Musk-Trump fight: कभी अमेरिकी राजनीति में डोनाल्ड ट्रम्प के सबसे प्रभावशाली समर्थकों में शुमार रहे एलन मस्क अब उन्हीं के सबसे बड़े विरोधी बनकर उभरे हैं। एक समय था।
जब मस्क ने ट्रम्प को सत्ता में बनाए रखने के लिए न केवल 29 करोड़ डॉलर (करीब 2400 करोड़ रुपये) झोंक दिए, बल्कि उनके साथ पेनसिल्वेनिया में खुलकर प्रचार भी किया।
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Musk-Trump fight: ट्रम्प को एहसान फरामोश बताया
मस्क का दावा है कि अगर उन्होंने ट्रम्प की मदद नहीं की होती, तो 2024 का राष्ट्रपति चुनाव रिपब्लिकन पार्टी के हाथ से निकल जाता, डेमोक्रेट्स संसद पर कब्जा कर लेते और सीनेट में बहुमत भी हाथ से चला जाता, लेकिन अब हालात पूरी तरह बदल चुके हैं।
ट्रम्प ने मस्क के इस दावे को सिरे से खारिज कर दिया और कहा कि वे मस्क के बिना भी चुनाव जीत सकते थे। इसी बयान ने दोनों के बीच तनातनी को खुलकर सामने ला दिया। एलन मस्क ने ‘एक्स’ पर ट्रम्प को ‘एहसान फरामोश’ बताया और कहा कि ट्रम्प अब सच से भाग रहे हैं।
ट्रंप और मस्क में जंग
मस्क का असली गुस्सा ट्रम्प के उस टैक्स बिल पर है, जिसे ‘बिग ब्यूटीफुल बिल’ कहा गया था। मस्क ने कहा कि इस बिल में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स और सोलर एनर्जी को मिलने वाली राहतों में कटौती कर दी गई, जबकि ऑयल और गैस कंपनियों की सब्सिडी को छुआ तक नहीं गया।
उन्होंने इसे ‘बेहद अन्यायपूर्ण’ करार दिया। ट्रम्प ने इसका जवाब देते हुए कहा कि मस्क ने बिल पर कभी आपत्ति नहीं जताई थी, लेकिन मस्क ने तुरंत इसका खंडन कर डाला। उनका कहना है कि यह बिल उन्हें कभी दिखाया ही नहीं गया, बल्कि इसे रातोंरात पास कर दिया गया ताकि कोई सांसद इसे ठीक से पढ़ भी न सके।
ट्रम्प ने कहा कि सब्सिडी खत्म कर देना
दोनों के बीच की तल्खी और बढ़ गई जब ट्रम्प ने मस्क को मिलने वाली सरकारी सब्सिडी और ठेकों को खत्म करने की धमकी दी। मस्क की कंपनियों को अब तक लगभग 3.26 लाख करोड़ रुपये की सरकारी मदद मिल चुकी है।
ट्रम्प ने कहा कि सब्सिडी खत्म कर देना अरबों डॉलर बचाने का सबसे आसान तरीका है। इसके तुरंत बाद टेस्ला के शेयर 17% तक गिर गए, जिससे कंपनी की मार्केट वैल्यू में करीब 2 अरब डॉलर (लगभग 17 हजार करोड़ रुपये) की गिरावट आई।
मस्क ने इसके जवाब में ट्रम्प की पुरानी सरकार से जुड़ी विवादास्पद फाइलों, जैसे एपस्टीन सेक्स स्कैंडल, का हवाला देना शुरू कर दिया और इशारा किया कि अब ‘बड़े धमाकों’ का समय आ गया है। इतना ही नहीं, मस्क ने ट्रम्प सरकार के मंत्रियों को ‘एक्स’ पर अनफॉलो करना शुरू कर दिया और पुराने ट्वीट शेयर कर ट्रम्प की नीतियों पर निशाना साधा।
संसद देश को दिवालियापन की ओर ले जा रही
इस पूरे घटनाक्रम में सबसे बड़ा राजनीतिक धमाका तब हुआ जब मस्क ने अमेरिका में एक नई राजनीतिक पार्टी की संभावना पर सवाल उठाया। उन्होंने ‘एक्स’ पर पोल किया कि क्या देश को ऐसी पार्टी की जरूरत है जो मध्यमवर्गीय अमेरिकियों का 80% प्रतिनिधित्व कर सके।
केवल सवा घंटे में ही 6 लाख से ज़्यादा लोगों ने वोट डाले, जिनमें से 83% ने नई पार्टी के गठन का समर्थन किया। मस्क के इस कदम को अमेरिकी राजनीति में तीसरे मोर्चे की तैयारी के तौर पर देखा जा रहा है।
मस्क का कहना है कि मौजूदा संसद देश को दिवालियापन की ओर ले जा रही है और ट्रम्प जैसे नेता सिर्फ सैन्य बजट बढ़ाकर सुरक्षा का दिखावा कर रहे हैं। दूसरी ओर, ट्रम्प अब भी इस टैक्स बिल को अमेरिकी सुरक्षा नीति का अहम हिस्सा मानते हैं और कहते हैं कि इससे देश को दीर्घकालिक ऊर्जा और बॉर्डर पर सख्ती मिलेगी।
सार्वजनिक मंचों पर एक-दूसरे को नीचा दिखाना
हकीकत यही है कि अब ट्रम्प और मस्क के रास्ते पूरी तरह अलग हो चुके हैं। कभी एक-दूसरे के रणनीतिक सहयोगी रहे ये दो दिग्गज अब सार्वजनिक मंचों पर एक-दूसरे को नीचा दिखाने में जुटे हैं।
अमेरिकी राजनीति में यह टकराव सिर्फ दो शख्सियतों का नहीं, बल्कि दो सोचों का संघर्ष बनता जा रहा है एक तरफ है पारंपरिक सत्ता की शैली और दूसरी ओर है मस्क का टेक-प्रेरित, खुला और सीधा हमला करने वाला रवैया।
अब सबकी निगाहें इस पर टिकी हैं कि मस्क अपनी नई पार्टी की घोषणा करते हैं या नहीं और अगर करते हैं, तो क्या वह ट्रम्प के लिए 2028 की राजनीति में सबसे बड़ी चुनौती बनेंगे।