काबुल
काबुल पर पाकिस्तान का हमला और मारे जाने का दावा
पाकिस्तान ने गुरुवार को अफ़ग़ानिस्तान की राजधानी काबुल में हवाई हमला किया। यह हमला तहरीके तालिबान पाकिस्तान (TTP) के सरगना मुफ़्ती नूर वाली महसूद को मारने के उद्देश्य से किया गया था।
पाकिस्तान की खुफ़िया एजेंसी आईएसआई से जुड़े कई आधिकारिक हैंडल्स ने दावा किया कि इस हमले में महसूद मारा गया है।
बताया गया कि यह स्ट्राइक बेहद सटीक थी और इसका निशाना केवल TTP का शीर्ष नेतृत्व था।
नूर वाली महसूद ने जारी किया ऑडियो, कहा, “मैं पूरी तरह सुरक्षित हूं”
हमले के कुछ घंटों बाद ही TTP नेता मुफ़्ती नूर वाली महसूद ने एक ऑडियो जारी कर पाकिस्तानी दावे को झूठा बताया।

महसूद ने कहा कि वह पूरी तरह सुरक्षित है और इस समय अफ़ग़ानिस्तान में नहीं बल्कि पाकिस्तान के ख़ैबर पख़्तूनख़्वा में ही मौजूद है।
उसने अपने लड़ाकों से अपील की कि अब वक्त आ गया है जब पाकिस्तान की सेना को जड़ से समाप्त किया जाए।
महसूद का यह बयान पाकिस्तान के भीतर तालिबान की सक्रियता को और उग्र बना सकता है।
मुत्तक़ी का भारत दौरा और पाकिस्तान का रणनीतिक संदेश
इस एयर स्ट्राइक का समय बेहद अहम माना जा रहा है क्योंकि ठीक इसी अवधि में अफ़ग़ानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर ख़ान मुत्तक़ी भारत के दौरे पर हैं।
मुत्तक़ी की यह यात्रा भारत-अफ़ग़ान रिश्तों को नए सिरे से मज़बूत करने की दिशा में देखी जा रही है।
पाकिस्तान की यह कार्रवाई मुत्तक़ी के भारत दौरे के समानांतर होना कोई संयोग नहीं माना जा रहा।

विश्लेषकों का कहना है कि इस हमले के ज़रिए पाकिस्तान ने यह संकेत देने की कोशिश की है कि वह अभी भी क्षेत्रीय शक्ति संतुलन में एक अहम खिलाड़ी है।
अमेरिका का दबाव और अफ़ग़ानिस्तान में एयरबेस की मांग
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अफ़ग़ानिस्तान में एक बार फिर अमेरिकी एयरबेस स्थापित करना चाहते हैं ताकि पश्चिम एशिया में सैन्य उपस्थिति को मज़बूत किया जा सके।
लेकिन तालिबान नेताओं ने साफ़ कहा है कि अब वे अपने देश में किसी भी विदेशी सेना को नहीं घुसने देंगे।
इस रुख़ से नाराज़ अमेरिका पाकिस्तान पर दबाव डाल रहा है कि वह काबुल पर असर डालकर अमेरिकी मांगें मनवाए।
पाकिस्तान के लिए यह मौका है कि वह अमेरिका के लिए उपयोगी साबित होकर अपने भीतर के संकटों पर नियंत्रण पा सके।
पाकिस्तान के भीतर अस्थिरता और बढ़ते आंतरिक संघर्ष
पाकिस्तान इस समय गहरे अस्थिर दौर से गुज़र रहा है। पंजाब और सिंध को छोड़ बाकी प्रांतों में हालात बेहद बिगड़े हुए हैं।
बलूचिस्तान में बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) रोज़ाना पाकिस्तानी सैनिकों पर हमले कर रही है। वहीं ख़ैबर पख़्तूनख़्वा में तहरीके तालिबान पाकिस्तान (TTP) का कहर जारी है।
पाकिस्तान के क़ब्ज़े वाले कश्मीर में भी पिछले एक वर्ष से जनविद्रोह जैसी स्थिति बनी हुई है। पहले शांतिपूर्ण प्रदर्शन होते थे, लेकिन अब लोगों ने खुले तौर पर पुलिस और सैनिकों की पिटाई तक शुरू कर दी है।
अमेरिका से सौदे की उम्मीद, BLA पर भारत को निशाना
पाकिस्तान को उम्मीद है कि अगर वह अफ़ग़ानिस्तान में अमेरिका के लिए एयरबेस दिलाने में सफल हो गया, तो वह ख़ैबर पख़्तूनख़्वा में तालिबान पर सीधा दबाव बना सकेगा।
वहीं बलूचिस्तान में वह अमेरिकी सैन्य मदद के बदले खनिज संसाधनों का सौदा कर सकता है।
पाकिस्तान का यह भी आरोप है कि बलूच लिबरेशन आर्मी की गतिविधियों के पीछे भारत का अप्रत्यक्ष समर्थन है, हालांकि अब तक उसके पास इस आरोप के समर्थन में कोई ठोस सबूत नहीं हैं।
दक्षिण एशिया में नए समीकरण की आहट
तालिबान के विदेश मंत्री का भारत दौरा और पाकिस्तान की यह एयर स्ट्राइक दक्षिण एशिया में एक नया सामरिक समीकरण बना रही है।
पाकिस्तान की कोशिश है कि वह अमेरिका और चीन दोनों को अपने पक्ष में रखकर भारत-अफ़ग़ान समीकरण को कमजोर करे।
लेकिन नूर वाली महसूद की “मैं ज़िंदा हूं” घोषणा ने पाकिस्तान की सैन्य रणनीति पर बड़ा प्रश्नचिह्न खड़ा कर दिया है।
अब देखना यह होगा कि क्या TTP पाकिस्तान पर और हमलावर होती है या इस बार दबाव में आ जाती है।