लॉरेंस बिश्नोई: कनाडा सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए कुख्यात लॉरेंस बिश्नोई गैंग को आतंकवादी संगठन की सूची में शामिल कर लिया है।
यह कदम कनाडा में बढ़ते संगठित अपराध और वैश्विक स्तर पर आतंकवाद के खिलाफ उठाया गया है।
सार्वजनिक सुरक्षा मंत्री गेरी अनंदसंगरी ने कहा कि यह निर्णय लोगों की सुरक्षा और समुदायों में शांति बनाए रखने के लिए जरूरी था।
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लॉरेंस बिश्नोई: बिश्नोई गैंग पर कनाडा की सख्ती
अब बिश्नोई गैंग को आधिकारिक तौर पर कनाडा के आपराधिक संहिता (Criminal Code) के तहत आतंकवादी समूह माना जाएगा।
इसके चलते गैंग की सभी संपत्तियां, बैंक खाते, वाहन और धनराशि जब्त या फ्रीज की जा सकती हैं।
कनाडाई सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि इस कदम से गैंग की फंडिंग, यात्रा और भर्ती जैसी गतिविधियों पर लगाम लगेगी और कानून प्रवर्तन एजेंसियों को और सशक्त बनाया जा सकेगा।
बिश्नोई गैंग की आपराधिक गतिविधियां
लॉरेंस बिश्नोई गैंग का नेटवर्क मुख्य रूप से भारत से संचालित होता है लेकिन इसका असर कनाडा और अन्य देशों में भी देखा गया है।
गैंग हत्या, रंगदारी, गोलीबारी, धमकी और आगजनी जैसे गंभीर अपराधों में शामिल रहा है। यह अपराधी संगठन लोगों में दहशत और डर का माहौल बनाकर अपना वर्चस्व कायम करता है।
कनाडा द्वारा आतंकवादी संगठन घोषित किए जाने के बाद अब इसकी आपराधिक गतिविधियों पर सीधा प्रहार होगा।
कनाडा सरकार का बयान
सार्वजनिक सुरक्षा मंत्री गेरी अनंदसंगरी ने कहा “कनाडा में हर व्यक्ति को सुरक्षित महसूस करने का अधिकार है।
बिश्नोई गैंग ने कुछ समुदायों को आतंकित करने का काम किया है और इसे आतंकवादी सूची में शामिल करने से हमें इनके अपराध रोकने में मदद मिलेगी।
गैंग के शामिल होने के बाद अब कनाडा में 88 संगठन आतंकवादी सूची में दर्ज हो चुके हैं।
बाबा सिद्दीकी हत्याकांड और बिश्नोई गैंग
लॉरेंस बिश्नोई गैंग का नाम उस समय और ज्यादा सुर्खियों में आया जब इसने एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या की जिम्मेदारी ली।
यह घटना 12 अक्टूबर 2024 को मुंबई के बांद्रा इलाके में हुई थी, जहां बाबा सिद्दीकी को उनके बेटे के ऑफिस के बाहर गोलियों से छलनी कर दिया गया।
इस वारदात में शामिल हमलावरों गुरमेल सिंह और धर्मराज कश्यप को लोगों ने मौके पर पकड़ लिया, जबकि तीसरा आरोपी शिवकुमार गौतम फरार हो गया।
बाद में उसे उत्तर प्रदेश के बहराइच से गिरफ्तार किया गया, जब वह नेपाल भागने की कोशिश कर रहा था। जांच में सामने आया कि पूरी साजिश के पीछे लॉरेंस बिश्नोई गैंग था।