Rajasthan News: प्रदेश के शहरी निकायों की सीमा बढ़ेगी। स्वायत्त शासन विभाग ने सभी निकायों से इसके प्रस्ताव मांगे हैं। ज्यादातर शहरों में आवासीय और व्यावसायिक योजनाओं का विस्तार मौजूदा सीमा के कई किलोमीटर दूर तक हो गया है। कई हिस्सों में तो घनी आबादी बस चुकी है, लेकिन उन्हें शहरवासियों के अनुसार सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। इसे देखते हुए ही विभाग ने निकायों से सीमा बढ़ाने के प्रस्ताव मांगे हैं। प्रदेश में अभी तक 18 निकायों ने प्रस्ताव भेजे हैं। राजस्थान में 300 से ज्यादा नगर निकायों का गठन हो चुका है, लेकिन अभी तक 213 निकायों में 90 फीसदी तंगहाली की स्थिति में है।
यूं दूर होगी निकायों की तंगहाली
स्वायत्त शासन विभाग का कहना है कि शहरी निकाय की सीमा बढ़ने से जो नए क्षेत्र उसमें शामिल होंगे, उनमें सरकारी जमीनें भी होंगी। इन सरकारी जमीनों का मालिकाना हक निकाय को ही मिलेगा। संबंधित निकाय को लीज राशि और नगरीय विकास कर भी ज्यादा मिलेगा। इससे उनकी आर्थिक उन्नति का रास्ता खुलेगा। विभाग ने निकायों को हिदायत दी है कि वे वित्तीय हैसियत से अधिक के कार्यादेश जारी नहीं करें। इसके बजाय निकाय अपनी आय बढ़ाने के नए स्रोत विकसित करें।
राशि नहीं होने के बावजूद कार्यादेश जारी करना ठीक नहीं
स्वायत्त शासन विभाग ने पिछले दिनों निकायों को पत्र भेज कर साफ किया था कि वे आर्थिक सहयोग के लिए बेवजह सरकार की तरफ नहीं देखें। तिजोरी में पूरा भुगतान करने के लिए राशि नहीं होने के बावजूद कई निकाय कार्यादेश जारी करते रहते हैं। यह सही तरीका नहीं है। दरअसल निकायों को केंद्र और राज्यों से हर समय आर्थिक सहायता मिलने की उम्मीद रहती है। इसी उम्मीद में वे क्षमता से अधिक निर्माण कार्यों के आदेश जारी कर देते हैं।
तिजोरी में 30 फीसदी ही आ रहा है पैसा
राजस्थान में 213 स्थानीय निकाय ऐसे हैं, जहां बोर्ड गठित हैं। इनमें 7950 सदस्य (पार्षद) हैं। अफसर-कर्मचारियों के साथ इनकी भी जिम्मेदारी है कि अपने निकाय को आर्थिक रूप से सक्षम बनाएं, लेकिन ज्यादातर अपनी राजनीति चमकाने में व्यस्त रहते हैं। इससे विकास कार्य प्रभावित होते हैं। तंगहाल निकाय अक्सर जनता की वाहवाही लूटने के लिए दिखावटी बजट बनाने में लगे रहते हैं। उनके पास आय के सीमित संसाधन हैं। अनुमानित आय के मुकाबले 70 फीसदी तक पैसा तिजोरी में नहीं आता है। सरकार भी निकायों को अधिक मदद नहीं करती है। इसका सीधा असर विकास कार्यों पर पड़ रहा है।
राजस्थान में कहां कितने सदस्य
निकाय संख्या सदस्य
नगर निगम 10 855
नगर परिषद 34 1905
नगर पालिका 169 5190