दिव्यांग बेटे के भविष्य की चिंता में 70 वर्षीय पिता से ठगों ने ठगे 56 लाख रुपये
साइबर ठगी: जयपुर में 70 वर्षीय बुजुर्ग राजकुमार शर्मा अपनी जिंदगी की सबसे बड़ी ठगी के शिकार हो गए, जब साइबर अपराधियों ने उनके दिव्यांग बेटे की देखभाल की चिंता का फायदा उठाकर उनकी पूरी जिंदगी की कमाई हड़प ली।
ठगों ने खुद को आईबी और सीबीआई अधिकारी बताकर उन्हें तीन दिन तक डिजिटल हाउस अरेस्ट में रखा और यह विश्वास दिलाया कि उनके बैंक खाते का इस्तेमाल खालिस्तानी आतंकियों को 1.5 करोड़ रुपये ट्रांसफर करने में हुआ है।
साइबर ठगी: गिरफ्तारी के डर से राजकुमार ने 10 साल पहले रिटायरमेंट में मिली अपनी 56 लाख रुपये की एफडी तुड़वाकर ठगों के बताए खातों में जमा करा दी।
खालिस्तानी कनेक्शन का डर दिखाकर फंसाया
साइबर ठगी: घटना 19 जून 2025 को शुरू हुई, जब राजकुमार को एक कॉल आया। कॉल करने वाले ने बताया कि उनके नाम से एक और सिम कार्ड सक्रिय है, जिसका इस्तेमाल बड़े वित्तीय अपराध में हुआ है।
ठगों ने दावा किया कि मुंबई में बैंक ऑफ कनाडा में उनके नाम से खाता है, जिससे खालिस्तानी आतंकियों को डेढ़ करोड़ रुपये भेजे गए हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि उनके खिलाफ आईबी और सीबीआई के पास गिरफ्तारी वारंट जारी है। इस डर से घबराए राजकुमार ने बेटे के भविष्य को ध्यान में रखते हुए आरोपियों के निर्देश मान लिए।
72 घंटे में 39 ट्रांजैक्शन, पूरी जमा पूंजी साफ
साइबर ठगी: 3 दिन तक लगातार कॉल पर दबाव बनाते हुए ठगों ने 19, 20 और 21 जून को राजकुमार से आईसीआईसीआई बैंक से 21 लाख रुपये, बैंक ऑफ बड़ौदा से 20 लाख रुपये और पोस्ट ऑफिस से 15 लाख रुपये की एफडी तुड़वाकर उनके खातों में ट्रांसफर करा दिए।

इस दौरान उन्होंने कुल 39 लेन-देन में 56 लाख रुपये गंवा दिए। पूरी रकम उन खातों में भेजी गई, जिनके बारे में ठगों ने कहा था कि जांच के बाद पैसे वापस कर दिए जाएंगे।
पत्नी से किया वादा और भावनात्मक कमजोरी
साइबर ठगी: राजकुमार शर्मा ने 2018 में पत्नी सुलोचना के निधन के समय उनसे वादा किया था कि वे अपने 40 वर्षीय इकलौते बेटे रवि का हमेशा ख्याल रखेंगे।
शादी के बाद उनके छह बच्चे हुए, जिनमें से कोई जीवित नहीं रहा, और अंत में रवि के जन्म से परिवार में खुशी आई। बाद में यह पता चला कि रवि मानसिक रूप से विशेष जरूरतों वाला है।
पत्नी की मृत्यु के बाद उनकी पूरी जिंदगी बेटे की देखभाल में समर्पित हो गई। ठगों ने इसी भावनात्मक कमजोरी का फायदा उठाकर उन्हें अपराध में फंसा दिए जाने का डर दिखाया।
शिकायत के 39 दिन बाद भी पुलिस के हाथ खाली
साइबर ठगी: राजकुमार शर्मा ने घटना के सात दिन बाद, 28 जून को जयपुर कमिश्नरेट के साइबर थाने में मामला दर्ज कराया।
लेकिन 39 दिन बीत जाने के बावजूद पुलिस अभी तक किसी आरोपी तक नहीं पहुंच पाई है। राजकुमार और उनका बेटा अब आर्थिक संकट से गुजर रहे हैं, यहां तक कि बेटे की दवा के लिए भी पैसे नहीं बचे हैं।
राजकुमार कहते हैं कि उन्होंने बेटे की सुरक्षा के लिए सब कुछ कुर्बान कर दिया, लेकिन अब वे खुद असहाय हैं और न्याय की प्रतीक्षा कर रहे हैं।