Kedarnath: उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग ज़िले में स्थित बाबा केदारनाथ धाम के कपाट आज विधिवत पूजा-अर्चना के साथ आम श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। कपाट खुलते ही पूरा मंदिर परिसर ‘हर-हर महादेव’ के उद्घोष से गूंज उठा। इस पावन अवसर पर हजारों श्रद्धालु मंदिर परिसर में उपस्थित रहे और बाबा के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त किया। बाबा केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह डोली मंगलवार को गुप्तकाशी के विश्वनाथ मंदिर से रवाना होकर फाटा, गौरीकुंड होते हुए एक मई की शाम केदारनाथ धाम पहुंची थी।
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Kedarnath: भक्तों पर हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा
कपाट खुलने के शुभ अवसर पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी धाम पहुंचे और बाबा केदार के दर्शन कर पूजा-अर्चना की। उन्होंने श्रद्धालुओं से मुलाकात भी की और यात्रा व्यवस्थाओं का जायज़ा लिया। इस मौके पर श्रद्धालुओं के स्वागत के लिए विशेष आयोजन किए गए। भक्तों पर हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा की गई, जिससे भक्त भावविभोर हो उठे। इसके अलावा आर्मी बैंड द्वारा प्रस्तुत मधुर संगीत ने वातावरण को और भी भक्तिमय बना दिया।
54 किस्म के 108 क्विंटल फूलों से सजाया गया
केदारनाथ मंदिर को इस बार भव्य तरीके से सजाया गया है। मंदिर परिसर को 54 किस्म के 108 क्विंटल फूलों से सजाया गया, जिसमें नेपाल, थाईलैंड और श्रीलंका से लाए गए गुलाब और गेंदा के फूल विशेष आकर्षण का केंद्र रहे। यह सजावट बाबा के धाम की अलौकिक भव्यता को और भी सुंदर रूप में प्रस्तुत कर रही है।
चिकित्सा शिविर और पुलिस सहायता केंद्र
कपाट खुलते ही केदारनाथ यात्रा मार्ग पर श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा है। देश के कोने-कोने से तीर्थयात्री बाबा के दर्शन के लिए पहुंचे हैं। श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा और व्यवस्था के व्यापक इंतजाम किए हैं। पैदल मार्ग, स्वास्थ्य सुविधाएं, आवास और आपातकालीन सेवाओं को लेकर प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है। यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए कंट्रोल रूम, चिकित्सा शिविर और पुलिस सहायता केंद्र भी सक्रिय किए गए हैं।
4 मई को खुलेंगे बद्रीनाथ के कपाट
वहीं बद्रीनाथ धाम के कपाट भी चार मई की सुबह 6:00 बजे खोले जाएंगे। इसको लेकर धार्मिक अनुष्ठान और सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। केदारनाथ के बाद अब श्रद्धालु बद्रीनाथ धाम की ओर भी उमड़ने लगे हैं। चारधाम यात्रा के इस शुभ प्रारंभ ने श्रद्धा, आस्था और भक्ति को एक बार फिर चरम पर पहुँचा दिया है, और उत्तराखंड की दिव्यता एक बार फिर विश्वभर के श्रद्धालुओं को आकर्षित कर रही है।
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