Israel: इजरायल ने यमन की राजधानी सना में हूती विद्रोहियों के खिलाफ अब तक का सबसे बड़ा और सबसे घातक हवाई हमला किया है। इस हमले ने न केवल यमन बल्कि पूरे पश्चिम एशिया को झकझोर कर रख दिया है।
यह हमला उस समय हुआ जब हूती विद्रोही संगठन के शीर्ष नेता और अधिकारी राजधानी के एक अपार्टमेंट में इकट्ठा होकर संगठन के प्रमुख अब्दुल मलिक अल-हूती का सीधा भाषण सुन रहे थे।
इसी दौरान इजरायली लड़ाकू विमानों ने अपार्टमेंट को निशाना बनाते हुए बमबारी की, जिसमें भारी तबाही मची और कई अहम चेहरे मारे गए।
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Israel: हूती नेतृत्व को खत्म करना
रिपोर्टों के अनुसार, इस हमले में हूती प्रधानमंत्री अहमद अल-रहावी की मौके पर ही मौत हो गई। अल-रहावी संगठन के भीतर सबसे अहम राजनीतिक चेहरों में गिने जाते थे और उनकी मौजूदगी से यह साबित होता है कि हमले का निशाना हूती नेतृत्व को ही खत्म करना था।
उनके अलावा संगठन के कई वरिष्ठ सहयोगी और सलाहकार भी इस हमले की चपेट में आ गए। यमन मीडिया ने हमले की पुष्टि करते हुए बताया है कि अपार्टमेंट पूरी तरह ध्वस्त हो गया और कई शवों की पहचान करना मुश्किल हो गया है।
कई शीर्ष सैन्य अधिकारी मारे गए
इजरायली टीवी चैनल ‘केएएन’ और ‘टाइम्स ऑफ इजरायल’ ने भी यमन मीडिया का हवाला देते हुए पुष्टि की है कि इस हमले में अहमद अल-रहावी के साथ-साथ हूती विद्रोहियों के कई शीर्ष सैन्य अधिकारी मारे गए हैं।
इनमें रक्षा मंत्री मोहम्मद नासिर अल-अथिफी और चीफ ऑफ स्टाफ मोहम्मद अब्द अल-करीम अल-गमारी का नाम भी शामिल है। हालांकि इन दोनों की मौत को लेकर आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है, लेकिन इजरायली और यमनी मीडिया दोनों ने आशंका जताई है कि वे भी इस हमले का शिकार हुए हैं।
यदि यह पुष्टि हो जाती है तो यह हौतियों के लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं होगा, क्योंकि यह उनका पूरा सैन्य नेतृत्व ध्वस्त कर देगा।
इजरायल और सऊदी अरब के खिलाफ आक्रामक रुख
विशेषज्ञों का मानना है कि यह हमला केवल सैन्य कार्रवाई भर नहीं है बल्कि यह इजरायल का रणनीतिक संदेश भी है कि वह अब हूती विद्रोहियों को सीधे तौर पर चुनौती देने और उनके खिलाफ निर्णायक युद्ध छेड़ने के लिए तैयार है।
यमन के हूती विद्रोही लंबे समय से इजरायल और सऊदी अरब के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाते रहे हैं। हाल ही में उन्होंने लाल सागर और अरब सागर में इजरायली जहाजों को निशाना बनाने की कोशिशें तेज की थीं।
इस पृष्ठभूमि में इजरायल का यह हमला उनके बढ़ते खतरे को खत्म करने की दिशा में उठाया गया कदम माना जा रहा है।
इजरायली मीडिया ने इसे यमन के हूतियों पर अब तक का सबसे बड़ा हमला बताया है, जबकि यमन मीडिया ने भी स्वीकार किया है कि संगठन के राजनीतिक और सैन्य नेतृत्व को भारी नुकसान पहुंचा है।
माना जा रहा है कि इस हमले के बाद हूती संगठन पूरी तरह से बिखर सकता है और उसकी सैन्य क्षमता पर गहरा असर पड़ेगा।
हालांकि साथ ही यह भी आशंका है कि इस कार्रवाई से पश्चिम एशिया में तनाव और बढ़ेगा और संघर्ष का दायरा और व्यापक हो सकता है।