PM Modi visit to Russia: रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने भारत को सबसे बड़ा तोहफा दे दिया है। पुतिन का यह तोहफा ऐसा है, जिससे भारतीय सेना की ताकत कई गुना बढ़ जाएगी। वहीं भारतीय सेना के आगे उसके दुश्मन थर-थर कांपने को मजबूर हो जाएंगे। पीएम मोदी की 2 दिनों की रूस यात्रा के दौरान पुतिन ने भारत के डिफेंस सेक्टर को मजबूत बनाने का ऐलान किया है।
इसके तहत रूस भारतीय सेना की जरूरतों के लिए सैन्य साजो-सामान और उनके कलपुर्जे बनाने वाले संयुक्त उद्यम स्थापित करेगा। ताकि भारत को रूसी हथियारों में लगने वाले कलपुर्जों की आपूर्ति के लिए इंतजार नहीं करना पड़े। यानि अब भारत में उन सभी रूसी हथियारों के कल-पुर्जे तैयार होंगे, जिनका इस्तेमाल भारत की सेना में किया जा रहा है। वहीं रूस ने पीएम मोदी को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से नवाजा है।
रूसी हथियारों के कल-पुर्जे भारत में होंगे तैयार
विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने शिखर वार्ता में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ कल-पुर्जों की आपूर्ति में देरी का मुद्दा उठाया था। दोनों नेताओं ने यहां 22वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में भारत-रूस रक्षा संबंधों के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की। मोदी और पुतिन के बीच वार्ता के बाद एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए क्वात्रा ने कहा, ‘‘दोनों पक्षों में आम सहमति थी कि इसमें तेजी लाई जाएगी, जिसमें भारत में संयुक्त उद्यम स्थापित करना शामिल है, ताकि आवश्यक कल-पुर्जों की आपूर्ति में देरी की चुनौती का सार्थक तरीके से समाधान किया जा सके।
रूस ने पीएम मोदी को दिया देश का सर्वोच्च सम्मान
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पीएम मोदी को अपने देश के सर्वोच्च सम्मान से नवाजा। पीएम मोदी को पुतिन ने सर्वोच्च नागरिक सम्मान, ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल से सम्मानित किया। जिस पर प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति पुतिन को धन्यवाद दिया। पीएम मोदी ने कहा, “यह 140 करोड़ भारतीयों का सम्मान है। यह भारत और रूस के बीच सदियों पुरानी दोस्ती का प्रतिबिंब है। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह भारत और रूस के बीच विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त साझेदारी का सम्मान है। उन्होंने कहा कि पुतिन के नेतृत्व में पिछले 25 वर्षों में भारत और रूस के बीच संबंध मजबूत हुए हैं।”
भारत का अहम रणनीतिक साझेदार है रूस
रूस भारत के लिए सबसे बड़ा हथियारों का सप्लायर होने के साथ ही साथ सबसे अहम रणनीतिक साझेदार भी है। भारत और रूस की रणनीतिक साझेदारी वर्ष 2000 से है। ऐसे में रूसी हथियारों के कलपुर्जों की आपूर्ति के लिए भारत में संयुक्त उद्यम स्थापित करने का रूस का ये फैसला काफी महत्वपूर्ण है। इससे सेना की कार्यक्षमता और आत्मविश्वास में कई गुना तेजी आएगी। ’’ क्वात्रा ने कहा कि मोदी और पुतिन ने सैन्य साजो-सामान के सह-उत्पादन को लेकर व्यापक चर्चा की। रूस पिछले सात दशकों से भारत को सैन्य साजो-सामान और कल-पुर्जों का प्रमुख आपूर्तिकर्ता रहा है। (भाषा)