South Korea: साउथ कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक योल ने मार्शल लॉ लगाने की घोषणा कर दी। मॉर्शल लॉ के तहत सभी राजनीतिक गतिविधियों और प्रदर्शनों पर रोक लगा दी गई है। मीडिया को भी मॉर्शल लॉ के अधीन कर दिया गया। राष्ट्रपति यून सुक ने विपक्षी दलों की गतिविधियों को राष्ट्रीय सुरक्षा व संवैधानिक व्यवस्था के लिए खतरा बताया है।
South Korea: मॉर्शल लॉ को विपक्ष ने किया खारिज
राष्ट्रपति के इस कदम का संसद ने विरोध किया है। संसद को बंद करने के बाद उसमे प्रवेश करने के लिए सांसदो औऱ सुरक्षाकर्मियों को मशक्कत करनी पड़ी, लेकिन वे घुसने में सफल रहे। 300 सदस्यों वाली नेशनल असेंबली में मौजूद सभी 190 सदस्यों ने प्रस्ताव पारित कर मॉर्शल लॉ को खारिज करते हुए इसे वापस लेने की मांग की है। वहीं स्पीकर वू व शिक ने कहा कि राष्ट्रपति को मार्शल लॉ वापस लेना होगा। इस घटना के बाद लोग विरोध प्रदर्शन के लिए सड़कों पर उतर आये है और 28500 सैनिक अभी कोरिया में तैनात हैं।
1980 में लगा था मार्शल लॉ
बता दें कि यून 2022 से राष्ट्रपति पद पर बने हुए है। दक्षिण कोरिया में इससे पहले 1980 में मार्शल लॉ लगा था। तब छात्रों के नेतृत्व में देशव्यापी विद्रोह हुआ था। विपक्ष के नेता ली जे-म्यांग ने कहा कि मार्शल लॉ अवैध और असंवैधानिक है। टैंक, बख्तरबंद वाहन और बंदूकों और चाकुओं से लैस सैनिक देश पर राज करेंगे। ऐसे में कोरिया गणराज्य की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो जाएगी। जे ने कहा कि मेरे साथी नागरिकों से आग्रह है कि वो कृपया नेशनल असेंबली में आएं। वहीं दूसरी तरफ मार्शल लॉ कमांडर जनरल पार्क अन-सू ने कहा कि जो भी मार्शल लॉ की अवहेलना करेगा। उसे बिना वारंट जारी किये गिरफ्तार किया जाएगा।