India targets Pakistan: पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत के ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान को भारी नुकसान पहुंचाया है। भारत के सशस्त्र बल लगातार इससे जुड़े सबूत भी पेश कर रहे हैं। भारतीय सेनाओं की तरफ से किए गए हमले कितने सटीक थे, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अपने एयरबेसेज को हुए नुकसान के बाद पाकिस्तान ने दर्जनों देशों से संपर्क किया और आखिर में अमेरिका के सामने आकर संघर्ष विराम की मांग उठा दी। चूंकि भारत का आतंकी ठिकानों को निशाना बनाने का लक्ष्य पूरा हो चुका था, इसलिए संघर्ष विराम पर सहमति भी बन गई। इसी बीच भारत की कार्रवाई और पाकिस्तान के घुटनों पर आने को लेकर अब नए खुलासे हुए हैं।
Table of Contents
पाक के सरगोधा एयरबेस को निशाना?
सबसे बड़ा खुलासा हुआ है पाकिस्तान के सरगोधा में स्थित एयरबेस को निशाना बनाने का। कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि इस एयरबेस पर भारत के हमले के बाद पाकिस्तान के साथ-साथ अमेरिका तक की नींद उड़ गई। सीएनएन से लेकर न्यूयॉर्क टाइम्स तक की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि शुरुआत में संघर्ष को नियंत्रण में रखने की बात कर रहा ट्रंप प्रशासन एकाएक परमाणु आपदा के खतरे को देखते हुए एक्शन में आया और लगातार बढ़ते संघर्ष को रुकवाने में बड़ी भूमिका निभाई।
ऐसे में यह जानना अहम है कि आखिर सरगोधा एयरबेस पर हमले से पाकिस्तान में खतरे की घंटी क्यों बजने लगी? यहां मौजूद जिन किराना हिल्स को निशाना बनाए जाने की बात चल रही है, आखिर वह क्या हैं? भारत की तरफ से पाकिस्तान के एयरबेस तबाह किए जाने के बाद अमेरिका को ऐसा क्या खतरा महसूस हुआ, जिससे उसे संघर्ष को रोकने के लिए आगे आना पड़ा? आइये जानते हैं…
जानें पाकिस्तान में किन-किन एयरबेस को बनाया निशाना
पाकिस्तान को सबसे बड़ा झटका 10 मई की सुबह लगा, जब भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के आठ सैन्य ठिकानों पर हवाई हमले किए, जिनमें हवाई अड्डे, रडार इकाइयां और गोला-बारूद के भंडार शामिल थे। यह पलटवार पड़ोसी देश की ओर से लड़ाकू विमानों, मानवरहित लड़ाकू हवाई वाहनों (यूसीएवी) और मिसाइलों का इस्तेमाल कर भारत के सैन्य बुनियादी ढांचे और नागरिक क्षेत्रों पर किए गए हमलों के जवाब में किया गया था।
भारतीय वायुसेना ने रफीकी, मुरीद, चकलाला, रहीम यार खान, सुक्कुर, चुनियन, पसरूर और सियालकोट में सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया। रात भर चले घटनाक्रम ने भारत द्वारा ऑपरेशन सिंदूर शुरू किए जाने के बाद से दोनों सेनाओं के बीच सबसे भीषण संघर्ष को चिह्नित किया। भारत द्वारा निशाना बनाए गए लक्ष्यों में तकनीकी अवसंरचना, कमांड और नियंत्रण केंद्र, रडार साइट और हथियार भंडारण क्षेत्र शामिल थे। संघर्ष विराम की घोषणा के बाद एक ब्रीफिंग के दौरान विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में भारतीय प्रतिष्ठानों पर अकारण हमले के बाद पाकिस्तान को बहुत भारी और असहनीय क्षति हुई है।
उन्होंने कहा, “स्कार्दू, सरगोधा, जैकोबाबाद और भोलारी जैसे महत्वपूर्ण पाकिस्तानी एयरबेसों को भारी नुकसान पहुंचा है। साथ ही, वायु रक्षा हथियारों और रडार के नुकसान ने पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र की रक्षा को अस्थिर बना दिया है। एलओसी के पार, सैन्य बुनियादी ढांचे, कमांड और नियंत्रण केंद्रों और रसद प्रतिष्ठानों को व्यापक और सटीक नुकसान ने इसकी रक्षात्मक और आक्रामक क्षमताओं को पूरी तरह से खत्म कर दिया है।”
सरगोधा एयरबेस पर हमले से अमेरिका की क्यों उड़ी नींद
बता दें किराना हिल्स पहली बार दुनिया में चर्चा में तब आई थीं, जब अमेरिकी सैटेलाइट्स ने यह पकड़ा कि पाकिस्तान 1983 से 1990 के बीच लगातार परमाणु परीक्षण की तैयारी करता रहा। बाद में अमेरिका ने पाकिस्तान के परमाणु परीक्षणों पर आपत्ति जताई और इसी के साथ इस केंद्र पर परमाणु परीक्षणों को रोक दिया गया। हालांकि, पाकिस्तान ने यहां चीन की तरफ से सप्लाई होने वाली एम-11 मिसाइलों का भंडारण जारी रखा।
आखिर संघर्ष विराम की मांग किसने की?
सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तानी सेना ने रविवार को माना कि अपने एयरबेसेज पर हमले के बाद उसने संघर्ष विराम की मांग की। हालांकि, उसने इसके लिए मध्यस्थों से संपर्क किया। यह साफ नहीं है कि यह मध्यस्थ देश कौन से हैं, लेकिन अनुमान लगाया जा रहा है कि अमेरिका ने इसका नेतृत्व किया। बाद में अमेरिका ने भारत में कुछ अहम फोन कॉल के जरिए संघर्ष विराम कराने का अनुरोध किया। दूसरी तरफ चीन, सऊदी अरब समेत कुछ और देशों ने भी भारत और पाकिस्तान से संघर्ष विराम की अपील की। अमेरिकी मीडिया के मुताबिक, अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो और उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने इस संघर्ष विराम के लिए भारत को मनाने में अहम भूमिका निभाई।
यह भी पढ़ें: Balochistan: बलूच आर्मी ने 24 घंटे में पाक के 60 ठिकानों को बनाया निशाना