Friday, May 30, 2025

Indian delegation welcomed in Indonesia: इंडोनेशिया में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का भव्य स्वागत, पाकिस्तान को लगा झटका

Indian delegation welcomed in Indonesia: इस्लामिक वर्ल्ड में भारत की साख दिनोंदिन मज़बूत होती जा रही है। इसका ताज़ा प्रमाण इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में देखने को मिला, जहाँ जनता दल यूनाइटेड (JDU) के वरिष्ठ नेता संजय झा के नेतृत्व में पहुँचे भारतीय सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का इंडोनेशियाई सरकार ने गर्मजोशी से स्वागत किया।

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पारंपरिक सम्मान स्वरूप प्रतिनिधिमंडल को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया, जो एक मुस्लिम बहुल देश की ओर से भारत के प्रति बढ़ते सम्मान और सहयोग का प्रतीक माना जा रहा है।

Indian delegation welcomed in Indonesia: आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक समर्थन जुटाने की मुहिम

22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए बर्बर आतंकवादी हमले के बाद भारत ने एक निर्णायक कूटनीतिक पहल की है। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता और पाकिस्तान के आतंकी नेटवर्क को बेनकाब करने के उद्देश्य से भारत ने सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों को 33 देशों में भेजा है।

इंडोनेशिया पहुंचने से पहले यह प्रतिनिधिमंडल कतर, कुवैत, बहरीन और दक्षिण अफ्रीका जैसे महत्वपूर्ण मुस्लिम देशों का दौरा कर चुका है।

भारत का मकसद साफ है – दुनिया को यह समझाना कि आतंकवाद अब सिर्फ दो देशों की लड़ाई नहीं रहा, बल्कि यह वैश्विक सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरा बन चुका है।

भारत यह संदेश दे रहा है कि पाकिस्तान को सिर्फ इस आधार पर बख्शा नहीं जा सकता कि वह एक मुस्लिम देश है।

इंडोनेशिया: विश्व का सबसे बड़ा मुस्लिम देश

इंडोनेशिया में 27 करोड़ की कुल आबादी में लगभग 90 प्रतिशत लोग मुस्लिम हैं, यानी यहां 20 करोड़ 70 लाख से अधिक मुस्लिम रहते हैं। ऐसे में इस देश में भारत का इस तरह से स्वागत होना एक बड़ा कूटनीतिक संकेत है कि भारत और आतंकवाद के खिलाफ उसकी लड़ाई को मुस्लिम दुनिया में अब समझा और सराहा जा रहा है।

प्रतिनिधिमंडल में सभी दलों की भागीदारी

इस प्रतिनिधिमंडल में भारत की राजनीतिक विविधता की झलक भी देखने को मिलती है। संजय झा के नेतृत्व में शामिल सांसदों में भाजपा के प्रदन बरूआ, बृज लाल, डॉ. हेमांग जोशी और अपराजिता सारंगी, तृणमूल कांग्रेस के अभिषेक बनर्जी, कांग्रेस के सलमान खुर्शीद, CPI(M) के जॉन ब्रिटास और पूर्व राजदूत मोहन कुमार जैसे प्रतिष्ठित चेहरे शामिल हैं।

यह प्रतिनिधिमंडल इससे पहले सिंगापुर में भी सक्रिय था, जहाँ उन्होंने प्रवासी भारतीयों को संबोधित करते हुए पाकिस्तान के आतंकवादी स्वरूप को बेनकाब किया था।

संजय झा का तीखा हमला: “पाकिस्तान और आतंकवाद एक ही सिक्के के दो पहलू”

जकार्ता में संजय झा ने कहा, “पाकिस्तान की स्थिति अब ऐसी हो गई है कि बिना आतंकवाद के उसकी कल्पना नहीं की जा सकती। वह लगातार भारत के खिलाफ आतंकियों को ट्रेनिंग देकर भेज रहा है। अब समय आ गया है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय पाकिस्तान के इस चेहरे को देखे और उसे जवाबदेह ठहराए।”

भारत की रणनीति: आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक सहमति

Indian delegation welcomed in Indonesia: भारत का यह अभियान न केवल पाकिस्तान को अलग-थलग करने की रणनीति है, बल्कि यह दिखाता है कि भारत वैश्विक मंच पर आतंकवाद के खिलाफ एक ठोस और समावेशी आवाज बनकर उभर रहा है।

ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत भारत यह भी दिखा रहा है कि वह आतंकवाद से निपटने में न सिर्फ सक्षम है, बल्कि उसे राजनीतिक और कूटनीतिक मोर्चे पर भी मात देना जानता है।

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