नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत उच्च शिक्षा में स्टूडेंट्स का एडमिशन बढ़ने के लिए, यूजीसी ने दाखिले, पढ़ाई, मूल्यांकन और डिग्रियां प्राप्ति के तरीकों को लचीला बनाया है। यह पहल छात्रों को बेहतर विकल्प प्रदान करने के लिए की गई है।
साल में दो बार दाखिले की सुविधा
सेशन 2025-26 से विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में साल में दो बार यानि की जुलाई-अगस्त और जनवरी-फरवरी में दाखिले की प्रक्रिया शुरू होगी। विद्यार्थी भी एक ही सत्र में दो अलग-अलग अंडरग्रेजुएट (यूजी) या पोस्टग्रेजुएट (पीजी) कोर्स कर सकते हैं। दोनों डिग्रियां वैध होंगी।
डिग्री के लिए क्रेडिट लचीलापन
डिग्री हासिल करने के लिए छात्रों को प्रमुख विषय में केवल 50% क्रेडिट अनिवार्य रूप से अर्जित करना होगा। बाकी 50% क्रेडिट स्किल कोर्स, अप्रेंटिसशिप, या किसी अन्य विषय से जोड़े जा सकते हैं। उदाहरण के लिए, बीएससी के छात्र 50% क्रेडिट साइंस से, 20% लैब अप्रेंटिसशिप से, और 30% क्रेडिट म्यूजिक, वेब डिजाइनिंग या थिएटर जैसे हुनर से जोड़ सकते हैं। इससे छात्रों को मल्टी-डिसिप्लिनरी शिक्षा का अवसर मिलेगा।
वोकेशनल और स्किल कोर्स का समावेश
यूजीसी ने कहा है कि संस्थानों को वोकेशनल और स्किल कोर्स के क्रेडिट को डिग्री सिस्टम में शामिल करना होगा। किसी भी स्ट्रीम से 12वीं पास छात्र राष्ट्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षा के माध्यम से किसी भी यूजी या पीजी कोर्स में दाखिला ले सकते हैं।
कोर्स की अवधि में लचीलापन
छात्र अपनी पढ़ाई कम या ज्यादा समय में पूरी कर सकेंगे। इसे एकसीलरेटेड डिग्री प्रोग्राम (एडीपी) या एक्सटेंडेड डिग्री प्रोग्राम कहा जाएगा। विश्वविद्यालय अपनी कुल क्षमता के 10% छात्रों को यह सुविधा देंगे।
डिसिप्लिन बदलने की छूट
छात्र अपने अर्जित क्रेडिट को जोड़कर दूसरे विषय में स्थानांतरित हो सकते हैं। इसके साथ ही, पढ़ाई बीच में छोड़ने और बाद में फिर से शुरू करने की भी छूट होगी।
नई व्यवस्था के लाभ
यह नई प्रणाली छात्रों को अपनी रुचि और कौशल के अनुसार पढ़ाई का विकल्प देती है। मल्टी-डिसिप्लिनरी शिक्षा और स्किल कोर्स का समावेश रोजगार के नए अवसर पैदा करेगा और शिक्षा को प्रासंगिक और सुलभ बनाएगा।