India-Pakistan: पाकिस्तान को एक बार फिर IMF से भीख मिल गई है। इस बार 1.4 अरब डॉलर यानी करीब 12 हजार करोड़ रुपये का ताजा लोन। दिलचस्प बात ये है कि जब तक ये लोन मंजूर नहीं हुआ था, तब तक पाकिस्तान भारत के खिलाफ युद्ध जैसे हालात बना रहा था। लेकिन जैसे ही IMF ने पैसे देने का ऐलान किया, पाकिस्तान ने अचानक सीजफायर की घोषणा कर दी। यानि डूबते को तिनके का सहारा।
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India-Pakistan: 12 हजार करोड़ की भीख
1958 से अब तक पाकिस्तान IMF के दरवाजे पर 23 बार दस्तक दे चुका है, जो दुनिया में सबसे ज्यादा है। शुरुआत सिर्फ 25 हजार डॉलर से हुई थी, लेकिन अब वह अरबों डॉलर मांगता है जैसे बच्चों को जेब खर्च चाहिए हो। 2008 में 7.6 अरब डॉलर, 2013 में 6.6 अरब, 2019 में 6 अरब और 2023 में फिर 3 अरब डॉलर मिले। 2024 में 7 अरब डॉलर के पैकेज को मंजूरी मिली और 2025 में पहली किश्त मिली। अब क्लाइमेट के नाम पर 1.4 अरब डॉलर और मिल गए हैं।
पाक IMF को करता है सुधार के वादे
हर बार पाकिस्तान वादे करता है कि आर्थिक सुधार करेगा, लेकिन असल में पैसा या तो सेना निगल जाती है या फिर आतंक के नेटवर्क में लग जाता है। IMF की शर्तें कागज पर तो होती हैं, मगर जमीनी हकीकत में पाकिस्तान की नीयत हर बार धोखा दे जाती है। दुनिया देख रही है, मगर आंखें मूंदे हुए।
पाकिस्तान अपनी पुरानी आदत के मुताबिक अब भी यह दावा कर रहा है कि उसने यह युद्ध जीत लिया, लेकिन वास्तविकता यह है कि 2025 का भारत-पाक युद्ध पाकिस्तान की एक बड़ी हार साबित हुआ। पाकिस्तान को गंभीर सैन्य, नागरिक, रणनीतिक और आर्थिक नुकसान हुए, जिनसे उबरने में उसे लंबा समय लगेगा।
भारत ने सैन्य क्षमता और रणनीतिक दृढ़ता का दिया परिचय
इस युद्ध ने दक्षिण एशिया के भू-राजनीतिक परिदृश्य को भी बदल दिया है। भारत ने अपनी सैन्य क्षमता और रणनीतिक दृढ़ता का परिचय दिया है। इससे साफ संदेश गया है कि भारत अब किसी भी आक्रमण या आतंकी हमले को बर्दाश्त नहीं करेगा और जरूरत पड़ने पर सख्त कार्रवाई करने से भी पीछे नहीं हटेगा।
युद्ध के बाद पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था और भी कमजोर हो गई है। सिंधु जल संधि के निलंबन का दीर्घकालिक प्रभाव पाकिस्तान की कृषि और जल संसाधनों पर पड़ेगा। उसके सैन्य बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचा है, जिसे ठीक करने में वर्षों लग सकते हैं। यह युद्ध पाकिस्तान के लिए एक सबक है कि आतंकवाद को समर्थन देने और भारत के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाने के परिणाम क्या हो सकते हैं। हालांकि यह देखना बाकी है कि पाकिस्तान इस सबक से कुछ सीखेगा या नहीं।
भारत के लिए यह युद्ध एक महत्वपूर्ण उपलब्धि
भारत के लिए यह युद्ध एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। भारत ने दिखा दिया है कि वह अपनी सुरक्षा और संप्रभुता की रक्षा के लिए कठोर कदम उठाने में सक्षम है। उसने अपनी सैन्य क्षमता का प्रदर्शन किया है और यह साबित किया है कि वह एक मजबूत और सक्षम राष्ट्र है। अंत में, 2025 का भारत-पाक युद्ध दोनों देशों के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ है। यह युद्ध चाहे बहुत कम समय तक चला, लेकिन इसके परिणाम दूरगामी हैं और यह दोनों देशों के बीच संबंधों पर प्रभाव डालेगा।
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