Pahalgam terror attack: पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद सीमा पर भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव की स्थिति है। सिंधु जल संधि पर रोक लगने से पाकिस्तान बौखलाया हुआ है। यह बौखलाहट नियंत्रण रेखा (एलओसी) और अंतरराष्ट्रीय सीमा (आईबी) पर साफ दिखाई दे रही है, जहां पाकिस्तान की तरफ से लगातार फायरिंग की जा रही है। भारतीय सेना भी इसका मुंहतोड़ जवाब दे रही है। हालाँकि, इस बीच यह भी सवाल उठ रहा है कि सेना की भारी मुस्तैदी के बीच कैसे आतंकी सीमा पार से आकर कश्मीर में बड़ी घटना को अंजाम दे जाते हैं, बेकसूरों को कैसे मौत के घाट उतार देते हैं। इस घटना में वहां के लोकल कैसे इनकी मदद करते हैं। तो इस सवाल के जवाब मिल गया है। इस सवाल पर सेना के रिटारर्ड अधिकारी ने बड़ा खुलासा किया है।
आतंकियों को इशारा… चारपाई खड़ी या लेटी?
मीडिया सूत्रों के अनुसार भारतीय सेना से रिटारर्ड लेफ्टिनेंट कर्नल उमंग कोहली ने एक निजी पॉडकास्ट में बताया कि ‘आतंकी पहले किसी लोकल को पकड़ते हैं। जैसे कि किसी ओल्ड लेडी! या तो उसे पैसों की बहुत जरुरत है या उसे डर है कि आतंकी उसके परिवार को मार देंगे या उसकी बेटी के साथ कुछ गलत कर देंगे। ऐसे में वो लेडी आतंकियों की मदद करने के लिए तैयार हो जाती है।
इसके बाद लेडी इशारों में आतंकियों को इस तरह आगाह करती है कि आस-पास भारतीय सेना है या नहीं। जैसे अगर महिला की छत पर चारपाई खड़ी है तो इसका इशारा है कि अगल-बगल भारतीय सेना मौजूद नहीं है। इसके इतर अगर छत पर चारपाई लेटी हुई रखी है तो इसका संकेत है कि आस-पास सेना के जवान हैं। लोकल को इन हरकतों को सेना का भांपने में समय लगता है।
इन इशारों को ऊपर से आतंकी आसानी से समझ लेते हैं। क्योंकि ये उनकी प्लानिंग का हिस्सा होता है। जहाँ सेना नहीं होती रात के अंधेरे में उस महिला के घर आ जाते हैं। यहाँ पहले वो खूब खाते -पीते हैं । अगर इन्हें लगता है अगल -बगल से खतरा महसूस होता है तो लोकल के घर के अंदर आतंकियों के लिए बंकर बने होते हैं। उसमें वो छुप जाते हैं। इस सब से बच-बचा के आखिर में आतंकी किसी बड़ी घटना को लोकल की मदद से घाटी में अंजाम दे जाते हैं।