Wednesday, May 28, 2025

Khatu Shyam: खाटू श्याम रास्ते पर हर साल होती हैं सैंकड़ों मौतें, जिम्मेदार कौन?

Khatu Shyam: हर साल हजारों श्रद्धालु खाटू श्याम के दर्शन के लिए निकलते हैं, लेकिन इनमें से कई लोग अपने गंतव्य तक पहुंच ही नहीं पाते। हादसों की संख्या हर वर्ष बढ़ती जा रही है।

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सवाल यह है कि आखिर खाटू श्याम यात्रा इतनी असुरक्षित क्यों हो गई है? क्या श्रद्धा के रास्ते पर निकले इन लोगों की सुरक्षा की जिम्मेदारी कोई नहीं लेना चाहता?

1. Khatu Shyam: 4 महिलाओं की मौत

22 मई 2025 को ऐसा ही एक दर्दनाक हादसा जयपुर के पास हुआ। लखनऊ के नगराम क्षेत्र के हरदोईया बाजार निवासी एक ही परिवार के छह सदस्य खाटू श्याम दर्शन के लिए निकले थे।

जयपुर के रायसर इलाके में मनोहरपुर-दौसा हाईवे पर एक ट्रक का टायर फट गया और वह अनियंत्रित होकर रुक गया।

इसी दौरान सामने से आ रही कार ट्रक से टकरा गई। हादसे में मां ललिता देवी, बेटे राहुल और नितिन की मौके पर ही मौत हो गई। राहुल की पत्नी और उनके दोनों बेटे गंभीर रूप से घायल हो गए।

2. गाड़ी सड़क किनारे पंक्चर होने पर रुकी

इसी तरह 11 मार्च 2024 को रेवाड़ी के पास गाजियाबाद से खाटू श्याम जा रही इनोवा गाड़ी सड़क किनारे पंक्चर होने पर रुकी थी। उसी वक्त पीछे से तेज रफ्तार वाहन ने टक्कर मार दी। हादसे में चार महिलाएं समेत छह लोगों की जान गई और छह अन्य घायल हुए।

3. बाइक सवार को ट्रक ने मारी टक्कर

21 अप्रैल 2024 को जयपुर के श्याम नगर में बाइक सवार वनपाल को एक ट्रक ने पीछे से टक्कर मार दी। अस्पताल ले जाते समय उसकी मौत हो गई। इन सभी घटनाओं की वजह लापरवाही, तेज रफ्तार, ट्रकों की तकनीकी खराबी, और सड़क सुरक्षा उपायों की भारी कमी है।

श्रद्धालु अक्सर लंबे सफर पर बिना विश्राम किए, जल्दी पहुंचने की जल्दबाज़ी में तेज़ गति से गाड़ी चलाते हैं। खराब सड़कें, ओवरलोड ट्रक और रात्रि यात्रा के दौरान दृश्यता की कमी भी हादसों को न्योता देती है।

सरकार को ध्यान देने की जरूरत

आखिर सरकार इन यात्राओं की सुरक्षा पर ध्यान क्यों नहीं देती? जब पता है कि खाटू श्याम जैसे तीर्थों पर भारी भीड़ लगती है, तो विशेष यातायात प्रबंधन, सड़क सुरक्षा अभियान, ट्रकों की नियमित जांच, और श्रद्धालुओं को जागरूक करने की व्यवस्था क्यों नहीं होती?

ओवरस्पीडिंग से बचें

सरकार को चाहिए कि खाटू श्याम जैसे धार्मिक स्थलों के प्रमुख मार्गों पर स्पेशल कंट्रोल रूम, हाईवे पेट्रोलिंग और हेल्पलाइन सेवाएं उपलब्ध कराए। वहीं, यात्रियों को भी चाहिए कि यात्रा से पहले गाड़ी की स्थिति की जांच करें, ड्राइवर को पर्याप्त विश्राम दें, ओवरस्पीडिंग से बचें और अनजान रास्तों पर सतर्क रहें।

श्रद्धा जरूरी है, लेकिन उससे भी जरूरी है ज़िंदगी। अगर समय रहते सरकार और जनता दोनों सतर्क नहीं हुए, तो हर साल श्रद्धालुओं की यह यात्रा आस्था की नहीं, अफसोस की यात्रा बनती रहेगी।

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Madhuri Sonkar
Madhuri Sonkarhttps://reportbharathindi.com/
ETV Bharat में एक साल ट्रेनिंग कंटेंट एडिटर के तौर पर काम कर चुकी हैं। डेली हंट और Raftaar News में रिपोर्टिंग, V/O का अनुभव। लाइफस्टाइल, इंटरनेशनल और बॉलीवुड न्यूज पर अच्छी पकड़।
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