Israel Hamas War: इजरायल और हमास के बीच लंबे समय से चल रहे संघर्ष में अब एक बड़ा और ऐतिहासिक मोड़ देखने को मिला है। पहली बार 22 अरब देशों की सदस्यता वाली अरब लीग ने हमास के खिलाफ एकजुट होकर सख्त और साफ रुख अपनाया है।
न्यूयॉर्क में आयोजित संयुक्त राष्ट्र की बैठक में जो घोषणापत्र पारित किया गया, उसमें कहा गया है कि अगर गाजा में शांति स्थापित करनी है तो सबसे पहले हमास को गाजा की सत्ता से हटना होगा, हथियार डालने होंगे और सभी बंधकों को तुरंत रिहा करना होगा।
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Israel Hamas War: अरब देश चाहते है शांति
अब तक हमास को लेकर अरब देशों का रुख नरम या तटस्थ रहा था, लेकिन इस बार सऊदी अरब, मिस्र, तुर्की, कतर जैसे प्रमुख देशों ने स्पष्ट कर दिया कि गाजा में अब और हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
इस घोषणापत्र को यूरोपीय संघ के सभी 27 देशों और भारत, अमेरिका, कनाडा, जापान जैसे 17 अन्य देशों ने भी समर्थन दिया है। यह इस बात का संकेत है कि अब दुनिया के अधिकांश देश गाजा में स्थायी शांति और स्थिरता के पक्ष में एकमत हो गए हैं।
हमास के खिलाफ सैन्य कार्रवाई
घोषणापत्र में 7 अक्टूबर को इजरायल पर हुए हमास के हमले की कड़ी आलोचना की गई है। उस हमले में सैकड़ों लोग मारे गए थे और कई बंधक बना लिए गए थे। उस घटना के बाद इजरायल ने हमास के खिलाफ जोरदार सैन्य कार्रवाई शुरू की थी,
जिससे गाजा में भारी तबाही हुई। अब अरब लीग और अन्य देशों ने साफ कर दिया है कि इस हिंसा को खत्म करने के लिए पहला कदम हमास को ही उठाना होगा।
अंतरराष्ट्रीय राजनीति में हलचल तेज
प्रस्ताव में यह भी कहा गया है कि गाजा की शासन व्यवस्था अब फिलिस्तीनी अथॉरिटी को दी जाए, जो अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा मान्यता प्राप्त है। इससे गाजा में कानून व्यवस्था बहाल की जा सकेगी और पुनर्निर्माण का कार्य तेज़ी से हो सकेगा।
साथ ही, एक अस्थायी अंतरराष्ट्रीय स्थिरीकरण मिशन भेजे जाने की सिफारिश की गई है जो वहां की स्थिति पर नजर रखेगा और जरूरतमंदों को राहत पहुंचाएगा।
इस बदलाव को लेकर अंतरराष्ट्रीय राजनीति में हलचल तेज हो गई है। माना जा रहा है कि अगर अरब लीग का यह रुख स्थायी बना रहता है तो गाजा में चल रहा वर्षों पुराना संकट सुलझ सकता है। यह न सिर्फ फिलिस्तीनियों के लिए, बल्कि पूरे पश्चिम एशिया के लिए एक नई शुरुआत हो सकती है।