Kashmiri Pandit: आर्टिकल 370 हटने के बाद कश्मीरी पंडि़त अपने वापस बसने आस केंद्र सरकार से लगाए बैठे थे, जिसको अब वो खुद आगे बढ़े है। कश्मीरी पंडितों को घाटी में दोबारा स्थाई रूप से बसाने की मुहिम शुरू कर दी है। कश्मीरी पंडितों को बसाने के लिए एक हाउसिंग सोसायटी रजिस्टर करा ली गई है, जिसका नाम डिस्प्लेस्ड कश्मीरी पंडित हाउसिंग कॉपरेटिव है। बीते चार दिनों में देशभर में मौजूद 500 पंडित परिवारों ने घाटी में बसने के लिए सोसायटी से संपर्क किया है और वो वापस कश्मीर लौटकर एक नए सिरे से अपनी जिंदगी शुरू करना चाहते है। इसको लेकर सोसायटी का कहना है कि जो परिवार इससे जुड़ेंगे उन्हें सस्ते दरों पर कर्ज और जमीन दिलाने में सोसायटी मदद करेगी।
Kashmiri Pandit: 775 कश्मीरी पंडित
सोसायटी के सचिव सतीश महालदार ने बताया कि कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास के पहले चरण में सरकार से श्रीनगर में जमीन मांगी है। 35 साल पहले जब हमें श्रीनगर से निकाला गया था, तब सबकुछ छोड़कर गए थे। आज भी हमारे टूटे घर यहां हैं। इसलिए हम चाहते हैं कि पहले हमें यहीं बसाया जाए। बता दें कि 1990 में 64,827 परिवारों ने घाटी छोड़ी थी। इनमें 43618 पंडित परिवार जम्मू, 19,338 नई दिल्ली-एनसीआर में शिफ्ट हुए। बाकी देश के अन्य राज्यों में रहते हैं। गृह मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक कश्मीर में अभी 775 कश्मीरी पंडित परिवार रहते हैं।
सरकार ने पुनर्वास के लिए नहीं बनाई ठोस नीति
सोसायटी का मानना है कि सरकार और राजनीतिक दलों ने 35 वर्षों में पुनर्वास के लिए कोई ठोस नीति नहीं बनाई। ऐसे में समुदाय ने खुद इस दिशा में कदम बढ़ाने का फैसला किया है। सोसायटी के सदस्य केंद्र सरकार से सब्सिडी दर पर जमीन और वित्तीय सहायता की मांग कर रहे हैं। यह पहल न केवल कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास का मार्ग प्रशस्त कर सकती है, बल्कि घाटी में शांति और स्थिरता बहाल करने में भी अहम भूमिका निभा सकती है। जल्द ही हजारों विस्थापित परिवार इस पहल से जुड़ सकते हैं।