जालसाज
पेरिस और रोम के फ्रेंडशिप बैंड वाले ठग
यूरोप के शहर पेरिस और रोम में अक्सर पर्यटक जालसाजों के शिकार बनते हैं। कोई अनजान व्यक्ति अचानक आपके हाथ में फ्रेंडशिप बैंड बाँध देगा और उसके एवज में पैसे माँगेगा।
जब आप बहस में उलझते हैं, तभी उसका साथी आपकी जेब काट लेता है और आपको पता भी नहीं चलता।
बार्सिलोना का गुलाब ठगी खेल
स्पेन के बार्सिलोना में जालसाज़ों का तरीका अलग है। कोई अजनबी आपके हाथ में गुलाब पकड़ा देगा और कहेगा, अपनी पत्नी या प्रेमिका को दीजिए।
जैसे ही आप वह फूल थमा देंगे, ठग तुरंत उसकी भारी कीमत माँगेगा। इंकार करने पर आपको बुरा पति या मित्र कहलाने का डर सताएगा।
लंदन की गलियों के जादूगर और जेबकतरे
लंदन की सड़कों पर अक्सर बाज़ीगर तमाशा दिखाते हैं। राहगीर कौतूहल में ठहर जाते हैं। इसी भीड़ का फायदा उठाकर उनके साथी जेब या बैग साफ़ कर देते हैं।
लोग तमाशा देखते रह जाते हैं और ठगी का शिकार हो जाते हैं। यहाँ का यह खेल हर दिन सैकड़ों लोगों को चूना लगाता है।
इस्तांबुल का जूता पॉलिश जाल
तुर्की की राजधानी इस्तांबुल में जालसाज़ जूता पॉलिश का नया तरीका अपनाते हैं। कोई राहगीर के सामने अचानक ब्रश गिरा देगा।
जैसे ही आप भला सोचकर उसे उठाकर लौटाते हैं, वह उसी ब्रश से आपके जूते पॉलिश कर देगा और मजबूर कर रकम वसूल लेगा। आप चाहकर भी इंकार नहीं कर पाएंगे।
अर्जेंटीना का दाग और टिश्यू का छलावा
अर्जेंटीना की राजधानी में ठग राहगीरों के कपड़ों पर जानबूझकर केचप या कोल्ड ड्रिंक गिरा देते हैं।
तभी कोई दूसरा व्यक्ति मददगार बनकर टिश्यू से आपके कपड़े साफ़ करने लगता है। आपको लगता है कि वह नेकदिल इंसान है, जबकि असल में वह आपकी जेब पर हाथ साफ कर चुका होता है।
दुनिया बनाम भारत, जालसाज़ी का असली ठिकाना?
ये सब उदाहरण दुनिया के अलग-अलग देशों की ठगी के हैं। लेकिन जब भारत की राजनीति का मंच सजता है, तो ये सब विदेशी जालसाज छोटे साबित होते हैं।
यहाँ नेताओं का खेल केवल कुछ पैसों तक सीमित नहीं है, बल्कि करोड़ों जनता के विश्वास और वोट पर डाका डालने तक फैला है।
वोट चोरी और डिलीट का नया झूठ
भारत में एक नेता मंच पर चढ़कर पॉवर प्वॉइंट स्लाइड्स के सहारे जनता को समझाता है कि उनके वोट चोरी हो रहे हैं।
जब लोग सवाल पूछते हैं, तो वह नया झूठ बोलता है, वोट चोरी नहीं हो रहे बल्कि डिलीट हो रहे हैं। जनता समझदार है, पर वह खुद को होशियार ठग मानता है।
पाटलिपुत्र का अनपढ़ ठग और खोखले वादे
पाटलिपुत्र की धरती पर एक दूसरा नेता मंच से कलम हवा में फेंककर जनता से कहता है, किसी को अशिक्षित नहीं रहने दूँगा, किसी को बेरोज़गार नहीं रहने दूँगा।
असलियत यह है कि वही नेता कक्षा नौ में तीन बार फेल हुआ था। उसकी राजनीति सिर्फ खोखले वादों और वोट की लालच पर टिकी है।
वोट पर छल का वही खेल
जनता से वह केवल एक ही चीज़ माँगता है, वोट। कभी कहता है वोट चोरी हो जाता है, कभी कहता है वोट डिलीट हो जाता है, तो कभी कहता है कि वोट किसी और को चला जाता है।
असल में यही उसका सबसे बड़ा हथियार है, जिससे वह लोगों को लगातार धोखा देता है। दुनिया के ठग तो सिर्फ पर्यटकों से कुछ पैसे ऐंठते हैं, मगर भारत के विपक्षी नेता, पूरे देश से विश्वास और भविष्य छीनने वाले जालसाज़ साबित हुए हैं।