Saturday, May 17, 2025

India-Pakistan: ऑपरेशन सिंदूर और भारत के प्रतिबंधों से खस्ता हाल हो जाएगा पाकिस्तान; समझें पूरा मामला

India-Pakistan: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई के साथ आर्थिक और  रणनीतिक उपायों का ऐलान किया है। इसका मकसद पहले से कैश की किल्लत झेल रहे पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को भारी चोट पहुंचाना है।

WhatsApp Channel Join Now
Telegram Channel Join Now

दोनों देशों के बीच सीजफायर होने के बावजूद सिंधु जल संधि को सस्पेंड करने से लेकर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष व्यापार पर पूर्ण प्रतिबंध तक, ये सभी उपाय अभी भी लागू हैं।

सिंधु जल संधि के निलंबित होने से पाकिस्तान पर काफी प्रभाव पड़ेगा, क्योंकि यह समझौता सिंधु नदी प्रणाली और उसकी सहायक नदियों से पानी के डिस्ट्रीब्यूशन और उपयोग को कंट्रोल करता है, जो पाकिस्तान की पानी की जरूरतों और कृषि उत्पादन के लिए मददगार हैं।

सिंधु का पानी रोकने से लगेगा भारी झटका

भारत और पाकिस्तान के बीच 19 सितंबर, 1960 को स्थापित सिंधु जल संधि एक महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय जल-साझाकरण समझौता है। विश्व बैंक ने 9 सालों की बातचीत के जरिये इस समझौते को सुगम बनाया, जिसके परिणामस्वरूप तत्कालीन भारतीय प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरू और पाकिस्तानी राष्ट्रपति अयूब खान ने इस संधि पर हस्ताक्षर किए थे।

भारत सरकार के मुताबिक, पाकिस्तान अपनी 1.6 करोड़ (16 मिलियन) हेक्टेयर कृषि भूमि के 80% और अपने कुल जल उपयोग के 93% के लिए सिंधु प्रणाली पर निर्भर है। यह 23.7 करोड़ लोगों का भरण-पोषण करता है और गेहूं, चावल और कपास जैसी फसलों के माध्यम से अपने सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का एक चौथाई भाग चलाता है। सिंधु नदी 23.7 करोड़ पाकिस्तानियों का भरण-पोषण करती है।

पाकिस्तान से प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष व्यापार प्रतिबंध

विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने 2 मई को एक नोटिफिकेशन में, जिसमें एफटीपी 2023 में एक नया प्रावधान पेश किया गया है, पाकिस्तान से आयात पर पूर्ण प्रतिबंध लगाता है। निर्देश में अगले आदेश तक तत्काल प्रभाव से पाकिस्तान से आने वाले या निर्यात किए जाने वाले सभी सामानों के प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष आयात या पारगमन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।

‘अप्रत्यक्ष’ आयात बंद होने से पाकिस्तान पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ने की संभावना है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, सूखे मेवे और रसायनों सहित 500 मिलियन डॉलर मूल्य का सामान दूसरे देशों के माध्यम से भारत में आ रहा है।

टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, अप्रत्यक्ष निर्यात पर प्रतिबंध सहित भारत द्वारा लगाया गया यह व्यापक प्रतिबंध सीमा शुल्क अधिकारियों को पाकिस्तान के निर्यात को भारत में प्रवेश करने से रोकने में सक्षम करेगा।

पहले से भारी कर्ज तले दबा है पाकिस्तान

सीईआईसी के आंकड़ों के मुताबिक, दिसंबर 2024 के आखिर तक पाकिस्तान पर विदेशी ऋणदाताओं का 131 बिलियन डॉलर से अधिक बकाया था। संकट से निपटने के लिए इसने पिछले दो वित्तीय वर्षों, FY2023 और FY2024 में से प्रत्येक में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष से 3 अरब डॉलर से अधिक उधार लिया है। पाकिस्तान का वर्तमान विदेशी मुद्रा भंडार सिर्फ तीन महीने के आयात बिलों को कवर करने के लिए पर्याप्त है।

- Advertisement -

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -

Latest article