Jaipur Bomb Blast: राजस्थान की राजधानी जयपुर में 17 साल पहले हुए सीरियल बम धमाकों के दौरान जिंदा बम मिलने के मामले में दोषी चार आतंकियों को मंगलवार (8 अप्रैल, 2025) को स्पेशल कोर्ट ने उम्र कैद की सजा सुनाई। चार अप्रैल को कोर्ट ने चारों आतंकियों सैफुर्रहमान, मोहम्मद सैफ, मोहम्मद सरवर आजमी और शाहबाज अहमद को मामले में दोषी ठहराया था।
कोर्ट ने 600 पेज का फैसला दिया। जयपुर में 13 मई 2008 को 8 सीरियल ब्लास्ट हुए थे। नौवां बम चांदपोल बाजार के गेस्ट हाउस के पास मिला था। बम फटने के 15 मिनट पहले इसे डिफ्यूज कर दिया गया था। धमाकों में 71 लोगों की मौत हुई थी और 185 घायल हुए थे।
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‘अगर सजा मिल रही है तो गुनाह भी हुआ होगा’
Jaipur Bomb Blast: कोर्ट में बहस के दौरान आतंकी शाहबाज के वकील मुजाहिद अहमद ने शायरी से अपनी बात शुरू करते हुए कहा- “तुम्हारा शहर, तुम ही कातिल, तुम ही मुद्दई, तुम ही मुंशिफ। हमें यकीन है, गलती हमारी ही निकलेगी।’ वहीं जज रमेश कुमार जोशी ने सजा सुनाते हुए शायरी में कहा- “कुदरत के फैसले पर कभी शक मत करना। अगर सजा मिल रही है तो गुनाह भी हुआ होगा। सबसे बड़ा न्यायालय हमारा मन होता है। क्या सही है और क्या गलत, उसे सब पता होता है। राह गलत नहीं होती। गलत तो चुनाव होता है।’
पछतावा नहीं, मुस्कराते हुए निकले आरोपी
Jaipur Bomb Blast: चारों आतंकियों को 4 अप्रैल को स्पेशल कोर्ट ने दोषी करार दिया था। दोषियों में शाहबाज को छोड़कर अन्य को सीरियल ब्लास्ट के मामले में फांसी की सजा सुनाई गई थी, लेकिन हाई कोर्ट ने इन्हें बरी कर दिया था। हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की है।
Jaipur Bomb Blast: प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार जब अदालत में चारों आरोपियों को सजा सुनाई जा रही थी, तब वे मुस्करा रहे थे। उनको अपने कृत्य पर जरा भी पछतावा नहीं था। सजा सुनाने के बाद पुलिस जब चारों अभियुक्तों को अदालत से बाहर ले जा रही थी, तब भी वे हंस रहे थे।
मामले में 112 गवाहों के हुए थे बयान
Jaipur Bomb Blast: एंटी टेररिस्ट स्क्वाड (एटीएस) ने जिंदा बम मामले में इन सभी आरोपियों को 25 दिसंबर 2019 को जेल से गिरफ्तार कर लिया था। एटीएस ने जिंदा बम मामले में सप्लीमेंट्री चार्जशीट पेश की थी। इसमें एटीएस ने 3 नए गवाह शामिल किए थे। सुनवाई के दौरान एटीएस ने पत्रकार प्रशांत टंडन, पूर्व एडीजी अरविंद कुमार और साइकिल कसने वाले दिनेश महावर सहित कुल 112 गवाहों के बयान दर्ज कराए थे।
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