Congress’s election guarantees in Karnataka: विधानसभा चुनाव के दौरान कर्नाटक में कांग्रेस ने जनता से 5 बड़े वादे तो कर लिए, लेकिन अब उन्हें पूरा करना कांग्रेस सरकार के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। वादे पूरे करने के लिए सरकार अब यह भार कर्नाटक की जनता पर ही डालने की तैयारी में है। हाल ही में कांग्रेस सरकार ने कर्नाटक में डीजल और पेट्रोल पर 3-3 रुपए टैक्स बढ़ाया था, अब शराब-बीयर पर टैक्स बढ़ाने की तैयारी की जा रही है। इसके अलावा हाउस टैक्स भी बढ़ाने और EV पर टैक्स लगाने की तैयारी है। यही नहीं जनता से किस तरह से पैसे उगाहे जाएं, इसके लिए ‘आइडिया’ देने के लिए एक अमेरिकी कंपनी को भी यह काम सौंपा गया है। इसके लिए विदेशी कंपनी को बतौर फीस 6 माह में 9.5 करोड़ रुपए दिए जाएंगे।
चुनाव में कांग्रेस ने दी थी ये 5 गारंटियां
कर्नाटक में कांग्रेस ने जो 5 गारंटियां दी हैं, उसमें सभी घरों को 200 यूनिट मुफ्त बिजली (गृह ज्योति), परिवार की प्रत्येक महिला मुखिया को 2,000 रुपए प्रति माह (गृह लक्ष्मी), गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) परिवारों को 10 किलो खाद्यान्न (अन्न भाग्य), बेरोजगार स्नातकों को दो साल के लिए 3000 रुपए प्रति माह, और बेरोजगार डिप्लोमा धारकों को दो साल के लिए 1500 रुपए प्रति माह (युवानिधि), और राज्य भर में राज्य द्वारा संचालित गैर-एसी बसों में महिलाओं के लिए मुफ्त यात्रा (शक्ति) शामिल हैं।
सरकार पर 36000 करोड़ रुपए का बोझ
कांग्रेस सरकार की इन 5 गारंटियों से राज्य के 5.10 करोड़ लोगों को लाभ मिलेगा, लेकिन 2023-24 में इनसे सरकारी खजाने पर 36000 करोड़ रुपए का बोझ पड़ेगा। सिद्धारमैया ने इस वित्तीय वर्ष में इन योजनाओं के लिए 52,009 करोड़ रुपए आवंटित किए हैं। 2024-25 के लिए उनका राजस्व घाटा बजट कुल 3,71,383 करोड़ रुपए है, और इसमें पहली बार 1 लाख करोड़ रुपए से अधिक की वार्षिक उधारी की परिकल्पना की गई है। कांग्रेस ने बड़े वादे तो कर दिए लेकिन कर्नाटक सरकार का खजाना खाली है। यहां तक कि उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने विधायकों को विधायक निधि का फंड भी देने से मना कर दिया है।
अब विदेशी कंपनी बताएगी कैसे धन जुटाएं
कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने कमाई बढ़ाने और राज्य की आर्थिक स्थिति सुधारने पर सुझाव देने के लिए अमेरिकी कम्पनी बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप (BCG) को काम सौंपा है। यह कंसल्टिंग कम्पनी अब राज्य सरकार को बताएगी कि वह अपना खजाना कैसे बढ़ा सकती है। सरकार ने यह निर्णय चुनावी गारंटियों के बढ़ते खर्चे के बीच लिया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि BCG को इस काम के लिए 9.5 करोड़ रुपए 6 माह के काम के लिए दिए जाएंगे। वहीं सरकार के इस फैसले की कई लोगों ने आलोचना की है।
जनता को शराबी बनाने की तैयारी!
कर्नाटक सरकार ने शराब-बीयर पर सेस लगा दिया। अब विदेशी और महंगे ब्रांड्स को भी सस्ता करके बेचने की तैयारी की जा रही है। कर्नाटक में 1 जुलाई से महंगी यानी प्रीमियम शराब की कीमतों को कम किया जा रहा है। साथ ही शराब और बीयर की सप्लाई बढ़ाने के लिए नई कंपनियों को मैदान में उतारा जा रहा है। इस फैसले का उद्देश्य राज्य में शराबियों को शराब खरीदने के लिए प्रोत्साहित करना है।