Mahakumbh 2025: महाकुंभ में संगम के जल को लेकर एक नया बवाल छिड़ गया है। सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) की रिपोर्ट का कहना है कि यहां का जल नहाने योग्य नहीं है। इसके जवाब में यूपी पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने 18 फरवरी को एक नई रिपोर्ट पेश करते हुए CPCB के दावे को खारिज कर दिया है। UPPCB ने बताया कि नाले का पानी सीधे गंगा-यमुना में नहीं गिर रहा और पानी नहाने योग्य है।
Table of Contents
Mahakumbh 2025: 73 स्थानों से लिए गए पानी के सैंपल
हालांकि, NGT ने इस रिपोर्ट पर असंतोष जताते हुए UPPCB से एक सप्ताह में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। इसकी अगली सुनवाई 28 फरवरी को होगी। बता दें कि महाकुंभ में अब तक 55 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं ने स्नान कर लिया है। श्रद्धालुओं की आस्था को देखते हुए पानी की जांच की जा रही है। बता दें कि CPCB ने 9 से 21 जनवरी के बीच 73 स्थानों से पानी के सैंपल लिए गए थे। इसी के साथ ही फीकल कोलीफॉर्म बैक्टीरिया की मात्रा मानक से अधिक पाई गई थी। वहीं संगम में यह 100 से बढ़कर 4500 तक पहुंच गया, जबकि और घाटों पर भी High Level का रिकार्ड हुआ है।
योगी ने कहा सभी नाले पर टेप किए गए
जानकारी के लिए बता दें कि 1 मिली लीटर पानी में लगभग 100 बैक्टीरिया होने चाहिए, लेकिन महाकुंभ के अमृत स्नान से ठीक पहले यमुना नदी से पानी का सैंपल लिया गया। सैंपल में बैक्टीरिया 2300 के पार के पार पाया गया। इसी के साथ ही फाफामऊ में बैक्टीरिया का स्तर 790 मिला, तो राजापुर मेहदौरी में 930 रहा। छतनाग घाट पर 920 और अरैल घाट पर 680 मिला। जबकि राजापुर में 940 बैक्टीरिया पाए गए है। रिपोर्ट का ऐसा कहना है कि संगम के पानी को बिना प्यूरिफिकेशन और डिसइंफेक्ट किए बिना नहाने तक के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में कहा कि संगम क्षेत्र के सभी नाले टेप किए गए हैं और पानी को शुद्ध कर छोड़ा जा रहा है। इसकी निगरानी UPPCB कर रहा है।