भारत की सेना के अचूक प्रहार ने इस एयरबेस को तहस-नहस कर दिया है।
साथियों, पाकिस्तान के साथ ना ट्रेड होगा, ना टॉक। अगर बात होगी, तो सिर्फ पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर की, पीओके की। और अगर पाकिस्तान ने आतंकियों को एक्सपोर्ट करना जारी रखा, तो उसको पाई-पाई के लिए मोहताज होना होगा। पाकिस्तान को भारत के हक का पानी नहीं मिलेगा। भारतीयों के खून से खेलना पाकिस्तान को महँगा पड़ेगा। यह भारत का संकल्प है, और दुनिया की कोई ताकत हमें इस संकल्प से टिका नहीं सकती है।
भाइयों और बहनों, विकसित भारत के निर्माण के लिए सुरक्षा और समृद्धि दोनों जरूरी हैं। यह तभी संभव है, जब भारत का कोना-कोना मजबूत होगा। आज का यह कार्यक्रम भारत के संतुलित विकास का, भारत के तेज़ विकास का उत्तम उदाहरण है। मैं एक बार फिर इस वीर धरा से सभी देशवासियों को बधाई देता हूँ। मेरे साथ बोलिए, दोनों मुट्ठी बंद करके, पूरी ताकत से बोलिए। भारत माता की जय। भारत माता की जय। भारत माता की जय।
वन्दे मातरम्। वन्दे मातरम्। वन्दे मातरम्। वन्दे मातरम्। वन्दे मातरम्। वन्दे मातरम्। वन्दे मातरम्। वन्दे मातरम्। वन्दे वन्दे वन्दे मातरम्। जिंदाबाद जिंदाबाद जिंदाबाद जिंदाबाद
ऑपरेशन सिंदूर: पीएम मोदी का पूरा ऐतिहासिक भाषण पढ़िए यहाँ
राधामोहन दास अग्रवाल का पूरा भाषण पढ़िए, वक्फ के बारे में सब कुछ खोल दिया!
पीएम मोदी पीएम मोदी पीएम मोदी पीएम मोदी पीएम मोदी पीएम मोदी पीएम मोदी पीएम मोदी पीएम मोदी पीएम मोदी पीएम मोदी पीएम मोदी पीएम मोदी पीएम मोदी पीएम मोदी पीएम मोदी पीएम मोदी पीएम मोदी पीएम मोदी पीएम मोदी पीएम मोदी पीएम मोदी पीएम मोदी पीएम मोदी पीएम मोदी