Nagpur Violence: महाराष्ट्र के नागपुर में 17 मार्च 2025 की शाम हुई हिंसा को ‘अफवाह’ का नतीजा बताया जा रहा है। जिस तरीके से इसे अंजाम दिया गया उससे लगता है सब कुछ पूरी प्लानिंग के साथ हुआ। औरंगजेब की कब्र पर गरम माहौल में किसी ने शोर मचाया कि कुरान जला दी गई है। यह बात फैलते ही मुस्लिमों की भीड़ शहर को जलाने निकल पड़ी। गाड़ियां फूँक दी गई। जमकर पत्थरबाजी हुई। पुलिस पर हमले हुए। ऐसे में हालात पर काबू पाने के लिए प्रशासन को कर्फ्यू लगाना पड़ा।
इस तरह उड़ाई गई अफवाह
Nagpur Violence: मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सोमवार सुबह 7 से 9 बजे के बीच नागपुर के महाल इलाके में छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति के पास शिव जयंती का कार्यक्रम चल रहा था। दोपहर 12 बजे के आसपास विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ता औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग को लेकर सड़क पर उतरे।
उन्होंने औरंगजेब का पुतला जलाया। यह वीडियो सोशल मीडिया ज्यों ही वायरल हुआ अफवाह उड़ा दी गई कि चादर पर कुरान की आयतें लिखी थीं और उसे जलाया गया। पुलिस के अनुसार, ऐसा कुछ नहीं हुआ, फिर भी साजिशन हिंसा की गई।
नकाबपोश भीड़ ने जमकर मचाया उत्पात
Nagpur Violence: शाम 5 बजे तक माहौल गरमाने लगा। नागपुर के महाल, कोतवाली, गणेशपेठ और चितनवीस पार्क जैसे इलाकों में मुस्लिम युवकों की भीड़ जमा होने लगी। मुस्लिमों की भीड़ सड़कों पर निकल आई। शाम 7 बजने तक तक नारेबाजी शुरू हो गई और थोड़ी देर में सैकड़ों की संख्या में लोग सड़क पर थे।
भीड़ में ज्यादातर नकाबपोश थे, जिनके हाथों में लाठियां, पत्थर, बोतलें और कुछ के पास तो पेट्रोल बम भी थे। शाम 7:30 बजे के बाद इस हिंसा ने रफ्तार पकड़ ली। चितनवीस पार्क से लेकर शुक्रवारी तालाब रोड तक उपद्रवियों ने 40 से ज्यादा गाड़ियां जला दीं। मुस्लिमों की भीड़ ने दुकानों में तोड़फोड़ की और घरों पर पथराव किया।
डीसीपी पर कुल्हाड़ी से हमला, 15 पुलिसकर्मी घायल
Nagpur Violence: मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुलिस ने हालात काबू करने की कोशिश की, लेकिन भीड़ ने उन पर भी पत्थर बरसाए। पहले लाठीचार्ज हुआ, फिर आँसू गैस के गोले छोड़े गए, लेकिन हिंसा रुकने का नाम नहीं ले रही थी। इस बीच डीसीपी निकेतन कदम पर भी हमला हुआ।
भीड़ में से किसी ने उन पर कुल्हाड़ी से वार किया, जिससे उनके हाथ में गहरी चोट लगी। उन्हें फौरन अस्पताल ले जाया गया। कुल मिलाकर 15 से ज्यादा पुलिसवाले घायल हुए, जिनमें कुछ की हालत गंभीर थी। इसके अलावा 5-6 आम लोग भी चोटिल हुए।
भीड़ में बाहरी लोग, प्लानिंग के साथ आए!
Nagpur Violence: स्थानीय लोगों का कहना है कि यह हिंसा अचानक नहीं हुई। भीड़ में ज्यादातर बाहरी लोग थे, जो प्लानिंग के साथ आए। एक शख्स ने कहा, “हमारे इलाके में पहले कभी ऐसा नहीं हुआ। ये लोग बाहर से आए, उनके पास पेट्रोल बम थे। 8 गाड़ियाँ तोड़ीं, 2 में आग लगा दी।” सीएम देवेंद्र फडणवीस और नितिन गडकरी ने शांति की अपील की है। पुलिस कमिश्नर ने कहा कि स्थिति अब काबू में है, लेकिन सतर्कता बरती जा रही है।
अब तक 50 से ज्यादा गिरफ्तार
Nagpur Violence: पुलिस ने हालात संभालने के लिए अतिरिक्त फोर्स बुलाई। रात तक हंसपुरी इलाके में भी उपद्रव की खबरें आईं, लेकिन धीरे-धीरे स्थिति काबू में आई। अब तक 50 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। सीसीटीवी फुटेज और वीडियो क्लिप्स की मदद से पत्थरबाजों और आग लगाने वालों की पहचान की गई।
Nagpur Violence: नागपुर और महाराष्ट्र की साइबर पुलिस टीम ने 100 से ज्यादा सोशल मीडिया अकाउंट्स की जांच शुरू कर दी है, क्योंकि अफवाह इन्हीं के जरिए फैली थी। इस बीच, नागपुर शहर के 10 पुलिस थाना इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया है।
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