Indian Economy: भारत ने एक नया आर्थिक कीर्तिमान स्थापित कर दिया है। नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी बी.वी.आर. सुब्रमण्यम ने एक ऐतिहासिक जानकारी साझा करते हुए बताया कि भारत अब विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है।
इस प्रक्रिया में भारत ने जापान को पीछे छोड़ दिया है और अब केवल अमेरिका, चीन और जर्मनी ही इससे आगे हैं।
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Indian Economy: नीति आयोग की बैठक में ऐलान
यह महत्वपूर्ण घोषणा नीति आयोग की 10वीं गवर्निंग काउंसिल मीटिंग के बाद सामने आई। बीवीआर सुब्रमण्यम ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के हालिया आंकड़ों के अनुसार भारत की अर्थव्यवस्था अब 4 ट्रिलियन डॉलर को पार कर चुकी है।
उन्होंने इसे भारत के लिए बेहद सकारात्मक संकेत बताया और कहा कि यदि देश इसी गति से आगे बढ़ता रहा तो आने वाले 2.5 से 3 वर्षों में भारत तीसरी सबसे बड़ी वैश्विक अर्थव्यवस्था बन जाएगा।
Indian Economy: मेक इन इंडिया’ बन रहा वैश्विक आकर्षण
Indian Economy: सुब्रमण्यम ने बताया कि वर्तमान में भारत में निर्माण कार्य करना कई देशों की तुलना में सस्ता और लाभदायक है। यही कारण है कि वैश्विक कंपनियाँ, जैसे कि Apple, भारत को विनिर्माण केंद्र के रूप में प्राथमिकता दे रही हैं।
हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा Apple को अमेरिका में निर्माण की सलाह देने के संदर्भ में सुब्रमण्यम ने कहा कि भारत की प्रतिस्पर्धी लागत इसे आकर्षक बनाती है।
एसेट मोनेटाइजेशन का दूसरा चरण शुरू
Indian Economy: सरकार की आर्थिक मजबूती को आगे बढ़ाते हुए सुब्रमण्यम ने यह भी बताया कि एसेट मोनेटाइजेशन की योजना का दूसरा चरण अगस्त में शुरू किया जाएगा।
इस पहल के अंतर्गत सरकार अपनी संपत्तियों को किराए पर देगी या बेचेगी, जिससे अतिरिक्त राजस्व जुटाया जा सकेगा। इसका उद्देश्य देश के बुनियादी ढांचे और विकास योजनाओं में निवेश बढ़ाना है।
Indian Economy: वैश्विक एजेंसियों की भारत पर सकारात्मक दृष्टि
भारत की आर्थिक मजबूती का संदेश केवल देश के भीतर ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी गूंज रहा है। फिच रेटिंग्स ने भारत की औसत वार्षिक विकास दर का अनुमान बढ़ाकर 6.4% कर दिया है, जो पहले 6.2% था। फिच ने यह बढ़ोतरी भारत की महामारी के बाद की मजबूती और लचीलेपन को देखते हुए की है।
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में भारत शीर्ष पर
Indian Economy: संयुक्त राष्ट्र (यूएन) की हालिया रिपोर्ट भी भारत की विकास यात्रा की पुष्टि करती है। रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2025 में भारत की अर्थव्यवस्था 6.3% की दर से बढ़ेगी, जो वैश्विक स्तर पर सबसे तेज़ है।
इसके मुकाबले चीन की विकास दर 4.6%, अमेरिका की 1.6%, यूरोप की 1% और जापान की महज़ 0.7% रहने का अनुमान है। वहीं जर्मनी की अर्थव्यवस्था में 0.1% की गिरावट भी दर्ज की जा सकती है।
भारत की यह उपलब्धि केवल एक आर्थिक आँकड़ा नहीं, बल्कि एक व्यापक रणनीतिक और नीतिगत सफलता है। यह दर्शाता है कि भारत न केवल वैश्विक मंच पर अपनी स्थिति मजबूत कर रहा है, बल्कि आने वाले वर्षों में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर तेजी से अग्रसर है।
मजबूत नीतियां, बढ़ता विनिर्माण, वैश्विक विश्वास और आंतरिक सुधार मिलकर भारत को आर्थिक महाशक्ति बनाने की दिशा में आगे ले जा रहे हैं।