Iran: ईरान की राजधानी तेहरान में एक रहस्यमयी घटना ने भारत और पाकिस्तान के बीच एक और तनावपूर्ण मोड़ ले लिया है। पंजाब के तीन नागरिक हुशनप्रीत सिंह (संगरूर), जसपाल सिंह (एसबीएस नगर), और अमृतपाल सिंह (होशियारपुर) 1 मई 2025 को तेहरान पहुंचने के बाद से लापता हैं।
मामला तब और गहराया जब उनके परिवारजनों को पाकिस्तान के नंबरों से फिरौती की कॉल आने लगी। यह संकेत मिलते ही शक की सूई पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI की ओर घूम गई है।
Table of Contents
Iran: ISI पर जासूसी का आरोप गढ़ने की आशंका, पाकिस्तान की रणनीति पर सवाल
सूत्रों का दावा है कि ISI इन तीनों भारतीयों को कथित जासूस घोषित करने की योजना बना सकती है ताकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत को शर्मिंदा किया जा सके।
यह आशंका भी है कि पाकिस्तान इस किडनैपिंग का इस्तेमाल भारत के खिलाफ दुष्प्रचार फैलाने या किसी बड़े सौदे की भूमिका तैयार करने के लिए कर रहा है। यह रणनीति वैसी ही हो सकती है जैसी पहले कुलभूषण जाधव के मामले में देखी गई थी।
ऑस्ट्रेलिया भेजने के बहाने ईरान पहुँचे थे तीनों, एजेंट भी हुआ गायब
शुरुआती जांच में सामने आया है कि एक स्थानीय एजेंट ने इन युवकों से ऑस्ट्रेलिया भेजने का वादा किया था। उसने कहा था कि वे दुबई और ईरान के रास्ते ऑस्ट्रेलिया पहुँचाए जाएंगे। मगर जैसे ही ये तीनों तेहरान पहुंचे।
वे रहस्यमय ढंग से लापता हो गए। खास बात यह है कि होशियारपुर का वही एजेंट जो इनकी यात्रा का जिम्मेदार था, अब खुद भी फरार है। इसने मामले को और संदिग्ध बना दिया है।
सरकारी एजेंसियां यह भी जांच कर रही हैं कि क्या यह एजेंट पाकिस्तान या उसकी किसी संस्था के संपर्क में था। यदि यह सिद्ध होता है, तो यह मामला केवल मानव तस्करी का नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय साजिश का रूप ले सकता है।
भारत सरकार की सक्रियता, ईरान से मिल रहा है सहयोग
लापता नागरिकों के परिवारों ने भारत सरकार से संपर्क किया, जिसके बाद विदेश मंत्रालय ने तुरंत ईरान से आधिकारिक संपर्क स्थापित किया। तेहरान स्थित भारतीय दूतावास लगातार परिवारजनों को अपडेट दे रहा है और ईरानी अधिकारियों से संपर्क में है।
ईरान की सरकार ने मामले में पूरा सहयोग देने का भरोसा दिया है। ईरानी विदेश मंत्रालय का कांसुलर अफेयर्स विभाग इस मामले को गंभीरता से देख रहा है और न्यायिक अधिकारियों के साथ मिलकर इसकी गहन जांच की जा रही है। भारतीय दूतावास को कांसुलर चैनल्स के जरिए केस की कार्यवाही की जानकारी मिल रही है।
ईरान ने भारतीय यात्रियों को दी चेतावनी, अवैध एजेंसियों से बचने की सलाह
इस मामले ने ईरान में मौजूद अन्य भारतीय नागरिकों में भी डर और बेचैनी फैला दी है। ईरान सरकार ने भारत के नागरिकों को चेतावनी दी है कि वे अनधिकृत एजेंटों और अवैध रास्तों के ज़रिए दूसरे देशों की यात्रा से बचें।
साथ ही, किसी भी प्रकार की आपराधिक गतिविधि में फँसने से पहले कानूनी और राजनयिक सलाह ज़रूर लें।
एक साल में दूसरी बार भारतीय नागरिक ईरान में हुए लापता
यह घटना कोई पहली बार नहीं हुई है। पिछले एक साल में यह दूसरा मौका है जब भारतीय नागरिक ईरान में लापता हुए हैं। इससे पहले भी एक ऐसा ही मामला सामने आया था, जो अंततः एक कूटनीतिक मुद्दा बन गया था।
लगातार हो रही ऐसी घटनाएं न केवल भारत के लिए चिंता का विषय हैं, बल्कि इससे यह भी संकेत मिलता है कि मानव तस्करी और अवैध माइग्रेशन का नेटवर्क किस कदर खतरनाक हो चुका है।
क्या यह मानव तस्करी है या अंतरराष्ट्रीय षड्यंत्र?
अब यह सवाल उठ रहा है कि यह महज़ एक मानव तस्करी का केस है या फिर पाकिस्तान के इशारे पर रचा गया कोई बड़ा षड्यंत्र। जिस तरह से परिवारों को सीधे पाकिस्तान से कॉल आई हैं, और एजेंट भी गायब है।
उससे मामला काफी पेचीदा बन गया है। ISI की भूमिका को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता, खासकर जब वह पहले भी इस तरह के फर्जी आरोपों और किडनैपिंग के मामलों में लिप्त रही है।
अंतरराष्ट्रीय मंच पर उठेगा मुद्दा? भारत की अगली रणनीति पर नजरें
भारत सरकार इस मामले को गंभीरता से लेते हुए अंतरराष्ट्रीय मंच पर उठाने की तैयारी कर सकती है। यदि यह साबित हो जाता है कि पाकिस्तान की कोई एजेंसी इस घटना में शामिल है।
यह भारत-पाक रिश्तों में एक और दरार पैदा कर सकता है। कूटनीतिक चैनलों के ज़रिए ईरान और पाकिस्तान दोनों से जवाब माँगा जा सकता है।
यह भी पढ़ें: Pakistan-Taliban: पाकिस्तान और तालिबान में भिड़त, लाखों लोगों को घर खाली करने का आदेश