Friday, December 5, 2025

करूर भगदड़ हादसा: करूर में विजय की रैली बनी त्रासदी, भगदड़ में 39 की मौत, 95 से अधिक घायल

करूर भगदड़ हादसा: तमिलनाडु का करूर जिला शनिवार (27 सितंबर) को भयावह हादसे का गवाह बना।

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लोकप्रिय अभिनेता और राजनीतिक नेता विजय की रैली में अचानक मची भगदड़ ने 39 लोगों की जान ले ली, जबकि 95 से ज्यादा लोग घायल हो गए।

इस दर्दनाक घटना ने पूरे राज्य को झकझोर दिया है।

Table of Contents

  1. भीड़ का दबाव और इंतजार बना हादसे की वजह
  2. भयावह दृश्य और लोगों की जद्दोजहद
  3. करूर भगदड़ हादसा: सुरक्षा और पुलिस तैनाती
  4. सरकार और विजय की प्रतिक्रिया

करूर भगदड़ हादसा: भीड़ का दबाव और इंतजार बना हादसे की वजह

करूर भगदड़ हादसा: डीजीपी (इन-चार्ज) जी. वेंकटरमन के मुताबिक, रैली के लिए आयोजकों ने 10,000 लोगों के लिए अनुमति ली थी, लेकिन लगभग 27,000 लोग मैदान में जुट गए।

भीड़ दोपहर 3 बजे के कार्यक्रम से काफी पहले, सुबह 11 बजे से ही पहुंचनी शुरू हो गई थी। वहीं विजय के देर से आने ने हालात और बिगाड़ दिए।

पार्टी ने घोषणा की थी कि विजय दोपहर 12 बजे तक पहुंचेंगे, लेकिन वे करीब 7 घंटे की देरी से शाम 7:40 बजे मंच पर पहुंचे।

इस लंबे इंतजार में लोग तपती धूप और प्यास से बेहाल हो गए, जिसके बाद धक्का-मुक्की और भगदड़ की स्थिति पैदा हो गई।

करूर भगदड़ हादसा: भयावह दृश्य और लोगों की जद्दोजहद

करूर भगदड़ हादसा: प्रत्यक्षदर्शियों और वायरल हुए वीडियोज़ में साफ देखा जा सकता है कि लोग अपनी जान बचाने के लिए झोपड़ियों में घुस गए और जब अंदर भी जगह नहीं मिली तो छप्पर फाड़कर बाहर निकलने की कोशिश की।

कई लोग बेहोश होकर गिर पड़े, महिलाओं और बच्चों की चीख-पुकार से माहौल और भी भयावह हो गया।

विजय ने भी स्थिति देखकर अपना भाषण रोक दिया और घायलों को पानी पिलाने के साथ पुलिस से मदद की अपील की।

करूर भगदड़ हादसा: सुरक्षा और पुलिस तैनाती

रैली में करीब 500 पुलिसकर्मी मौजूद थे, लेकिन अप्रत्याशित भीड़ ने सभी व्यवस्थाओं को ध्वस्त कर दिया।

हादसे के बाद तत्काल अतिरिक्त बल तैनात किए गए, जिनमें एडीजीपी डेविडसन ऐरवथम, 3 आईजी, 2 डीआईजी, 10 एसपी और 2000 पुलिसकर्मी शामिल रहे।

वहीं चेन्नई स्थित विजय के घर की सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है।

सरकार और विजय की प्रतिक्रिया

करूर भगदड़ हादसा: तमिलनाडु सरकार ने इस हादसे की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं और इसके लिए एक वन-मैन कमीशन गठित किया गया है।

मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है।

साथ ही स्वास्थ्य मंत्री मा. सुब्रमणियन को राहत और इलाज की व्यवस्थाओं की निगरानी की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

करूर भगदड़ हादसा: विजय ने सोशल मीडिया पर अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए लिखा—
“करूर में अपने भाइयों और बहनों को खोने का दुख शब्दों में बयान नहीं कर सकता। मेरा दिल टूट गया है। घायल लोगों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं।”

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