अब UPI ऐप पर मिलेगा त्वरित लोन
नेशनल डेस्क: भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने डिजिटल लेनदेन को और सुगम बनाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है।
अब ग्राहकों को छोटे और तत्काल लोन के लिए बैंकों की शाखाओं के चक्कर नहीं लगाने होंगे। UPI ऐप्स के माध्यम से ही प्री-अप्रूव्ड क्रेडिट लाइन का लाभ मिल सकेगा।
नई सुविधा क्या है?
ग्राहकों को अब PhonePe, Paytm, BharatPe, Navi जैसे UPI ऐप्स के जरिए बैंकों द्वारा पहले से स्वीकृत छोटे लोन की सुविधा मिलेगी।
यह विशेष रूप से नए ग्राहकों और छोटे व्यवसायों के लिए फायदेमंद साबित होगी। बैंक खाते से सीधे जुड़ी यह क्रेडिट लाइन तुरंत प्रयोग में लाई जा सकेगी।
इस योजना में केवल बड़े बैंकों तक सीमित रहने के बजाय अब Small Finance Banks (SFBs) भी शामिल हो गए हैं।
इससे ग्रामीण और छोटे कस्बों के ग्राहकों को भी वित्तीय सेवाओं तक आसान पहुंच मिलेगी। इससे फाइनेंशियल इंंक्लुज़न को नई दिशा मिलेगी।
RBI और NPCI के दिशा-निर्देश
फरवरी 2025 में RBI ने स्पष्ट किया कि अब UPI का इस्तेमाल सिर्फ खातों के बीच लेन-देन तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि प्री-अप्रूव्ड क्रेडिट लाइन के लिए भी किया जा सकेगा। हालांकि, इसके लिए ग्राहक की सहमति लेना अनिवार्य होगा।
नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने इसके लिए सख्त नियम तय किए हैं। पहला, इसका उपयोग केवल शिक्षा, चिकित्सा या व्यवसाय जैसे निर्धारित उद्देश्यों तक सीमित रहेगा।
दूसरा, बैंक और ऐप को रीयल-टाइम मॉनिटरिंग करनी होगी। तीसरा, अधिक व्यापारी कोड जोड़े जाएंगे, जिससे ग्राहक अपनी खरीदारी के दायरे को बढ़ा सकें। यह नियम 31 अगस्त 2025 से लागू होंगे।
उपभोक्ता को लाभ
इस नई सुविधा से ग्राहकों को तुरंत धन उपलब्ध होगा और शाखाओं या पारंपरिक लोन प्रक्रिया के झंझट से छुटकारा मिलेगा। छोटी जरूरतों के लिए आसानी से क्रेडिट का लाभ उठाया जा सकेगा।
UPI ऐप में ही क्रेडिट सीमा, शेष बैलेंस और EMI की जानकारी उपलब्ध होगी। साथ ही AutoPay सेटअप की मदद से EMI या उधारी का भुगतान सरल और स्वचालित हो जाएगा। इससे समय की बचत के साथ अनुशासन भी बना रहेगा।
यह योजना खासकर उन ग्राहकों के लिए लाभकारी है जिनकी कोई क्रेडिट हिस्ट्री नहीं है। उन्हें भी अब डिजिटल माध्यम से लोन मिल सकेगा, जिससे वित्तीय समावेशन को बढ़ावा मिलेगा।
सावधानियां और जोखिम
हालांकि, इस सुविधा के साथ कुछ जोखिम भी जुड़े हैं। छोटे-छोटे लोन का गलत इस्तेमाल या समय पर पुनर्भुगतान न करने से डिफॉल्ट बढ़ सकता है। इससे उपभोक्ता की वित्तीय स्थिति प्रभावित हो सकती है।
NPCI ने यह भी स्पष्ट किया है कि ग्राहक को क्रेडिट लाइन का इस्तेमाल केवल उसी उद्देश्य के लिए करना होगा, जिसके लिए मंजूरी मिली है। अन्य उद्देश्यों के लिए इसका उपयोग करने पर सख्त कार्रवाई हो सकती है।