Naxalite Encounter: आंध्र प्रदेश की सीमा पर सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच मंगलवार सुबह बड़ा ऑपरेशन हुआ, जिसमें नक्सलियों को भारी नुकसान पहुंचा।
यह मुठभेड़ अल्लूरी सीताराम राजू जिले के मरेडपल्ली जंगल में हुई,
जहां लंबे समय से नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना मिल रही थी। अधिकारियों ने बताया कि यह मुठभेड़ एक प्लानिंग के तहत की गई कार्रवाई थी, जो खुफिया इनपुट के आधार पर शुरू हुई।
Naxalite Encounter: हिडमा अपने साथियों के साथ छिपा
खबरों के अनुसार, सुरक्षा एजेंसियों को कुछ दिनों से यह जानकारी मिल रही थी कि कुख्यात नक्सली कमांडर हिडमा अपने साथियों के साथ मरेडपल्ली इलाके में छिपा हुआ है।
हिडमा पर एक करोड़ रुपये का इनाम था और वह माओवादी संगठन का सबसे खतरनाक नेता माना जाता था।
जितनी भी बड़ी नक्सली वारदातें हाल के वर्षों में हुईं, उनमें ज्यादातर जगह हिडमा का नाम जुड़ा हुआ था। इसी वजह से सुरक्षा बल लंबे समय से उसकी तलाश में थे।
नक्सलियों ने शुरू की फायरिंग
जैसे ही ग्रेहाउंड्स और अन्य सुरक्षा दलों को उसकी लोकेशन की पक्की जानकारी मिली, उसी रात ऑपरेशन की तैयारी शुरू कर दी गई।
सुबह तड़के सुरक्षा बल जंगल के अंदर गहराई तक पहुंचे। दल धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा था, ताकि नक्सली उनकी मूवमेंट को पकड़ न सकें।
जब बल मरेडपल्ली के घने जंगल वाले हिस्से में पहुंचे, तभी नक्सलियों ने उन पर फायरिंग शुरू कर दी। इसके बाद दोनों तरफ से कई मिनट तक लगातार गोलाबारी चलती रही।
सुरक्षा बलों ने मोर्चा संभाला और जवाबी कार्रवाई शुरू की। मुठभेड़ इतनी तेज थी कि जंगल में चारों तरफ गोलियों की आवाज गूंजने लगी।
कुछ ही देर में बलों ने नक्सलियों के ठिकाने को घेर लिया, जिससे नक्सली भाग नहीं सके। इस घेराबंदी के दौरान छह नक्सली मारे गए, जिनमें सबसे बड़ा नाम हिडमा का है।
उसके साथ उसकी पत्नी राजे भी मुठभेड़ में मारी गई, जो खुद 40 लाख की इनामी नक्सली थी। दोनों लंबे समय से आंध्र और छत्तीसगढ़ को जोड़ने वाले जंगलों में सक्रिय थे।
40 लाख का इनामी
इसके अलावा दो और बड़े नक्सली टेक शंकर और चल्लुरी नारायण उर्फ सुरेश भी मारे गए। सुरेश माओवादियों की स्पेशल जोनल कमेटी का सदस्य था और उस पर भी 40 लाख रुपये का इनाम था।
बाकी दो मृत नक्सलियों की पहचान ग्रेहाउंड्स पुलिस कर रही है। अधिकारियों का कहना है कि यह ऑपरेशन बेहद सफल और सटीक था और इससे नक्सली संगठन की क्षमता को बड़ा नुकसान पहुंचा है।
इस मुठभेड़ के बाद सुरक्षा बलों ने इलाके में तलाशी अभियान बढ़ा दिया है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि नक्सलियों का और कोई समूह आसपास मौजूद तो नहीं है।
साथ ही जंगल से कई हथियार, गोला-बारूद, ग्रेनेड लॉन्चर और विस्फोटक भी बरामद किए गए हैं।
इससे पहले छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में भी रविवार को तीन नक्सली ढेर किए गए थे।
लगातार हो रही इन कार्रवाइयों से यह साफ हो रहा है कि सुरक्षा बल अब नक्सलियों को गहरी चोट पहुंचा रहे हैं और उनके नेटवर्क को तोड़ने की दिशा में तेज़ी से काम कर रहे हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि हिडमा की मौत नक्सल आंदोलन के लिए सबसे बड़ा झटका है और इससे उनकी गतिविधियाँ आने वाले महीनों में काफी कमजोर पड़ सकती हैं।

