Operation Sindoor: पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले में 26 हिंदुओं को मार दिया गया। मरने से पहले उनका नाम पूछा गया, प्रमाण-पत्र माँगा गया और यहाँ तक कि कपड़े उतार कर इसकी पुष्टि भी की गई।
लेकिन क्या आपने इस्लामी आतंक के विरोध में बॉलीवुड के ‘तख्ती गैंग’ की आवाज सुनी? पहलगाम हमलों में धर्म पूछने तक ही भयावता सीमित नहीं रही। इस प्रक्रिया के बाद महिलाओं के सामने ही उनके सुहाग और घर के पुरुषों को माथे पर गोली मारी गई। इस सदमे से उबर पाना शायद उन महिलाओं के लिए कभी संभव नहीं हो पाएगा।
इस भावना को समझ पाना भी हर किसी के बस की बात नहीं है। फिर भी उनके संवेदना पर सहानुभूति भरे शब्दों का मरहम तो लगाया ही जा सकता है। लेकिन बॉलीवुड के ज्यादातर हस्तियों ने इसकी जरूरत नहीं समझी।
पहले साथ खड़ा नजर आता था बॉलीवुड
आपातकाल के दौर में जब मीडिया की आवाज कुचलने की कोशिश हुई थी, तब भी बॉलीवुड में वैसी चुप्पी नहीं देखी गई थी, जैसा ऑपरेशन सिंदूर के दौरान देखने को मिला। 1948 में जब पाकिस्तान ने कश्मीर में कबायली हमले का नाम लेकर भारत पर आक्रमण किया।
उस समय प्रसिद्धि के चरम पर रहे मुकेश, राज कपूर, आइएस जौहर, गीता बाली, नर्गिस, कामिनी कौशल समेत कई सितारों ने युद्ध में भारत का पलड़ा मजबूत रखने के लिए कई लाख रुपए जुटाए।
इसके बाद 1962 और 1965 के युद्ध में भी किशोर कुमार, सुनील दत्त, नर्गिस, लता मंगेश्कर, वहीदा रहमान आदि मोर्चे तक पहुँचे और भारतीय जवानों का मनोबल बढ़ाया और धन जमा किया। 1971 में हुए युद्ध में प्राण, किशोर कुमार, शम्मी कपूर, लता मंगेश्कर, वहीदा रहमान, कल्याणजी-आनंदजी और नर्गिस जैसे सितारों ने बांग्लादेश सहायता समिति बनाई।
1999 के कारगिल युद्ध में तो बॉलीवुड के सितारों में ऐसा आक्रोश था कि जवानों का साथ देने के लिए नाना पाटेकर मोर्चे तक पर चले गए थे।
कारगिल के बाद भी पाकिस्तान लगातार अपनी औकात दिखाता ही रहता है। कभी 2016 में उरी तो कभी 2019 में पुलवामा में जवानों को बेखौफ होकर मारना, 26/11 के मुंबई हमले करना या जून 2024 में वैष्णो देवी जा रही बस को निशाना बनाना, आतंकियों ने हमारे खून को पानी की तरह बहाया।
इस तरह के कई घर उजाड़ दिए, कितने ही बच्चों को अनाथ कर दिया। लेकिन देश में हुई ज्यादातर घटनाओं पर कुछ सितारों को छोड़कर बाकी ने चुप्पी साधने में बेहतरी समझी।
पहलगाम आतंकी हमले पर भी साधी ‘चुप्पी’
अब एक बार फिर वापस आते हैं अपने मुद्दे पर। पहलगाम आतंकी हमले हुए। कई लोग घायल हुए। कुछ अपने परिवार को हमेशा के लिए छोड़ गए। इन सभी के लिए और देश के हित में बॉलीवुड के इक्का-दुक्का लोगों ने पोस्ट किया।
पूरी ‘खान आर्मी’, ‘कपूर खानदान’, भट्ट कैंप समेत अन्य बड़े नामों ने इससे दूरी बनाई और बस अपने काम से काम रखा। वैसे आपको याद दिला दूँ कि ये वही बड़े-बड़े नाम हैं जिन्होंने कठुआ मामले में तख्ती लेकर फोटो खिंचाई थी। उस समय उन्हें खुद को हिंदू होने पर शर्म आ रही थी।
दुश्मन देश के साथ खड़े नजर आए वहां के अभिनेता
दूसरी ओर पहलगाम हमले की जवाब में जब भारत ने एक्शन लिया तो पाकिस्तान के अधिकतर बड़े-बड़े नाम अपने मुल्क के हक में खड़े नजर आए। उनमें से कइयों ने तो बॉलीवुड में कई फिल्मों में काम भी किया है।
‘सनम तेरी कसम’ में प्रसिद्धि पा चुकी पाकिस्तानी अभिनेत्री मावरा होकेन ने तो भारत को ‘कायर’ तक की उपाधि से नवाज दिया। फवाद खान, हानिया आमिर, माहिरा खान जैसे कई नाम इनमें शामिल हैं। खास बात तो यह है कि उनके बड़ी संख्या में भारत में भी प्रशंसक हैं।
यूं नजर आती है बॉलीवुड की नकली देशभक्ति
देशभक्ति को लेकर भारतीय अभिनेता अक्सर तब जागते हैं जब उनकी कोई फिल्म रिलीज होने वाली हो या फिर इससे उनका कोई निजी हित जुड़ा हुआ हो। ताजा उदाहरण आमिर खान हैं जिनकी फिल्म ‘सितारे जमीन पर’ सिनेमाघर में रिलीज होने वाली है।
पहलगाम हमले से लेकर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ तक की पूरी प्रक्रिया के दौरान आमिर ने चुप्पी बनाए रखी। लेकिन, फिल्म प्रमोशन से ठीक एक दिन पहले उनकी टीम ने प्रधानमंत्री के पक्ष में कसीदे पढ़ने शुरू कर दिए। इसी तरह तुषार कपूर भी ‘कंपकंपी’ के प्रमोशन के लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस में पहुँचे।
यहाँ उनसे पाकिस्तान का साथ देने वाले देश तुर्की के बॉयकॉट पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने इससे किनारा कर लिया। हालाँकि वो ये कहना नहीं भूले कि वो ‘देश’ के साथ हैं।