Friday, September 5, 2025

India Diesel Shipments: भारत ने ट्रंप को दिखाया ठेंगा, इन देशों के साथ मिलकर दी ट्रैरिफ को मात

India Diesel Shipments: अमेरिका हर संभव प्रयास कर रहा है कि यूक्रेन पर रूस के आक्रामक युद्ध को रोका जा सके। इसके लिए अमेरिकी पक्ष ने कई तरह की कूटनीतिक चालें चली हैं और यहां तक कि राष्ट्रपति ट्रंप ने भी छल-बल का सहारा लिया, लेकिन उनकी कोशिशों को अभी तक सफलता नहीं मिली है।

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इसी रणनीति का हिस्सा बनाते हुए, ट्रंप प्रशासन ने भारत पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगा दिया। इस कदम का मकसद सीधे तौर पर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर दबाव डालना था।

India Diesel Shipments: रूस से सस्ता कच्चा तेल खरीदा

भारत ने अमेरिकी टैरिफ और अंतरराष्ट्रीय दबाव के बावजूद अपने हित में रणनीति बनाई। देश ने रूस से सस्ता कच्चा तेल खरीदकर उसे परिष्कृत किया और फिर अंतरराष्ट्रीय बाजार में बेचा।

इस कदम से भारत ने मोटी कमाई की। आंकड़ों के मुताबिक, भारत का डीजल निर्यात अगस्त में सालाना आधार पर 137 प्रतिशत बढ़कर रोजाना 2,42,000 बैरल हो गया।

भारत ने यूरोप का डीजल निर्यात बढ़ाया

यूरोपीय यूनियन ने रूस से कच्चे तेल के आयात पर रोक लगाने की योजना बनाई है, जिसके चलते जनवरी 2026 से देश की सबसे बड़ी रूसी तेल और ईंधन निर्यातक कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज के लिए यूरोपीय बाजार बंद हो सकते हैं।

फिर भी, मौजूदा समय में भारत ने यूरोप में अपनी स्थिति मज़बूत कर ली है। ग्लोबल डेटा प्रोवाइडर Kpler के अनुसार, अगस्त में भारत ने यूरोप को डीजल का निर्यात महीने के आधार पर 73 प्रतिशत बढ़ा दिया। सालाना आधार पर यह बढ़ोतरी 124 प्रतिशत रही।

इसी तरह, एनर्जी ट्रैकर Vortexa के अनुसार, भारत का अगस्त में यूरोप को डीजल निर्यात 2,28,316 बैरल रोजाना रहा, जो सालाना आधार पर 166 प्रतिशत और जुलाई की तुलना में 36 प्रतिशत ज्यादा है।

सर्दियों में ऊर्जा की बढ़ती मांग

बाजार विशेषज्ञों के अनुसार, यूरोप में भारत के निर्यात में वृद्धि के कई कारण हैं। इनमें यूरोपियन रिफाइनरीज़ का एडवांस मेंटेनेंस शेड्यूल, सर्दियों में ऊर्जा की बढ़ती मांग, और यूरोपीय यूनियन के प्रतिबंध शामिल हैं।

विशेषज्ञ मानते हैं कि पूरे 2025 में डीजल की मांग मजबूत बनी रहेगी और भारतीय निर्यातकों के लिए अवसर बने रहेंगे।

वहीं, भारत की इस रणनीति को लेकर आलोचनाएँ भी हो रही हैं। अमेरिका के वरिष्ठ अधिकारियों का आरोप है कि भारत रूस से सस्ता तेल खरीदकर उसे परिष्कृत कर पश्चिमी देशों को बेचकर लाभ कमा रहा है।

उनका यह भी कहना है कि इस प्रक्रिया से भारत सीधे तौर पर रूस को यूक्रेन युद्ध में वित्तीय मदद दे रहा है।

भारत ने इन आरोपों को पूरी तरह खारिज कर दिया है। सरकार का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किसी को भी तेल खरीदने या न खरीदने का पूरा अधिकार है। भारत केवल अपने आर्थिक और व्यावसायिक हितों के अनुसार व्यापार कर रहा है।

इस प्रकार, अमेरिका की दवाब वाली नीतियों और अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के बावजूद, भारत ने ऊर्जा व्यापार में अपने फायदे का रास्ता खोज लिया है।

डीजल निर्यात में वृद्धि और यूरोप में मजबूत पकड़ ने यह साबित कर दिया है कि भारत वैश्विक ऊर्जा बाजार में रणनीतिक और आर्थिक रूप से सक्षम भूमिका निभा सकता है।

Madhuri Sonkar
Madhuri Sonkarhttps://reportbharathindi.com/
ETV Bharat में एक साल ट्रेनिंग कंटेंट एडिटर के तौर पर काम कर चुकी हैं। डेली हंट और Raftaar News में रिपोर्टिंग, V/O का अनुभव। लाइफस्टाइल, इंटरनेशनल और बॉलीवुड न्यूज पर अच्छी पकड़।
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