National Herald Case: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कांग्रेस नेताओं सोनिया गांधी, राहुल गांधी, सैम पित्रोदा, सुमन दुबे और अन्य के खिलाफ दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की है। यह मामला एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) और यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड से जुड़ा है। ईडी का आरोप है कि यंग इंडियन के माध्यम से एजेएल की करोड़ों रुपये की संपत्तियों पर अवैध रूप से कब्जा किया गया, जो मनी लॉन्ड्रिंग के दायरे में आता है।
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National Herald Case: AJL के 90 करोड़ रुपये से अधिक के कर्ज
ईडी के अनुसार कांग्रेस ने 2010 में यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड नामक गैर-लाभकारी कंपनी बनाई, जिसमें सोनिया गांधी और राहुल गांधी की प्रमुख हिस्सेदारी थी। इस कंपनी ने एजेएल के 90 करोड़ रुपये से अधिक के कर्ज को मात्र 50 लाख रुपये में खरीद लिया। इसके परिणामस्वरूप, एजेएल की दिल्ली, लखनऊ, मुंबई, भोपाल सहित देशभर की करोड़ों रुपये की संपत्तियों पर कब्जा कर लिया था।
सैम पित्रोदा पर आरोप
चार्जशीट में आरोप लगाया गया है कि सोनिया गांधी, राहुल गांधी, सैम पित्रोदा, सुमन दुबे और अन्य ने एजेएल की अचल संपत्तियों का दुरुपयोग कर यंग इंडियन को लाभ पहुंचाया, जिससे निजी फायदा उठाया गया। ईडी का कहना है कि यह प्रक्रिया अवैध थी और इससे मनी लॉन्ड्रिंग का अपराध सिद्ध होता है। इस मामले में पहले भी सोनिया गांधी और राहुल गांधी से ईडी ने कई बार पूछताछ की है।
विशाल गोगने ने चार्जशीट का अवलोकन किया
9 अप्रैल 2025 को स्पेशल जज विशाल गोगने ने चार्जशीट का अवलोकन किया और अगली सुनवाई के लिए 25 अप्रैल 2025 की तारीख तय की। इस दिन कोर्ट यह तय करेगा कि चार्जशीट के आधार पर आरोपों पर संज्ञान लिया जाए या नहीं। यदि कोर्ट आरोपों को स्वीकार करता है, तो यह कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व के लिए बड़ी कानूनी और राजनीतिक चुनौती बन सकता है।
कांग्रेस ने कहा- राजनीतिक प्रतिशोध
कांग्रेस ने इस मामले को राजनीतिक प्रतिशोध करार दिया है, जबकि सरकार का कहना है कि कानून अपना काम कर रहा है। इस केस ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है और सभी की निगाहें 25 अप्रैल की सुनवाई पर टिकी हैं, जो यह तय करेगी कि मामला आगे बढ़ेगा या नहीं। यह मामला न केवल कानूनी बल्कि राजनीतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह कांग्रेस के शीर्ष नेताओं को सीधे प्रभावित कर सकता है।
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