मुर्शिदाबाद के बेलडांगा में शनिवार का दिन अचानक बेहद भारी हो गया। इलाके में सुबह से ही माहौल असामान्य था—सड़कें भरी हुई, सुरक्षाकर्मी हर तरफ तैनात और भीड़ का रुख एक ही दिशा में।
इसी माहौल के बीच TMC से निलंबित विधायक हुमायूं कबीर ने उस मस्जिद की नींव रखी, जिसे वे अयोध्या की बाबरी मस्जिद की तर्ज पर बनने वाला प्रतीकात्मक निर्माण बताते आए हैं।
कार्यक्रम में पहुंचने वाले लोगों की संख्या दो लाख से ज्यादा बताई गई। कई लोग ईंटें लेकर आए—कोई सिर पर, कोई रिक्शे में, कोई ट्रॉली में। भीड़ का पैमाना देखकर प्रशासन ने इलाके को लगभग एक सिक्योरिटी जोन में बदल दिया।
मुर्शिदाबाद: सुरक्षा बलों की भारी तैनाती
बेलडांगा और आसपास के इलाकों में RAF, BSF, सेंट्रल आर्म्ड फोर्सेस और स्थानीय पुलिस को मिलाकर तीन हजार से अधिक जवान तैनात किए गए। ड्रोन कैमरों से आस-पास की लगातार निगरानी होती रही। भीड़ की दिशा को संभालने के लिए कई रास्तों पर बैरिकेडिंग और रूट बदले गए।
कबीर का बयान और हाईकोर्ट की अनुमति
शिलान्यास से पहले कबीर ने दावा किया कि कार्यक्रम को रोकने के लिए कई कोशिशें हुईं, पर वे पीछे नहीं हटेंगे। ठीक एक दिन पहले ही कोलकाता हाईकोर्ट ने कार्यक्रम पर रोक लगाने से इनकार किया था और राज्य सरकार को सिर्फ शांति व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी दी थी।
इसी आदेश के बाद कबीर ने शिलान्यास करने का फैसला पक्का कर दिया।
आयोजन का पैमाना
मस्जिद शिलान्यास का कार्यक्रम लगभग 25 बीघा जमीन पर हुआ।
- स्टेज करीब 150 फीट लंबा था
- 400 से ज्यादा लोगों के बैठने की व्यवस्था की गई
- 2,000 से अधिक वॉलंटियर्स तैनात रहे
- मेहमानों के लिए 60,000 से अधिक बिरयानी पैकेट तैयार करवाए गए
सऊदी अरब से भी धार्मिक प्रतिनिधि कार्यक्रम में शामिल हुए, जिसके चलते भीड़ और मीडिया की दिलचस्पी और बढ़ गई।
राजनीतिक आरोप और नई बहस
मुर्शिदाबाद: बीजेपी नेताओं ने इसे सीधा “मुस्लिम वोट बैंक साधने का प्रयास” बताया। दिलीप घोष ने कहा कि आम लोग अब समझ रहे हैं कि किस तरह भावनाओं का इस्तेमाल राजनीति के लिए किया जा रहा है।
अमित मालवीय ने बेलडांगा को संवेदनशील इलाका बताते हुए आरोप लगाया कि राज्य सरकार जानबूझकर इस तरह की घटनाओं को हवा दे रही है।
दूसरी ओर, TMC पहले ही साफ कर चुकी है कि हुमायूं कबीर का यह कदम पार्टी की लाइन से बाहर है। 4 दिसंबर को उन्हें निलंबित भी कर दिया गया। कबीर अब नई पार्टी बनाने और 135 सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुके हैं।
विवाद की हालिया टाइमलाइन
- 28 नवंबर को बेलडांगा में शिलान्यास के पोस्टर लगे
- बीजेपी ने विरोध किया और कांग्रेस के कुछ नेताओं ने समर्थन
- 3 दिसंबर को TMC ने कार्यक्रम से अपना संबंध खत्म बताया
- 4 दिसंबर को कबीर को पार्टी से निलंबित कर दिया
- 6 दिसंबर को भारी सुरक्षा और भीड़ के बीच शिलान्यास पूरा हुआ
अयोध्या-बाबरी से जुड़ी मुख्य घटनाएं
- 1992 में विवादित ढांचा गिराया गया
- 2003 में ASI ने जमीन के नीचे मंदिरनुमा संरचना मिलने का दावा किया
- 2010 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जमीन तीन हिस्सों में बांटने का फैसला दिया
- 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने पूरी जमीन रामलला को दी
- मुस्लिम पक्ष को 5 एकड़ अलग जमीन देने का आदेश
- 2020 में राम मंदिर निर्माण का भूमि पूजन
- 2024 में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा

