कांतारा चैप्टर 1 मूवी रिव्यू: अक्सर सोशल मीडिया और न्यूज़ हेडलाइन्स में पढ़ने को मिलता है बॉलीवुड को शर्म आनी चाहिए, साउथ ने फिर से बचा लिया इंडियन सिनेमा या बॉलीवुड अब खत्म हो गया
लेकिन क्या वाकई ऐसा है? हाल ही में रिलीज़ हुई कांतारा चैप्टर 1 इस बहस को फिर से ज़िंदा कर देती है।
यह फिल्म विजुअल्स के मामले में शानदार है। कुछ सीन्स इतने पावरफुल हैं कि उन्हें सिर्फ थिएटर में ही एंजॉय किया जा सकता है।
खासकर कुछ ऐसे पल आते हैं जिन्हें देखकर दर्शक दंग रह जाएंगे। हालांकि फिल्म पूरी तरह परफेक्ट नहीं है। इसमें कुछ कमियां भी हैं, जिन्हें नज़रअंदाज नहीं किया जा सकता।
Table of Contents
कांतारा चैप्टर 1 मूवी रिव्यू: कहानी
कहानी वहीं से आगे बढ़ती है जहां कांतारा खत्म हुई थी। यह कहानी है बांगड़ा किंग्डम और कांतारा के लोगों के बीच संघर्ष की।
राजा कांतारा पर कब्ज़ा करना चाहता है, लेकिन इसके पीछे एक गहरी वजह है।
फिल्म के आगे बढ़ने के साथ पता चलता है कि कैसे कांतारा के लोग बांगड़ा तक पहुंच जाते हैं और वहां क्या घटनाएं घटती हैं।
हालांकि, कई जगह कहानी उलझी हुई लगती है और दर्शक को पूरी तरह समझने में दिक्कत हो सकती है।
फिल्म की खूबियां और कमियां
पहला हाफ ठीक-ठाक लगता है, लेकिन इंटरवल से ठीक पहले फिल्म पकड़ बनाती है।
असली मज़ा दूसरे हाफ में आता है जहां एक्शन और विजुअल्स पूरी तरह छा जाते हैं।
नेरेशन कई जगह कमजोर लगता है, कुछ सीन्स गैरज़रूरी महसूस होते हैं और कहानी का फ्लो टूटता है।
फिर भी, बीच-बीच में आने वाले दमदार विजुअल्स और क्लाइमैक्स इन कमियों को भुला देते हैं।
क्लाइमैक्स खासतौर पर शानदार है। एक्शन नई तरह का है और स्पेशल इफेक्ट्स देखने लायक हैं।
स्केल ग्राफिक्स और एक्शन के लिहाज से यह फिल्म पहली कांतारा से भी बड़ी और बेहतर लगती है।
एक्टिंग
ऋषभ शेट्टी ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि वे सिर्फ डायरेक्टर ही नहीं बल्कि बेहतरीन एक्टर भी हैं।
स्क्रीन पर उनकी मौजूदगी इतनी पावरफुल है कि फिल्म की कई कमियां छिप जाती हैं। रुक्मिणी वसंत की शुरुआत में भूमिका कमजोर लगती है,
लेकिन सेकेंड हाफ और खासकर क्लाइमैक्स में उनका काम दर्शकों को प्रभावित करता है।
जयराम भी अपने किरदार में दमदार साबित होते हैं। हालांकि गुलशन देवैया अपने टैलेंट के बावजूद इस रोल में फिट नहीं बैठे।
म्यूजिक और बीजीएम
बी. अजनिश लोकनाथ का म्यूजिक और बैकग्राउंड स्कोर फिल्म की जान है।
बीजीएम ऊंचा है लेकिन सीन्स के हिसाब से जस्टिफाइड लगता है। कई जगह ये इमोशंस और विजुअल्स को और ज्यादा ताकतवर बना देता है।

