Monday, September 8, 2025

Kashi Vishwanath Mandir: मंदिर कर्मचारियों को राज्यकर्मी का दर्जा, वेतन तीन गुना बढ़ा

Kashi Vishwanath Mandir: वाराणसी स्थित श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर से जुड़ी एक ऐतिहासिक खबर सामने आई है।

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करीब 40 वर्ष बाद मंदिर कर्मचारियों और अर्चकों के लिए सेवा नियमावली को मंजूरी दे दी गई है। इस नए फैसले से अब मंदिर में कार्यरत सभी कर्मचारियों को राज्यकर्मियों के समान दर्जा प्राप्त होगा।

यह निर्णय गुरुवार को आयोजित श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर न्यास परिषद की 108वीं बैठक में लिया गया, जिसकी अध्यक्षता मंडलायुक्त एस. राजलिंगम ने की।

इस बैठक में सेवा नियमावली के अलावा लगभग दो दर्जन प्रस्तावों पर भी मुहर लगाई गई।

Kashi Vishwanath Mandir: पुजारियों का बढ़ा वेतन

नई सेवा नियमावली लागू होने से मंदिर कर्मचारियों और अर्चकों के वेतन तथा सुविधाओं में बड़ा बदलाव होगा।

अब तक अर्चकों को करीब 30 हजार रुपये मासिक वेतन दिया जाता था, लेकिन नियमावली लागू होने के बाद उनकी आय 80 से 90 हजार रुपये तक पहुंच जाएगी।

इसी तरह अन्य कर्मचारियों और सेवादारों का वेतन भी कई गुना बढ़ जाएगा। अधिकारियों का कहना है कि कर्मचारियों को अब वेतन के साथ-साथ भत्तों, पदोन्नति, अवकाश और अन्य सुविधाओं का लाभ भी राज्य सरकार के कर्मचारियों की तरह मिलेगा।

1983 में मंदिर का किया अधिग्रहण

सूत्रों के अनुसार, प्रस्तावित नियमावली में पुजारियों, कर्मचारियों और सेवादारों की नियुक्ति को लेकर चार अलग-अलग श्रेणियां तय की गई हैं।

कर्मचारियों और अर्चकों को ग्रेड और मैट्रिक्स भी उसी ढांचे पर मिलेगा, जैसा राज्यकर्मियों को दिया जाता है।

इससे न केवल उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी, बल्कि कामकाज की प्रक्रिया भी अधिक पारदर्शी और सुव्यवस्थित होगी। यह बदलाव लंबे समय से उठाई जा रही मांगों को पूरा करता है।

ध्यान देने योग्य है कि श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर का प्रदेश सरकार ने वर्ष 1983 में अधिग्रहण किया था। उस समय से लेकर अब तक कर्मचारियों की सेवा शर्तों और वेतनमान को लेकर कई बार चर्चाएं और मांगें उठती रही हैं, लेकिन किसी ठोस नीति को लागू नहीं किया गया।

इस कारण मंदिर के कर्मचारियों को हमेशा असमंजस की स्थिति का सामना करना पड़ता था। अब जाकर इस नई सेवा नियमावली को मंजूरी देकर एक बड़ी राहत दी गई है।

सेवाओं की गुणवत्ता में होगा सुधार

मंदिर न्यास परिषद का यह कदम केवल वेतनवृद्धि तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इससे कर्मचारियों के भविष्य की सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी।

पदोन्नति और अवकाश जैसी सुविधाएं मिलने से कर्मचारियों को अपने कार्यस्थल पर अधिक स्थिरता और सम्मान की भावना प्राप्त होगी।

साथ ही, यह बदलाव मंदिर प्रशासन के ढांचे को और अधिक मजबूत बनाएगा।

वाराणसी का श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि यहां प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। ऐसे में मंदिर की प्रशासनिक व्यवस्था और कर्मचारियों की जिम्मेदारियों का महत्व और भी बढ़ जाता है।

नई सेवा नियमावली के लागू होने से मंदिर की कार्यप्रणाली और सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार की संभावना है।

विशेषज्ञों का मानना है कि यह फैसला कर्मचारियों के साथ-साथ श्रद्धालुओं के अनुभव को भी बेहतर बनाएगा। जब कर्मचारियों को उचित वेतन और सुविधाएं मिलेंगी,

तो वे अधिक समर्पण और उत्साह के साथ अपनी सेवाएं देंगे। इस प्रकार यह कदम मंदिर की धार्मिक, सामाजिक और प्रशासनिक व्यवस्था के लिए एक मील का पत्थर साबित हो सकता है।

Madhuri Sonkar
Madhuri Sonkarhttps://reportbharathindi.com/
ETV Bharat में एक साल ट्रेनिंग कंटेंट एडिटर के तौर पर काम कर चुकी हैं। डेली हंट और Raftaar News में रिपोर्टिंग, V/O का अनुभव। लाइफस्टाइल, इंटरनेशनल और बॉलीवुड न्यूज पर अच्छी पकड़।
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