Pakistan: पाकिस्तान के फील्ड मार्शल आसिम मुनीर ने हाल ही में ऐसा बयान दिया है, जिसने भारत-पाकिस्तान संबंधों में खासी कड़वाहट घोल दी है। उन्होंने भारत के प्रमुख उद्योगपति मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड की जामनगर रिफाइनरी को निशाना बनाने की धमकी दी।
यह बयान केवल एक औद्योगिक स्थल पर हमले की चेतावनी नहीं, बल्कि भारत की आर्थिक और ऊर्जा सुरक्षा को सीधे चुनौती देने जैसा माना जा रहा है।
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Pakistan: मुनीर की तुलना “सूट-बूट वाले ओसामा से
मुनीर के इस रवैये पर अमेरिका से भी प्रतिक्रिया आई है। पेंटागन के पूर्व अधिकारी माइकल रुबिन ने मुनीर की तुलना “सूट-बूट वाले ओसामा बिन लादेन” से की। उनका कहना था कि पाकिस्तान इस समय एक “गुंडा राज्य” की तरह बर्ताव कर रहा है,
जो क्षेत्रीय स्थिरता के लिए गंभीर खतरा है। रुबिन का यह बयान अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान की छवि को और खराब करने वाला साबित हो सकता है।
हालांकि, पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने सफाई देते हुए कहा कि आसिम मुनीर के परमाणु हमले से जुड़े बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है और इस तरह की खबरें “गुमराह करने वाली” हैं।
फिर भी, यह सफाई पाकिस्तान की बढ़ती बयानबाजी और आक्रामकता पर पर्दा नहीं डाल पा रही है।
पाक पानी के लिए करेगा युद्ध
इसी बीच पाकिस्तान ने भारत से सिंधु जल संधि को तुरंत बहाल करने की मांग रखी है। यह संधि दोनों देशों के बीच पानी के बंटवारे से जुड़ी एक अहम समझौता है, जिसे भारत ने पिछले कुछ वर्षों में पाकिस्तान के आतंकवादी गतिविधियों पर अंकुश न लगाने के कारण सीमित किया था।
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के नेता बिलावल भुट्टो ने इस मुद्दे को और भड़काते हुए यहां तक कह दिया कि जल संधि को लेकर पाकिस्तान भारत के खिलाफ युद्ध भी छेड़ सकता है। उनका यह बयान पहले से ही तनावपूर्ण माहौल को और गरमा गया।
भारत ब्रह्मोस से देगा जवाब
भारत की तरफ से भी इस तरह की धमकियों को हल्के में नहीं लिया गया। भाजपा नेता और मशहूर अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती ने बिलावल भुट्टो की बात का जवाब देते हुए कहा कि अगर पाकिस्तान ने आक्रामक कदम उठाए, तो भारत ब्रह्मोस मिसाइल से जवाब देने में देर नहीं करेगा।
उनका यह बयान साफ संकेत देता है कि भारत अपनी सुरक्षा और संप्रभुता के मामले में किसी भी तरह का समझौता नहीं करेगा।
औद्योगिक ठिकानों को निशाना बनाने की धमकी
इस पूरे घटनाक्रम ने भारत-पाकिस्तान संबंधों में नई तल्खी ला दी है। यहां तल्खी का मतलब है कि रिश्तों में कड़वाहट, अविश्वास और तनाव बढ़ गया है। पहले से मौजूद राजनीतिक मतभेद, सीमा पर समय-समय पर होने वाली झड़पें, और अब औद्योगिक ठिकानों को निशाना बनाने की धमकी ने हालात को बेहद नाजुक बना दिया है।
कूटनीतिक दृष्टि से देखें तो इस तरह की बयानबाजी केवल तनाव को और गहरा करती है। आर्थिक मोर्चे पर भी यह माहौल निवेशकों का भरोसा कमजोर कर सकता है, खासकर तब जब दुनिया के सबसे बड़े रिफाइनिंग कॉम्प्लेक्स में से एक को सीधे-सीधे धमकी दी जा रही हो।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय भी इस स्थिति पर नजर रखे हुए है, क्योंकि भारत और पाकिस्तान दोनों परमाणु संपन्न देश हैं और इनके बीच किसी भी तरह का टकराव वैश्विक स्थिरता के लिए खतरा बन सकता है।