Thursday, June 19, 2025

Israel-Iran War: ईरान से मेवे की सप्लाई ठप्प! आसमान छू रही ड्राई फ्रूट्स की कीमत

Israel-Iran War: ईरान और इजरायल के बीच छिड़े युद्ध का असर अब सिर्फ इन दो देशों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि इसकी गूंज वैश्विक बाजारों तक पहुंच चुकी है। भारत, जो मध्य पूर्व पर अपनी तेल और कई अन्य आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के लिए निर्भर है।

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अब गंभीर आर्थिक दबाव की ओर बढ़ रहा है। तेल की कीमतों से लेकर ड्राई फ्रूट्स और औद्योगिक सामान तक हर क्षेत्र में अनिश्चितता और संकट की स्थिति बनती जा रही है।

Israel-Iran War: पेट्रोल डीजल के भी बढ़ सकते है दाम

भारत अपनी कच्चे तेल की लगभग 80 प्रतिशत जरूरतें कुवैत, इराक, सऊदी अरब, कतर और ईरान जैसे देशों से पूरी करता है। इस क्षेत्र में बढ़ते युद्ध के खतरे के चलते समुद्री मार्गों से सप्लाई प्रभावित हो रही है,

जिससे तेल के दाम बढ़ने की आशंका गहराने लगी है। अगर मौजूदा हालात लंबे समय तक खिंचते हैं, तो भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतें रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच सकती हैं।

ईरान युद्ध की चपेट में

केवल तेल ही नहीं, सूखे मेवों की आपूर्ति भी गड़बड़ा गई है। भारत अफगानिस्तान से किशमिश, अखरोट, बादाम, अंजीर और खुबानी जैसे ड्राई फ्रूट्स मंगाता है। पहले ये पाकिस्तान के रास्ते भारत पहुंचते थे,

लेकिन जब से भारत-पाक संबंधों में तनाव बढ़ा, तब से अफगानिस्तान ईरान के चाबहार पोर्ट से भारत को ड्राई फ्रूट्स सप्लाई कर रहा था। अब ईरान खुद युद्ध की चपेट में है, जिससे यह वैकल्पिक मार्ग भी ठप हो गया है।

5 से 10 गुना बढ़ें दाम

ईरान से भारत खजूर, मामरा बादाम और पिस्ता जैसे सूखे मेवे भी आयात करता है। आमतौर पर ये उत्पाद दुबई के व्यापारिक नेटवर्क के जरिये भारत पहुंचते हैं, जहां से दिल्ली जैसे प्रमुख बाजारों में इनकी थोक बिक्री होती है।

मौजूदा हालात ने इस सप्लाई चेन को प्रभावित कर दिया है और दिल्ली के थोक बाजारों में ड्राई फ्रूट्स के दाम 5 से 10 गुना तक बढ़ गए हैं।

सूखे मेवे के बढ़ेंगे दाम

दिल्ली किराना कमेटी के महासचिव धीरज वी. सिंधवानी के मुताबिक, अगर जल्द हालात नहीं सुधरे, तो सूखे मेवों की कीमतें आने वाले हफ्तों में और ऊपर जा सकती हैं। त्योहारों और शादी-ब्याह के सीजन में यह महंगाई आम लोगों को सीधा झटका दे सकती है।

भारत और ईरान के व्यापारिक संबंधों पर नजर डालें, तो मार्च 2025 तक भारत ने ईरान को 130 मिलियन अमेरिकी डॉलर के उत्पाद निर्यात किए, जबकि वहां से 43 मिलियन डॉलर के सामान आयात किए।

पिछले वर्ष की तुलना में जहां भारत का ईरान को निर्यात 47 प्रतिशत बढ़ा है, वहीं आयात में 24 प्रतिशत की गिरावट आई है। यह गिरावट मौजूदा राजनीतिक तनाव का ही परिणाम है।

ड्राई फ्रूट्स के साथ ही इन चीजों का होता है आयात

ईरान से भारत केवल तेल और ड्राई फ्रूट्स ही नहीं, बल्कि नमक, सल्फर, चूना, सीमेंट, प्लास्टिक उत्पाद, ऑर्गेनिक केमिकल्स, लोहा, इस्पात, रेजिन और गोंद जैसी कई जरूरी औद्योगिक सामग्री भी आयात करता है।

यदि युद्ध लंबा चला, तो इन सभी वस्तुओं की कीमतों में तेजी आएगी, जिससे निर्माण कार्य और मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र पर बुरा असर पड़ सकता है।

भारत सरकार हालात पर नजर बनाए हुए है और वैकल्पिक आपूर्ति स्रोतों को सक्रिय करने की कोशिशें जारी हैं। लेकिन अगर तनाव जल्द खत्म नहीं हुआ

तो देश में महंगाई का दबाव और तेज हो सकता है, और आम जनता को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है।

यह भी पढ़ें: Operation Sindhu: युद्धग्रस्त ईरान से 110 भारतीय छात्रों की सुरक्षित वापसी

Madhuri Sonkar
Madhuri Sonkarhttps://reportbharathindi.com/
ETV Bharat में एक साल ट्रेनिंग कंटेंट एडिटर के तौर पर काम कर चुकी हैं। डेली हंट और Raftaar News में रिपोर्टिंग, V/O का अनुभव। लाइफस्टाइल, इंटरनेशनल और बॉलीवुड न्यूज पर अच्छी पकड़।
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