Saturday, December 27, 2025

Iran: ईरान से निकाले गए 14 लाख अफगान नागरिक, जानें क्या है वजह

Iran: ईरान और अफगानिस्तान की सीमा पर स्थित इस्लाम कला चेक पोस्ट इन दिनों एक गंभीर मानवीय संकट का गवाह बन गया है। जो चौकी पहले रेतीले इलाकों में वीरान पड़ी रहती थी, वहां अब हजारों की भीड़ जुटती है।

हर दिन लगभग 20 हजार से अधिक अफगान शरणार्थी यहां पहुंच रहे हैं। ये वे लोग हैं जिन्हें ईरान सरकार विभिन्न कारणों से अपने देश से निकाल रही है। अधिकतर लोग डरे-सहमे हैं, बेहद कम सामान लेकर लौट रहे हैं और उनके साथ छोटे-छोटे बच्चे, बूढ़े माता-पिता और महिलाएं भी हैं।

Iran: एक महीने में 14 लाख लोगों को निकाला

जनवरी 2025 से लेकर अब तक ईरान से करीब 14 लाख अफगानी नागरिक या तो निकाले जा चुके हैं या खुद जान बचाकर भाग आए हैं। अकेले बीते एक महीने में, जब ईरान और इजराइल के बीच संघर्ष ने तूल पकड़ा, 5 लाख से ज्यादा अफगानों को जबरन देश से बाहर भेजा गया।

ये सभी लोग अब एक बार फिर उस अफगानिस्तान की ओर लौटने को मजबूर हैं जहां पहले से ही हालात बेहद खराब हैं गरीबी, बेरोजगारी, खाद्य संकट और महिलाओं के अधिकारों पर भारी पाबंदियां वहां की सच्चाई बन चुके हैं।

ईरान में 90% अफगानी

संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी (UNHCR) के मुताबिक, ईरान दुनिया का एक ऐसा देश है जहां सबसे अधिक शरणार्थी रहते हैं। इनमें से लगभग 95 फीसदी यानी लगभग 40 लाख लोग अफगान मूल के हैं। लेकिन ईरान सरकार का दावा है कि यह संख्या करीब 60 लाख के आसपास है।

बीते कुछ समय से ईरान में विदेशी नागरिकों के खिलाफ माहौल सख्त हो गया है, खासकर अफगान शरणार्थियों को लेकर। आर्थिक संकट, आंतरिक राजनीति और सुरक्षा चिंताओं के बीच सरकार अब इन शरणार्थियों को बोझ मान रही है।

डरों में जी रहें लोग

ईरान में जब छापेमारी तेज हुई और सख्त रवैया अपनाया गया, तो लाखों लोगों को या तो हिरासत में लेकर निकाला गया या डर की वजह से उन्होंने खुद ही ईरान छोड़ने का फैसला कर लिया। इस्लाम कला चेक पोस्ट पर आने वाले लोगों की आंखों में डर और अनिश्चितता साफ झलकती है।

बहुतों को यह भी नहीं पता कि वे अफगानिस्तान में वापस जाकर कैसे जिएंगे, क्योंकि वहां अब भी तालिबान की सख्त हुकूमत है, रोजगार की कोई गारंटी नहीं है और महिलाओं की शिक्षा व स्वतंत्रता पूरी तरह बंद है।

मानवीय संकट गहराया

बड़ी संख्या में लोगों के लौटने से अफगानिस्तान में पहले से जारी मानवीय संकट और गहरा हो रहा है। सीमावर्ती इलाकों में अस्थायी शिविर बनाए गए हैं, लेकिन सुविधाएं बेहद कम हैं।

कई परिवार खुले आसमान के नीचे रात बिताने को मजबूर हैं। खाने-पीने का अभाव, स्वास्थ्य सेवाओं की कमी और सुरक्षा की चिंता हर दिन बढ़ रही है।

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Madhuri
Madhurihttps://reportbharathindi.com/
पत्रकारिता में 6 वर्षों का अनुभव है। पिछले 3 वर्षों से Report Bharat से जुड़ी हुई हैं। इससे पहले Raftaar Media में कंटेंट राइटर और वॉइस ओवर आर्टिस्ट के रूप में कार्य किया। Daily Hunt के साथ रिपोर्टर रहीं और ETV Bharat में एक वर्ष तक कंटेंट एडिटर के तौर पर काम किया। लाइफस्टाइल, इंटरनेशनल और एंटरटेनमेंट न्यूज पर मजबूत पकड़ है।
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