Monday, November 25, 2024

Kargil war: जानें कैसे हुई थी कारगिल युद्ध की शुरुआत, इस योद्धा ने पाकिस्तान को चटाई थी धूल

कारगिल युद्ध का आगाज मई में हो गया था। जब पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर के कारगिल में घुसपैठ शुरू कर दी। इस पर भारत ने एक्शन लेना शुरू किया। इसी दिन से ऑपरेशन विजयी (कारगिल युद्ध) की शुरुआत हुई। इस अभियान की मॉनिटरिंग खुद प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी कर रहें थे। 68 दिन तक चले इस युद्ध में 26 जुलाई को भारत के जवानों ने फिर से कारगिल पर तिरंगा लहराया था।

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भारत ने पाक के खिलाफ पहले मोर्चे पर 15 सैनिकों की एक टुकड़ी भेजी, जिसमें से 5 सैनिक शहीद हो गए। भारत ने शुरुआत में उन चोटियों को निशाना बनाया, जिससे पाकिस्तानी घुसपैठी आगे नहीं बढ़ पाए। भारतीय वायुसेना ने ऑपरेशन सफेद सागर के तहत ऊंची चोटियों पर एयरस्ट्राइक शुरू कर दी। हालांकि बर्फीली पहाड़ियों पर बंकर बने होने से यह स्ट्राइक सफल नहीं हो पायी, लेकिन सैन्य वार के साथ-साथ भारत ने कूटनीतिक अभियान भी जारी रखा था।

मई 1999 का महीना याद है आपको, यह वो टाइम था जब हमारे जवान कारगिल में भारत की सरहद बचाने के लिए जान की बाजी लगा रहे थे। आपको याद होगा उसी साल, फरवरी 1999 में भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने शांति स्थापित करने के लिए लाहौर समझौता किया था, ऐसे में यह बड़ा सवाल था की जब शांति के लिए समझौता हुआ तो फिर पाकिस्तान ने कारगिल में घुसपैठ क्यों की।

साल 2004 में एक इंटरव्यू में पाकिस्तान के पूर्व पीएम नवाज शरीफ ने बड़ा खुलासा किया था कि कारगिल युद्ध की स्क्रिप्ट पाकिस्तान के आर्मी चीफ परवेज मुशर्रफ ने लिखी थी और उन्होंने इसकी जानकारी पाकिस्तान सरकार को नहीं दी। जब मैंने इसके बारे में पूछा तो उसने कहा कि भारतीय सीमा पर मुजाहिद्दीन लड़ रहे हैं। मुझे जब जानकारी मिली, तब मैंने शांति स्थापित करने की दिशा में काम किया। वजह जो भी थी पाकिस्तान के नापाक मनसूबे न तो कामयाब हुए है न होंगे।

जानें कौन है कारगिल युद्ध के योद्धा नचिकेता

Kargil War Nachiketa

भारत का एक ऐसा शूरवीर जवान, जिसके बारे में जानते है बहुत ही कम लोग नाम है… कम्बमपति नचिकेता….. कारगिल युद्ध का ये वहीं दिन है जब भारत ने पाकिस्तान के ऊपर एयरस्ट्राइक शुरू की थी। एयरस्ट्राइक के दौरान पाकिस्तान के मिसाइल ने भारत के विमान मिग-27 को अपना निशाना बना लिया और बहुत ही मजबूरी में नचिकेता को पाकिस्तान में अपना विमान लैंड करना पड़ा। नचिकेता को 17000 फीट की ऊंचाई से दुशमन पर हमला करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।

पाकिस्तान ने नचिकेता को यातनाएं देना शुरू कर दिया, लेकिन भारत के दबाव के आगे पाक को झुकना पड़ा। नचिकेता को पाकिस्तान में रेड क्रॉस सोसाइटी की अंतरराष्ट्रीय समिति के हवाले कर दिया गया। इसके बाद उन्हें भारत के वाघा बॉर्डर के रास्ते स्वदेश वापस लाया गया। नचिकेता को पाकिस्तान ने अपने कब्जे में 3 जून 1999 तक रखा हुआ था।

Madhuri Sonkar
Madhuri Sonkarhttps://reportbharathindi.com/
ETV Bharat में एक साल ट्रेनिंग कंटेंट एडिटर के तौर पर काम कर चुकी हैं। डेली हंट और Raftaar News में रिपोर्टिंग, V/O का अनुभव। लाइफस्टाइल, इंटरनेशनल और बॉलीवुड न्यूज पर अच्छी पकड़।
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