न्यू टाउन की झुग्गियों में लगी आग: कोलकाता से सटे नॉर्थ 24 परगना जिले के न्यू टाउन इलाके में बुधवार शाम एक झुग्गी बस्ती में अचानक भीषण आग भड़क उठी। आग इतनी तेजी से फैली कि लोगों को सामान निकालने तक का मौका नहीं मिला।
देखते ही देखते सैकड़ों झोपड़ियां जलकर राख में तब्दील हो गईं और पूरे इलाके में धुएं का गुबार छा गया। ठंड के मौसम में सैकड़ों परिवार बेघर होकर सड़कों पर आ गए।
दमकल की मशक्कत, घंटों बाद मिली राहत
न्यू टाउन की झुग्गियों में लगी आग: आग की सूचना मिलते ही दमकल विभाग की कई गाड़ियां मौके पर पहुंचीं। घंटों तक चले रेस्क्यू और फायर ऑपरेशन के बाद आग पर काबू पाया जा सका।
हालांकि राहत की बात यह रही कि इस हादसे में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है, लेकिन नुकसान बेहद बड़ा बताया जा रहा है।
कई परिवारों की पूरी जिंदगी की कमाई चंद घंटों में राख हो गई।
न्यू टाउन की झुग्गियों में लगी आग: बस्ती को लेकर पहले से थे सवाल
न्यू टाउन का यह इलाका पहले भी चर्चा में रहा है। स्थानीय लोगों के अनुसार, यहां बड़ी संख्या में बांग्लादेशी परिवार रहते थे। SIR प्रक्रिया शुरू होने की खबर फैलते ही इनमें से कई लोग कथित तौर पर पहले ही बस्ती छोड़कर चले गए थे। ऐसे में आग लगने के समय कई झोपड़ियों का खाली होना कई तरह के सवाल खड़े कर रहा है।
राजनीतिक आरोपों से गरमाया मामला
न्यू टाउन की झुग्गियों में लगी आग: आग बुझने के बाद यह घटना सियासी बहस का केंद्र बन गई। बीजेपी नेता अमित मालवीय ने इसे महज हादसा मानने से इनकार करते हुए गंभीर आरोप लगाए।
उन्होंने दावा किया कि चुनाव आयोग की कार्रवाई से पहले यह आग लगना संयोग नहीं हो सकता।
उनका आरोप है कि आग के जरिए दस्तावेजों को नष्ट कर बाद में नए कागजात बनवाने की जमीन तैयार की जा रही है।
‘दस्तावेज जलाने’ के आरोप और प्रशासन पर सवाल
अमित मालवीय के मुताबिक, वोटर लिस्ट से नाम कटने के बाद यह पूरी कवायद की गई, ताकि लोग यह कह सकें कि उनके आधार, राशन कार्ड और वोटर आईडी आग में जल गए। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि इतनी बड़ी आग के बावजूद दमकल की तैनाती समय पर और पर्याप्त क्यों नहीं रही।
जांच के आदेश, लेकिन सियासत तेज
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने घटना की जांच के निर्देश दिए हैं। दूसरी ओर, विपक्ष इसे घुसपैठ और फर्जी दस्तावेजों से जोड़कर देख रहा है। फिलहाल सैकड़ों लोग खुले आसमान के नीचे रातें गुजारने को मजबूर हैं, लेकिन न्यू टाउन की यह आग अब सिर्फ एक हादसा नहीं, बल्कि बंगाल की राजनीति में एक बड़ा विवाद बन चुकी है।

