OLA-UBER Fair Prices: केंद्र सरकार की नई गाइडलाइंस के तहत अब ओला, उबर और रैपिडो जैसी ऐप बेस्ड कैब कंपनियां पीक टाइम यानी ज्यादा डिमांड वाले समय में यात्रियों से बेस फेयर का 2 गुना तक किराया वसूल सकती हैं।
इससे पहले यह सीमा 1.5 गुना तय थी, जिसे अब बढ़ा दिया गया है। इस फैसले का मकसद ट्रैफिक समय में उपलब्ध कैब्स की संख्या बढ़ाना और ड्राइवरों को अतिरिक्त प्रोत्साहन देना है।
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OLA-UBER Fair Prices: राज्य सरकारें तय करेंगी बेस फेयर
नई गाइडलाइंस को लागू करने के लिए केंद्र ने राज्य सरकारों को 3 महीने का समय दिया है। इस अवधि में हर राज्य को अपने क्षेत्र में चलने वाले टैक्सी, ऑटो और बाइक टैक्सी जैसे वाहनों का बेस फेयर तय करना होगा। इसके बाद ही दोगुना किराया नियम प्रभावी रूप से लागू हो पाएगा।
हर कैब में होगा लोकेशन ट्रैकिंग सिस्टम
OLA-UBER Fair Prices: यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सरकार ने यह निर्देश भी दिया है कि अब हर कैब में व्हीकल लोकेशन एंड ट्रैकिंग डिवाइस (VLTD) लगाना अनिवार्य होगा।
यह डिवाइस हर वक्त ऑन रहेगा और उसकी जानकारी न केवल संबंधित कंपनी बल्कि राज्य सरकार के कंट्रोल रूम तक भी पहुंचेगी। इससे किसी भी आपात स्थिति में तुरंत मदद पहुंचाई जा सकेगी।
OLA-UBER Fair Prices: तय रूट से हटे तो कंट्रोल रूम को मिलेगा अलर्ट
अब ड्राइवर को ऐप में दर्शाए गए निर्धारित रूट पर ही वाहन चलाना होगा। यदि वह इस रूट से हटता है या कोई असामान्य गतिविधि करता है, तो सिस्टम स्वतः कंट्रोल रूम को अलर्ट कर देगा। यह फीचर खासकर महिला यात्रियों और अकेले सफर करने वालों की सुरक्षा को और मजबूत करेगा।
ड्राइवर की पहचान होगी पूरी तरह से पारदर्शी
OLA-UBER Fair Prices: ऐप में अब यात्रियों को यह भी दिखेगा कि ड्राइवर पुलिस वेरिफिकेशन के बाद ही रजिस्टर्ड है या नहीं। इससे पैसेंजर ड्राइवर की पहचान को लेकर निश्चिंत रह सकेंगे और फर्जी या अनाधिकृत ड्राइवरों की गतिविधियों पर रोक लग सकेगी।
प्राइवेट बाइक को मिली बाइक टैक्सी की सशर्त इजाजत
सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए अब प्राइवेट बाइक्स को भी बाइक टैक्सी के रूप में इस्तेमाल करने की सशर्त मंज़ूरी दे दी है। हालांकि इस नियम को लागू करने का अधिकार राज्य सरकारों को दिया गया है। यदि राज्य चाहे तो अपने क्षेत्र में इस सेवा को शुरू कर सकता है।
कैंसिलेशन पर ₹100 तक का जुर्माना
OLA-UBER Fair Prices: नई व्यवस्था के तहत अगर कोई ड्राइवर या पैसेंजर बिना किसी उचित कारण के राइड कैंसिल करता है, तो उस पर ₹100 तक का जुर्माना लगाया जाएगा। इससे गैर-ज़रूरी कैंसिलेशन पर रोक लगेगी और यात्रियों को बार-बार होने वाली असुविधा से राहत मिलेगी।