इंदौर मेला विवाद: इंदौर के कनकेश्वरी मेला मैदान में इन दिनों ठेके को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है।
मामला तब शुरू हुआ जब स्थानीय विधायक रमेश मेंदोला ने मेले के झूले और अन्य मनोरंजन साधनों का ठेका महेश पालीवाल उर्फ गुड्डू को दिया।
लेकिन महेश ने यह ठेका आगे बढ़ाकर एक युवक फिरोज को सौंप दिया। इस बात की जानकारी विधायक को नहीं थी।
जैसे ही यह मामला सामने आया, हिंदू संगठनों ने इसका विरोध किया और तुरंत कार्रवाई की मांग उठाई।
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इंदौर मेला विवाद: हिंदू जागरण मंच ने किया विरोध
जैसे ही खबर फैली कि मेले का ठेका मुस्लिम युवक फिरोज के पास पहुंच गया है, हिंदू जागरण मंच ने इसे हिंदू भावनाओं से जुड़ा मामला बताते हुए जोरदार विरोध किया।
संगठन ने साफ कहा कि धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजनों में इस तरह गैर-हिंदुओं को ठेका देना सही नहीं है।
कार्यकर्ताओं ने विधायक रमेश मेंदोला से शिकायत की और कड़ी कार्रवाई की मांग की।
विधायक मेंदोला ने लिया तुरंत एक्शन
हिंदू जागरण मंच और स्थानीय लोगों के विरोध को देखते हुए विधायक रमेश मेंदोला ने तुरंत कदम उठाया।
उन्होंने महेश पालीवाल और फिरोज दोनों से ही ठेके की जिम्मेदारी वापस ले ली। साथ ही मेले में लगी दुकानों और झूलों की जांच करवाई गई।
जिन दुकानों और झूलों का संचालन गैर-हिंदू लोगों द्वारा किया जा रहा था, उन्हें तुरंत हटवा दिया गया।
क्या कहा विधायक समर्थकों ने?
विधायक रमेश मेंदोला के समर्थक जीतू यादव ने कहा कि मेला धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन है। इसे लेकर समाज में कोई असंतोष पैदा न हो, यह सबसे जरूरी है।
उन्होंने आरोप लगाया कि महेश पालीवाल ने अपने नाम से ठेका लेकर आगे मुस्लिम समाज के लोगों को दुकानें और झूले लगाने की अनुमति दी थी।
जीतू यादव ने बताया कि मौके पर सभी दुकानदारों की आईडी चेक की गई।
जिन दुकानों का संचालन मुस्लिम समाज से जुड़े लोगों द्वारा किया जा रहा था, उन्हें हटा दिया गया। वहीं,
हिंदू परिवारों और महिलाओं द्वारा चलाई जा रही दुकानों को अनुमति दी गई है।
महेश पालीवाल से भी ठेका छीना गया
विवाद बढ़ने पर सिर्फ फिरोज ही नहीं बल्कि महेश पालीवाल उर्फ गुड्डू को भी सजा दी गई।
विधायक ने उनके नाम से दिया गया ठेका भी पूरी तरह से रद्द कर दिया। इस फैसले के बाद मेले में दुकानों और झूलों की नई व्यवस्था की जा रही है।
विधायक रमेश मेंदोला और उनकी पहचान
रमेश मेंदोला भारतीय जनता पार्टी (BJP) के विधायक हैं और कैलाश विजयवर्गीय के करीबी समर्थक माने जाते हैं।
वह लंबे समय से इंदौर की राजनीति में सक्रिय हैं। मेंदोला न सिर्फ कनकेश्वरी गरबा आयोजन के आयोजक हैं।
बल्कि प्रदेश में सबसे ज्यादा वोटों से विधानसभा चुनाव जीतने का रिकॉर्ड भी उनके नाम है।
विवाद ने पकड़ा तूल
कनकेश्वरी मेला इंदौर का एक बड़ा धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन है, जहां हर साल हजारों की संख्या में लोग आते हैं।
ऐसे में इस बार ठेके के मुद्दे पर हुआ विवाद बड़ा राजनीतिक और सामाजिक मुद्दा बन गया।
हिंदू संगठन इसे भावनाओं से जुड़ा मामला बता रहे हैं। वहीं, विधायक का कहना है कि समाज की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए तुरंत कार्रवाई की गई है।