Paper Leak Case in Rajasthan: प्रदेश के बहुचर्चित पेपर लीक प्रकरण में अब राज्य सरकार के मंत्री किरोड़ी लाल मीणा भी कूद गए। मंत्री मीणा ने राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) के पूर्व चेयरमैन शिव सिंह राठौड़ पर धांधली कर अपने चहेतों को आरएएस अधिकारी बनाने का आरोप लगाते हुए उनके कार्याकाल में हुई तमाम परीक्षाओं की जांच कराने की मांग की। इसके चलते 2021 में हुई आरएएस परीक्षा भी संदेह के दायरे में आ गई है। उन्होंने इस परीक्षा में पास हुए तमाम आरएएस अधिकारियों की भी पुलिस उप निरीक्षक भर्ती परीक्षा की तर्ज पर जांच कराने की मांग की है।
64 लाख रुपए लेकर आरोपियों को कराया फरार
मंत्री मीणा ने बुधवार को एसओजी के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक वीके सिंह को ज्ञापन देकर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। ज्ञापन में बताया गया कि आरएएस परीक्षा-2021 प्रश्न पत्र लीक मामले और आरएएस-2018 भर्ती के लिए साक्षात्कार में अनियमितताएं कर फर्जी सब इंस्पेक्टर की तर्ज पर आरएएस अधिकारी भी बना दिए गए। वहीं मंत्री मीणा ने कहा कि एसओजी ने पेपर लीक प्रकरण के आरोपियों से 64 लाख रुपए लेकर उन्हें फरार कराया। मंत्री मीणा ने यहां तक कहा कि आरपीएससी के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष शिव सिंह राठौड़ ने भी फर्जी आरएएस अधिकारी बना दिए।
कांग्रेस नेताओं पर मिलीभगत का आरोप
मंत्री किरोड़ी ने ज्ञापन में पूर्व सरकार के कई मंत्रियों और कांग्रेस के नेताओं की मिलीभगत से विभिन्न परीक्षओं में अनियमितताएं कर सरकारी नौकरी दिलाने का भी आरोप लगाया। उन्होंने एसओजी के एडीजी से पूर्व सरकार में हुई सरकारी भर्तियों की जांच कराने की मांग भी की। मंत्री मीणा ने कहा कि उनको पेपर लीक मामले में जेल में बंद भूपेन्द्र सारण से ऐसे सबूत डाक पत्र के माध्यम से मिले हैं, जिसके आधार पर उन्होंने एसओजी को ज्ञापन दिया। उन्होंने एसओजी के अधिकारियों पर भी मोटी रकम लेकर पेपर लीक के आरोपियों को विदेश भगाने का आरोप लगाया।
“एसओजी के इंस्पेक्टर ने निर्दोष लोगों को फंसाया’
किरोड़ी मीणा ने एसओजी को पेपर लीक मामले में जेल में बंद भूपेंद्र शरण की एक चिट्ठी भी सौंपी है, जिसमें उसने एसओजी के इंस्पेक्टर मोहन पोसवाल पर 64 लाख रुपए लेने के आरोप लगाए हैं। मीणा ने कहा कि इंस्पेक्टर मोहन पोसवाल ने पिछली कांग्रेस सरकार के कई नेताओं के कहने से कई निर्दोष लोगों को फंसाया और कई को बचाया। उन्होंने इंस्पेक्टर को बर्खास्त करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि सिपाही भर्ती परीक्षा मामले में मोहन ने जांच का स्टैंडर्ड प्रोसीजर फॉलो नहीं किया। उसने जिस मोबाइल पर व्हाट्सएप के माध्यम से उसे पेपर मिला था, उसे सबूत के तौर पर पेश नहीं किया। उसने तथ्य भी छिपाए। उन्होंने आरोप लगाया कि निर्दोषों को फंसा कर और दोषियों को बचाकर इन लोगों ने करोड़ों रुपए कमाए।
किरोड़ी की चेतावनी- 15 दिन में हो कार्रवाई
किरोड़ी मीणा ने सवाल किया कि जब एसओजी ही मिल गई तो जांच कैसे होगी? साथ ही चेतावनी दी कि अगर 15 दिनों के अंदर कार्रवाई नहीं हुई तो मैं यहीं एसओजी दफ्तर के बाहर धरने पर बैठ जाऊंगा। किरोड़ी मीणा ने आरोप लगाया कि उसे सूचनाएं पेपर लीक माफिया उदाराम ने दी और मोहन ने ही सुरेश ढाका और उदाराम को फरार किया। मीणा ने कहा कि उदाराम और सुरेश जिस दिन पकड़े जाएंगे उस दिन आधा दर्जन से अधिक नेता पकड़े जाएंगे। मीणा ने कहा कि उन्होंने एसओजी के सामने मोहन पोसवाल के बारे में वही बातें कहीं हैं, जो भूपेंद्र सारण ने अपनी चिट्ठी में उन्हें भेजी हैं।