Jaipur Serial Blast Case: राजधानी जयपुर में साल 2008 में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के मामले में आरोपियों को राजस्थान हाईकोर्ट की ओर से बरी करने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार की विशेष अनुमति याचिका स्वीकार हो गई है। सुप्रीम कोर्ट अब हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ अपील पर सुनवाई करेगा। राज्य सरकार की ओर से घटना में दर्ज 4 एफआईआर में एसएलपी पेश की गई थी, जबकि बम धमाकों को लेकर 4 अन्य मामलों में पूर्व में ही विशेष अनुमति याचिकाएं पेश हो चुकी हैं।
बम धमाकों के मामले में ये हैं मुख्य अभियुक्त
न्यायालय संख्या 13 के तहत आइटम संख्या 26, 26.1, 26.2 और 37 में, न्यायमूर्ति एम.एम सुंदरेश और न्यायमूर्ति अरविंद कुमार के समक्ष सूचीबद्ध किए गए हैं। राजस्थान सरकार ने इन याचिकाओं को मुख्य अभियुक्तों, जिसमें सैफुर्रहमान अंसारी और शहबाज हुसैन, शहबाज अहमद शामिल हैं के खिलाफ दाखिल किया है। ये अभियुक्त 2008 में जयपुर में हुए भयानक घटना के दौरान बम लगाने और उसे अंजाम देने में मुख्य भूमिका निभा रहे थे।
ट्रायल कोर्ट ने सुनाई थी मृत्युदंड व उम्रकैद
भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा राज्य सरकार की ओर से प्रस्तुत हुए। प्रारंभिक ट्रायल कोर्ट ने सैफुर्रहमान अंसारी को दोषी ठहराया था, जिसमें एफआईआर संख्या 118/2008 में उन्हें मृत्युदंड और कई अन्य एफआईआर (117/2008, 119/2008, 120/2008, 130/2008, 131/2008, 132/2008, और 133/2008) में उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। यह निर्णय और सजा 18 नवंबर, 2019 और 20 दिसंबर, 2019 को सुनाई गई थी।
मारे गए थे 71 लोग, 180 से ज्यादा हुए थे घायल
13 मई, 2008 को जयपुर शहर की चारदीवारी के भीतर स्थित बाजारों में सिलसिलेवार 8 बम धमाके हुए थे, जिसमें 71 लोगों की मौत हुई थी और 180 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। वहीं, इस दौरान एक जगह से बम निरोधक दस्ते ने जिंदा बम भी बरामद किया था। प्रकरण में बम धमाकों के मामले में सुनवाई करते हुए विशेष न्यायालय ने मोहम्मद सैफ और सरवर आजमी सहित अन्य को आरोपी मानते हुए फांसी की सजा सुनाई थी। हालांकि, बाद में हाईकोर्ट ने इनकी फांसी की सजा को रद्द कर इन्हें बरी कर दिया था, जबकि जिंदा बम मामले में विशेष अदालत में सुनवाई चल रही है।