Gift of projects worth Rs 12850 crore to the countr: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को 9वें आयुर्वेद दिवस पर नई दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान से देश को स्वास्थ्य क्षेत्र संबंधी 12850 करोड़ रुपये की परियोजनाओं की सौगात दी। साथ ही आयुष्मान भारत योजना के तहत 70 वर्ष एवं इससे अधिक के वरिष्ठ नागरिकों को अब 5 लाख तक का निःशुल्क इलाज मिलेगा।
कार्यक्रम में पीएम आयुष्मान भारत हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर मिशन के तहत राजस्थान में भी 8 क्रिटिकल केयर ब्लॉक्स का वर्चुअल शिलान्यास किया गया। मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा इस कार्यक्रम से भरतपुर के आरबीएम अस्पताल से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से जुड़े।
सबका विकास की संकल्पना के साथ काम कर रही सरकार
प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र सरकार राष्ट्रीय चरित्र और सामाजिक ताने-बाने की आत्मा ‘सर्वे संतु निरामय’ को आधार मानते हुए सबका साथ सबका विकास की संकल्पना के साथ काम कर रही है। उन्होंने कहा कि बीते 10 वर्षों में स्वास्थ्य क्षेत्र को विकसित करने के लिए अथक प्रयास किए गए हैं तथा आगामी 25 वर्षों में सुदृढ़ स्वास्थ्य क्षेत्र विकसित भारत का मजबूत आधार बनेगा। केंद्र सरकार विकसित एवं निरामय भारत के सपने को पूरा करने के लिए संकल्पित है।
‘आयुष’ तीव्र गति से वृद्धि करने वाले सेक्टर में शामिल
मोदी ने कहा कि देश के नागरिक जितने स्वस्थ होंगे, देश की प्रगति की गति भी उतनी ही तेज होगी। इसी सोच के साथ केंद्र सरकार स्वास्थ्य क्षेत्र के कायाकल्प के लिए अनेक काम कर रही है। बीते 10 वर्षों में देश में आयुर्वेद के ज्ञान को आधुनिक चिकित्सा के साथ जोड़कर स्वास्थ्य क्षेत्र में एक नया अध्याय जोड़ा गया है। आज 150 से ज्यादा देश आयुर्वेद दिवस मना रहे हैं। यह इस बात का प्रमाण है कि आयुर्वेद के माध्यम से भारत पूरे विश्व में अपनी अनूठी पहचान बना रहा है। वर्तमान में ‘आयुष’ देश के सर्वाधिक तीव्र गति से वृद्धि करने वाले सेक्टर में शामिल हो गया है।
70 वर्ष से अधिक उम्र वालों को मिलेगा निःशुल्क इलाज
प्रधानमंत्री ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना के तहत अब 70 वर्ष तथा इससे अधिक के बुजुर्गों को 5 लाख तक का निःशुल्क इलाज मिलेगा। इससे वे स्वाभिमान के साथ अपना जीवन जी सकेंगे। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार स्वास्थ्य के क्षेत्र में तकनीक के उपयोग पर भी जोर दे रही है। इसी का परिणाम है कि ई-संजीवनी प्लेटफॉर्म के माध्यम से 30 करोड़ लोग ऑनलाइन परामर्श ले चुके हैं। उन्होंने आह्वान किया कि विशेषज्ञ इन अवसरों से न केवल खुद को आगे बढ़ाएं, बल्कि मानवता की सेवा में भी योगदान दें।