Jal Jeevan Mission scam: जल जीवन मिशन घोटाले के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। ईडी ने पूर्व मंत्री महेश जोशी सहित 5 आरोपियों की 47.80 करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्तियों को अटैच किया है।
इनमें पूर्व मंत्री महेश जोशी, ठेकेदार पदमचंद जैन, महेश मित्तल, संजय बड़ाया और विशाल सक्सेना और उनके परिवार के सदस्यों व सहयोगी फर्मों की जयपुर के अलग-अलग इलाकों में स्थित संपत्ति पर ईडी ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया है।
प्रवर्तन निदेशालय की ओर से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर शुक्रवार को एक बयान जारी कर इस कार्रवाई का खुलासा किया गया है। हालांकि, संपत्ति अटैच करने की यह कार्रवाई 11 जून को की गई थी।
कृषि भूमि, फ्लैट, मकान व अन्य अचल संपत्ति जब्त
ईडी की ओर से जारी इस बयान में बताया गया है कि एजेंसी के जयपुर जोनल ऑफिस ने जल जीवन मिशन घोटाले में धनशोधन निवारण अधिनियम, 2002 के तहत कार्रवाई करते हुए कृषि भूमि, आवासीय फ्लैट, मकान और अन्य अचल संपत्ति जब्त की है।
जब्त संपत्ति की कुल कीमत 47.80 करोड़ रुपए है। यह संपत्तियां पदमचंद जैन, महेश मित्तल, संजय बड़ाया, महेश जोशी और विशाल सक्सेना और उनके परिजनों व सहयोगी फर्मों से संबंधित हैं।
अभी जेल में हैं पूर्व जलदाय मंत्री महेश जोशी
जल जीवन मिशन के कार्यों में राजस्थान में हुए घोटालों की आंच तत्कालीन जलदाय मंत्री डॉ. महेश जोशी तक पहुंची और प्रवर्तन निदेशालय ने आखिरकार लंबी पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। इस मामले में फिलहाल, महेश जोशी जेल में हैं।
हालांकि, पत्नी के निधन के चलते उन्हें बीच में जमानत पर रिहा किया गया था। जिसके बाद उन्हें वापस जेल भेज दिया गया था। इस मामले में ठेकेदार पदमचंद जैन, महेश मित्तल व अन्य आरोपियों को ईडी पहले गिरफ्तार कर चुकी है।